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वनोन्मूलन

सूची वनोन्मूलन

वनोन्मूलन का अर्थ है वनों के क्षेत्रों में पेडों को जलाना या काटना ऐसा करने के लिए कई कारण हैं; पेडों और उनसे व्युत्पन्न चारकोल को एक वस्तु के रूप में बेचा जा सकता है और मनुष्य के द्वारा उपयोग में लिया जा सकता है जबकि साफ़ की गयी भूमि को चरागाह (pasture) या मानव आवास के रूप में काम में लिया जा सकता है। पेडों को इस प्रकार से काटने और उन्हें पुनः न लगाने के परिणाम स्वरुप आवास (habitat) को क्षति पहुंची है, जैव विविधता (biodiversity) को नुकसान पहुंचा है और वातावरण में शुष्कता (aridity) बढ़ गयी है। साथ ही अक्सर जिन क्षेत्रों से पेडों को हटा दिया जाता है वे बंजर भूमि में बदल जाते हैं। आंतरिक मूल्यों के लिए जागरूकता का अभाव या उनकी उपेक्षा, उत्तरदायी मूल्यों की कमी, ढीला वन प्रबन्धन और पर्यावरण के कानून, इतने बड़े पैमाने पर वनोन्मूलन की अनुमति देते हैं। कई देशों में वनोन्मूलन निरंतर की जाती है जिसके परिणामस्वरूप विलोपन (extinction), जलवायु में परिवर्तन, मरुस्थलीकरण (desertification) और स्वदेशी लोगों के विस्थापन जैसी प्रक्रियाएं देखने में आती हैं। .

114 संबंधों: चरागाह, चारकोल, चंगेज़ ख़ान, चीनी जनवादी गणराज्य, टोंगा, ताड़ का तेल, ताइगा, थाईलैण्ड, दासप्रथा (पाश्चात्य), दि न्यू यॉर्क टाइम्स, दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया, द्वीपसमूह, नाईजीरिया, नवपाषाण युग, न्यू साउथ वेल्स, पराग, पशुपालन, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका, पापुआ न्यू गिनी, पारिस्थितिकी, प्रदूषण, प्रांगार चक्र, प्रवाह, प्रकाश-संश्लेषण, पृथ्वी का वायुमण्डल, पूर्वी अफ्रीका, फ़िलीपीन्स, बांग्लादेश, ब्राज़ील, बीबीसी, भ्रष्टाचार, भूमंडलीय ऊष्मीकरण, भूस्खलन, भूगोल, मध्य अफ्रीका, मध्य अमेरिका, मरुस्थलीकरण, मर्रे नदी, मलेशिया, मंगोल, म्यान्मार, मृदा, मेडागास्कर, मेक्सिको, युद्ध, रॉयल नेवी, लाल हिरण, लाओस, ..., लाइबेरिया, लकड़ी, लोएस पठार, शहरी क्षेत्र, शहरीकरण, शुष्क, श्रीलंका, शीतयुद्ध, साइबेरिया, संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन, सकल घरेलू उत्पाद, सुमात्रा, स्वतन्त्रता, सीरिया, हाइती, हिमानी, जनसंख्या वृद्धि, जल चक्र, जल दुर्लभता, जलवायु, जंगली सुअर, जकार्ता, ज्वालामुखी, जैव विविधता, जीवन स्तर, ईस्टर द्वीप, घाना, वन, वर्षावन, वस्तु, वानिकी, वियतनाम, वियतनाम युद्ध, विलोपन सिद्धान्त, विश्व बैंक, विक्टोरिया (ऑस्ट्रेलिया), वृक्षारोपण, वैश्वीकरण, खाद्य सुरक्षा, गरीबी, गिनी, ग्रीनपीस, ग्रीनहाउस, ग्रीनहाउस प्रभाव, गूगल धरती, ऑक्सीजन, ओण्टारियो, ओक, आनातोलिया, आनुवंशिकी, आर्द्रता, आवास, इथियोपिया, इंडोनेशिया, कार्बन, कार्बन डाईऑक्साइड, काग़ज़, कांस्य युग, कृषि, अपरदन, अफ़ग़ानिस्तान, अमेज़न नदी, अवसादन, उपनिवेशवाद सूचकांक विस्तार (64 अधिक) »

चरागाह

300px चरागाह उस भूमि को कहते हैं जिस पर घास लगी हो और जो पशुओं के चरने के काम आती हो। .

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चारकोल

चारकोल लकड़ी का कोयला, या काठकोयला या चारकोल (Charcoal) काला-भूरा, सछिद्र, ठोस पदार्थ है जो लकड़ी, हड्डी आदि को आक्सीजन की अनुपस्थिति में गरम करके उसमें से जल एवं अन्य वाष्शील पदार्थों को निकालकर बनाया जाता है। इस क्रिया को "उष्माविघटन" (Pyrolysis) कहते हैं। चारकोल में कार्बन की उच्च मात्रा (लगभग ८०%) होती है। यह लकड़ी को ४०० °C से 700 °C तक हवा की अनुपस्थिति में गरम करके बनाया जाता है। इसका कैलोरीजनन मान (calorific value) 29,000 से 35,000 kJ/kg के बीच होता है जो कि लकड़ी के कैलोरीजनन मान (12,000 से 21,000 kJ/kg) से बहुत अधिक है। चारकोल का उपयोग धातुकर्म में ईंधन के रूप में, औद्योगिक ईंधन के रूप में, खाने बनाने के इंधन के रूप में, बारूद निर्माण के लिये, शुद्धीकरण और फिल्तरण के लिए, कलाकारी, चिकित्सा, आदि के लिये किया जाता है। .

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चंगेज़ ख़ान

चंगेज़ खान १२२७ में चंगेज खान का साम्राज्य चंगेज खान का मंदिर चंगेज़ ख़ान (मंगोलियाई: Чингис Хаан, चिंगिस खान, सन् 1162 – 18 अगस्त, 1227) एक मंगोल ख़ान (शासक) था जिसने मंगोल साम्राज्य के विस्तार में एक अहम भूमिका निभाई। वह अपनी संगठन शक्ति, बर्बरता तथा साम्राज्य विस्तार के लिए प्रसिद्ध हुआ। इससे पहले किसी भी यायावर जाति (यायावर जाति के लोग भेड़ बकरियां पालते जिन्हें गड़रिया कहा जाता है।) के व्यक्ति ने इतनी विजय यात्रा नहीं की थी। वह पूर्वोत्तर एशिया के कई घुमंतू जनजातियों को एकजुट करके सत्ता में आया। साम्राज्य की स्थापना के बाद और "चंगेज खान" की घोषणा करने के बाद, मंगोल आक्रमणों को शुरू किया गया, जिसने अधिकांश यूरेशिया पर विजय प्राप्त की। अपने जीवनकाल में शुरू किए गए अभियान क़रा खितई, काकेशस और ख्वारज़्मियान, पश्चिमी ज़िया और जीन राजवंशों के खिलाफ, शामिल हैं। मंगोल साम्राज्य ने मध्य एशिया और चीन के एक महत्वपूर्ण हिस्से पर कब्जा कर लिया। चंगेज खान की मृत्यु से पहले, उसने ओगदेई खान को अपन उत्तराधिकारी बनाया और अपने बेटों और पोते के बीच अपने साम्राज्य को खानतों में बांट दिया। पश्चिमी जिया को हराने के बाद 1227 में उसका निधन हो गया। वह मंगोलिया में किसी न किसी कब्र में दफनाया गया था।उसके वंशजो ने आधुनिक युग में चीन, कोरिया, काकेशस, मध्य एशिया, और पूर्वी यूरोप और दक्षिण पश्चिम एशिया के महत्वपूर्ण हिस्से में विजय प्राप्त करने वाले राज्यों को जीतने या बनाने के लिए अधिकांश यूरेशिया में मंगोल साम्राज्य का विस्तार किया। इन आक्रमणों में से कई स्थानों पर स्थानीय आबादी के बड़े पैमाने पर लगातार हत्यायेँ की। नतीजतन, चंगेज खान और उसके साम्राज्य का स्थानीय इतिहास में एक भयावय प्रतिष्ठा है। अपनी सैन्य उपलब्धियों से परे, चंगेज खान ने मंगोल साम्राज्य को अन्य तरीकों से भी उन्नत किया। उसने मंगोल साम्राज्य की लेखन प्रणाली के रूप में उईघुर लिपि को अपनाने की घोषणा की। उसने मंगोल साम्राज्य में धार्मिक सहिष्णुता को प्रोत्साहित किया, और पूर्वोत्तर एशिया की अन्य जनजातियों को एकजुट किया। वर्तमान मंगोलियाई लोग उसे मंगोलिया के 'संस्थापक पिता' के रूप में जानते हैं। यद्यपि अपने अभियानों की क्रूरता के लिए चंगेज़ खान को जाना जाता है और कई लोगों द्वारा एक नरसंहार शासक होने के लिए माना जाता है परंतु चंगेज खान को सिल्क रोड को एक एकत्रीय राजनीतिक वातावरण के रूप में लाने का श्रेय दिया जाता रहा है। यह रेशम मार्ग पूर्वोत्तर एशिया से मुस्लिम दक्षिण पश्चिम एशिया और ईसाई यूरोप में संचार और व्यापार लायी, इस तरह सभी तीन सांस्कृतिक क्षेत्रों के क्षितिज का विस्तार हुआ। .

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चीनी जनवादी गणराज्य

चीनी जनवादी गणराज्य (चीनी: 中华人民共和国) जिसे प्रायः चीन नाम से भी सम्बोधित किया जाता है, पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है। १.३ अरब निवासियों के साथ यह विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है और ९६,४१,१४४ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यह रूस और कनाडा के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला देश है। इतना विशाल क्षेत्रफल होने के कारण इसकी सीमा से लगते देशों की संख्या भी विश्व में सर्वाधिक (रूस के बराबर) है जो इस प्रकार है (उत्तर से दक्षिणावर्त्त): रूस, मंगोलिया, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लाओस, म्यान्मार, भारत, भूटान, नेपाल, तिबत देश,पाकिस्तान, अफ़्गानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और कज़ाख़िस्तान। उत्तर पूर्व में जापान और दक्षिण कोरिया मुख्य भूमि से दूरी पर स्थित हैं। चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना १ अक्टूबर, १९४९ को हुई थी, जब साम्यवादियों ने गृहयुद्ध में कुओमिन्तांग पर जीत प्राप्त की। कुओमिन्तांग की हार के बाद वे लोग ताइवान या चीनी गणराज्य को चले गए और मुख्यभूमि चीन पर साम्यवादी दल ने साम्यवादी गणराज्य की स्थापना की। लेकिन चीन, ताईवान को अपना स्वायत्त क्षेत्र कहता है जबकि ताइवान का प्रशासन स्वयं को स्वतन्त्र राष्ट्र कहता है। चीनी जनवादी गणराज्य और ताइवान दोनों अपने-अपने को चीन का वैध प्रतिनिधि कहते हैं। चीन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो अभी भी अस्तित्व में है। इसकी सभ्यता ५,००० वर्षों से अधिक भी पुरानी है। वर्तमान में यह एक "समाजवादी गणराज्य" है, जिसका नेतृत्व एक दल के हाथों में है, जिसका देश के २२ प्रान्तों, ५ स्वायत्तशासी क्षेत्रों, ४ नगरपालिकाओं और २ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों पर नियन्त्रण है। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है। यह विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और एक मान्यता प्राप्त नाभिकीय महाशक्ति है। चीनी साम्यवादी दल के अधीन रहकर चीन में "समाजवादी बाज़ार अर्थव्यवस्था" को अपनाया जिसके अधीन पूंजीवाद और अधिकारवादी राजनैतिक नियन्त्रण सम्मित्लित है। विश्व के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक ढाँचे में चीन को २१वीं सदी की अपरिहार्य महाशक्ति के रूप में माना और स्वीकृत किया जाता है। यहाँ की मुख्य भाषा चीनी है जिसका पाम्परिक तथा आधुनिक रूप दोनों रूपों में उपयोग किया जाता है। प्रमुख नगरों में बीजिंग (राजधानी), शंघाई (प्रमुख वित्तीय केन्द्र), हांगकांग, शेन्ज़ेन, ग्वांगझोउ इत्यादी हैं। .

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टोंगा

टोंगा, आधिकारिक रूप से टोंगा राजशाही, दक्षिण प्रशान्त महासागर में स्थित एक द्वीपमण्डल है, जिसमें १६९ द्वीप है, जिनमें से ३६ अबसासित हैं। राजशाही उत्तर-दक्षिण पंक्ति में लगभग ८०० किलोमीटर तक फैली हुई है। .

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ताड़ का तेल

उबाल के परिणाम स्वरूप ताड़ के तेल का ब्लॉक हल्के रंग दिखा रहा है। ताड़ का तेल, नारियल तेल और ताड़ की गरी का तेल ताड़ के पेड़ों के फल से निकाले गये खाने योग्य वनस्पति तेल हैं। ताड़ का तेल आयल पाम एलएईस गुइनीन्सिस के फल की लुगदी से निकाला जाता है; ताड़ की गरी का तेल आयल पाम के फल की गरी (बीज) से निकाला जाता है और नारियल का तेल नारियल (कोकोस नुसिफेरा) की गरी से प्राप्त किया जाता है। ताड़ के तेल का रंग स्वाभाविक रूप से लाल होता है, क्योंकि इसमें बीटा कैरोटीन का एक उच्च परिमाण शामिल रहता है। ताड़ का तेल, ताड़ की गरी का तेल और नारियल तेल कुछ अत्यधिक संतृप्त वनस्पति वसाओं में से तीन हैं। ताड़ का तेल कमरे के तापमान पर अर्ध ठोस रहता है। ताड़ के तेल में कई संतृप्त और असंतृप्त वसाएं ग्लिसरिल ल्यूरेट (0.1%, संतृप्त), मिरिस्टेट (1%, संतृप्त), पामिटेट (44%, संतृप्त), स्टीयरेट (5%, संतृप्त), ओलेट (39%, एकलअसंतृप्त) लीनोलियेट (10%, बहुलअसंतृप्त और लिनोलेनेट (0.3%, बहुलअसंतृप्त) के रूप में शामिल हैं। ताड़ की गरी का तेल और नारियल तेल, ताड़ के तेल से अधिक उच्च संतृप्त तेल हैं। सभी वनस्पति तेलों की तरह ताड़ के तेल में कोलेस्ट्रॉल (अपरिष्कृत पशु वसा में पाया जाने वाला) नहीं होता, हालांकि संतृप्त वसा के सेवन से एलडीएल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल दोनों बढ़ जाते हैं। ताड़ का तेल अफ्रीका, दक्षिणपूर्व एशिया और ब्राजील के कुछ भागों की उष्णकटिबंधीय पट्टी में खाना पकाने का एक आम उपादान है। इसकी कम लागत और तलने में उपयोग के समय परिष्कृत उत्पाद की उच्च जारणकारी स्थिरता (संतृप्ति) दुनिया के अन्य भागों में व्यावसायिक भोजन उद्योग में इसके बढ़ते उपयोग को प्रोत्साहित कर रही है। .

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ताइगा

रूस के बयकाल झील के पास उगते ताइगा वन ताइगा या तायगा (रूसी: тайга́, अंग्रेजी: Taiga) विश्व के उत्तरी क्षेत्रों का एक बायोम है जिसमें चीड़ (पाइन), सरल (स्प्रूस) और लार्च जैसे कोणधारी (कॉनिफ़ेरस​) वृक्षों के वन फैले हुए हैं।, Sandra Alters, pp.

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थाईलैण्ड

श्यामदेश (थाईलैण्ड) जिसका प्राचीन भारतीय नाम श्यामदेश है दक्षिण पूर्वी एशिया में एक देश है। इसकी पूर्वी सीमा पर लाओस और कम्बोडिया, दक्षिणी सीमा पर मलेशिया और पश्चिमी सीमा पर म्यानमार है। थाईलैण्ड को सियाम के नाम से भी जाना जाता है जो ११ मई, १९४९ तक थाईलैण्ड का अधिकृत नाम था। थाई शब्द का अर्थ थाई भाषा में आज़ाद होता है। यह शब्द थाई नागरिको के सन्दर्भ में भी इस्तेमाल किया जाता है। इस वजह से कुछ लोग विशेष रूप से यहाँ बसने वाले चीनी लोग, थाईलैंड को आज भी सियाम नाम से पुकारना पसन्द करते हैं। थाईलैण्ड की राजधानी बैंकाक है। .

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दासप्रथा (पाश्चात्य)

मानव समाज में जितनी भी संस्थाओं का अस्तित्व रहा है उनमें सबसे भयावह दासता की प्रथा है। मनुष्य के हाथों मनुष्य का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न इस प्रथा के अंर्तगत हुआ है। दासप्रथा को संस्थात्मक शोषण की पराकाष्ठा कहा जा सकता है। एशिया, यूरोप, अफ्रीका, अमरीका आदि सभी भूखंडों में उदय हानेवाली सभ्यताओं के इतिहास में दासता ने सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक व्यवस्थाओं के निर्माण एवं परिचालन में महत्वपूर्ण योगदान किया है। जो सभ्यताएँ प्रधानतया तलवार के बल पर बनी, बढ़ीं और टिकी थीं, उनमें दासता नग्न रूप में पाई जाती थी। पश्चिमी सभ्यता के विकास के इतिहास में दासप्रथा ने विशिष्ट भूमिका अदा की है। किसी अन्य सभ्यता के विकास में दासों ने संभवत: न तो इतना बड़ा योग दिया है और न अन्यत्र दासता के नाम पर मनुष्य द्वारा मनुष्य का इतना व्यापक शोषण तथा उत्पीड़न ही हुआ है। पाश्चात्य सभ्यता के सभी युगों में - यूनानी, रोमन, मध्यकालीन तथा आधुनिक- दासों ने सभ्यता की भव्य इमारत को अपने पसीने और रक्त से उठाया है। .

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दि न्यू यॉर्क टाइम्स

दि न्यू यॉर्क टाइम्स अमेरिका का एक दैनिक समाचार पत्र है। .

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दक्षिण एशिया

thumb दक्षिण एशिया एक अनौपचारिक शब्दावली है जिसका प्रयोग एशिया महाद्वीप के दक्षिणी हिस्से के लिये किया जाता है। सामान्यतः इस शब्द से आशय हिमालय के दक्षिणवर्ती देशों से होता है जिनमें कुछ अन्य अगल-बगल के देश भी जोड़ लिये जाते हैं। भारत, पाकिस्तान, श्री लंका और बांग्लादेश को दक्षिण एशिया के देश या भारतीय उपमहाद्वीप के देश कहा जाता है जिसमें नेपाल और भूटान को भी शामिल कर लिया जाता है। कभी कभी इसमें अफगानिस्तान और म्याँमार को भी जोड़ लेते हैं। दक्षिण एशिया के देशों का एक संगठन सार्क भी है जिसके सदस्य देश निम्नवत हैं.

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दक्षिण पूर्व एशिया

दक्षिण पूर्व एशिया या दक्षिण पूर्वी एशिया एशिया का एक उपभाग है, जिसके अंतर्गत भौगोलिक दृष्टि से चीन के दक्षिण, भारत के पूर्व, न्यू गिनी के पश्चिम और ऑस्ट्रेलिया के उत्तर के देश आते हैं। यह क्षेत्र भूगर्भीय प्लेटों के चौराहे पर स्थित है, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में भारी भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियाँ होती हैं। दक्षिण पूर्व एशिया को दो भौगोलिक भागों में बांटा जा सकता है: मुख्यभूमि दक्षिण पूर्व एशिया, जिसे इंडोचायना भी कहते हैं, के अन्दर कंबोडिया, लाओस, बर्मा (म्यांमार), थाईलैंड, वियतनाम और प्रायद्वीपीय मलेशिया आते हैं और समुद्री दक्षिण पूर्व एशिया, जिसमें ब्रुनेई, पूर्व मलेशिया, पूर्वी तिमोर, इंडोनेशिया, फिलीपींस, क्रिसमस द्वीप और सिंगापुर शामिल हैं। श्रेणी:दक्षिण पूर्व एशिया श्रेणी:एशिया के क्षेत्र.

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द्वीपसमूह

भारत के पड़ौसी देश बर्मा में स्थित मेरगुई द्वीपसमूह द्वीपसमूह किसी सागर, महासागर या झील में स्थित द्वीपों की शृंखला को कहते हैं। भारत के अण्डमान, निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपसमूहों के उदहारण हैं। .

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नाईजीरिया

thumb फेडेरल रिपब्लिक ऑफ नाईजीरिया या नाईजीरिया संघीय गणराज्य पश्चिम अफ्रीका का एक देश है। इसकी सीमाएँ पश्चिम में बेनीन, पूर्व में चाड, उत्तर में hiकैमरून और दक्षिण में गुयाना की खाड़ी से लगती हैं। इस देश के बड़े शहरों में राजधानी अबुजा, भूतपूर्व राजधानी लागोस के अलावा इबादान, कानो, जोस और बेनिन शहर शामिल हैं। नाइजीरिया पश्चिमी अफ्रीका का एक प्रमुख देश है। पूरे अफ्रीका महाद्वीप में इस देश की आबादी सबसे अधिक है। नाइजीरिया की सीमा पश्चिम में बेनिन, पूर्व में चाड और कैमरून और उत्तर में नाइजर से मिलती हैं। .

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नवपाषाण युग

अनेकों प्रकार की निओलिथिक कलाकृतियां जिनमें कंगन, कुल्हाड़ी का सिरा, छेनी और चमकाने वाले उपकरण शामिल हैं नियोलिथिक युग, काल, या अवधि, या नव पाषाण युग मानव प्रौद्योगिकी के विकास की एक अवधि थी जिसकी शुरुआत मध्य पूर्व: फस्ट फार्मर्स: दी ओरिजंस ऑफ एग्रीकल्चरल सोसाईटीज़ से, पीटर बेल्वुड द्वारा, 2004 में 9500 ई.पू.

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न्यू साउथ वेल्स

SUBPAGENAME राज्य का ध्वज SUBPAGENAME, ऑस्ट्रेलिया का एक राज्य है। इसकी राजधानी सिडनी नगर है। .

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पराग

कैमेलिया फूल के पराग पराग पौधे द्वारा संश्लेषित शर्करा युक्त तरल पदार्थ है। सामान्यतः इसका निर्माण फूल में होता है। ये हमिंगबर्ड, तितलियों तथा कई कीट पतंगो के खाद्य पदार्थ है। आर्थिक रूप से भी यह महत्वपूर्ण हैं क्योंकि मधुमक्खियां इसी से मधु का निर्माण करती हैं। फूल के अलावा यह पौधे के अन्य भागों जैसे पत्तियों तथा फ्लोएम ऊतकों में भी निर्मित होते हैं। कुछ कीट भक्षी परजीवी पौधे इसका उपयोग कीट पतंगो को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए करते हैं। पराग का उपयोग परागण में होता है। पौधे द्वारा परागण की व्यवस्था इस बात पर निर्भर करती है कि किस तरह से परागण को इस्तेमाल किया जाता है। अधिकांश फूल अपने परागण के तरीके को लेकर मोटे तौर पर दो समूहों में विभाजित किए जा सकते हैं। कीटपरागित फूल: फूल कीटों, चमगादडों, पक्षियों और जानवरों को आकर्षित करते हैं और एक फूल से दूसरे को पराग स्थानांतरित करने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। उनका रूपाकार विशिष्ट होता है और पुंकेसर की ऐसी व्यवस्था होती है कि पराग के दाने अपने आप पक्षियों या कीटपतंगों के साथ चिपककर स्थानान्तरित हो जायें और जब वह दूसरे पौधों पर बैठे तब वहाँ स्थानांतिरित हो जाएँ। कई फूलों की एक ही प्रजाति की किसी आकर्षक विशेषता को पाने के लिए, परागनकर्ता द्वारा उन सभी फूलों में पराग को स्टिग्मा में स्थान्तरित कर देती है जो बिल्कुल सटीक रूप से समान रूप में व्यवस्थित होते हैं। कई फूल परागण के लिए मात्र फूलों के हिस्सों के बीच निकटता पर निर्भर करते हैं, जैसे सारसेनिया या मादा स्लीपर ऑर्किड। वातपरागित फूल: वायु के साथ पराग को एक फूल से अगले फूल तक ले जाते हैं उदाहरण के लिए संटी वृक्ष, एम्बोर्सिया जाति की रैग घास और एसर जाति के पेड़ और झाडियाँ। उन्हें परागण को आकर्षित करने की जरुरत नही पड़ती जिस कारण उनकी प्रवृति 'दिखावटी फूलों' की नही होती.

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पशुपालन

भेड़ें और पशु चर रहे हैं। पशुपालन कृषि विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत पालतू पशुओं के विभिन्न पक्षों जैसे भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य, प्रजनन आदि का अध्ययन किया जाता है। पशुपालन का पठन-पाठन विश्व के विभिन्न विश्वविद्यालयों में एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में किया जा रहा है। .

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पश्चिमी यूरोप

पश्चिम यूरोप क्षेत्र में यूरोप महाद्वीप के पश्चिमी राष्ट्र आते हैं। लगभग १९४५-१९९१ तक चले शीत युद्ध के समय में प्रचलित एक अन्य परिभाषा के अनुसार पश्चिम यूरोपीय संघ से संबद्ध राष्ट्रों के क्षेत्र को पश्चिम यूरोप कहते थे, जो अब यूरोपीय संघ का ही भाग है। पश्चिमी यूरोपीय संघ १९४८ के समय असाम्यवादी यूरोपीय राष्ट्रों द्वारा संगठित एक सुरक्षात्मक संगठन था और ये ईस्टर्न ब्लॉक या वारसा संधि के विरुद्ध संगठित हुआ था। पशिमी यूरोप के राष्ट्र अत्यधिक आय वाले विकसित राष्ट्र हैं, जिनमें अधिकांश जनतांत्रिक सरकार द्वारा शासित हैं और मिश्रित अर्थ-व्यवस्था के संग नाटो एवं यूरोपीय संघ के भी सदस्य हैं। संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय विभाग के अनुसार पश्चिमी यूरोप मात्र ९ राष्ट्रों का समूह है। .

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पश्चिमी अफ्रीका

अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिणी भाग को दक्षिणी अफ्रीका कहते हैं। इसमें बोत्सवानालेसोथोनामीबियादक्षिण अफ्रीकास्वाजीलैंड देश आते हैं। इनके विस्तृत आंकड़े इस प्रकार से हैं:- .

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पापुआ न्यू गिनी

कोई विवरण नहीं।

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पारिस्थितिकी

260 px 95px 173px 115px 125px पारिस्थितिकी का वैज्ञानिक साम्राज्य वैश्विक प्रक्रियाओं (ऊपर), से सागरीय एवं पार्थिव सतही प्रवासियों (मध्य) से लेकर अन्तर्विशःइष्ट इंटरैक्शंस जैसे प्रिडेशन एवं परागण (नीचे) तक होता है। पारिस्थितिकी (अंग्रेज़ी:इकोलॉजी) जीवविज्ञान की एक शाखा है जिसमें जीव समुदायों का उसके वातावरण के साथ पारस्परिक संबंधों का अध्ययन करतें हैं। प्रत्येक जन्तु या वनस्पति एक निशिचत वातावरण में रहता है। पारिस्थितिज्ञ इस तथ्य का पता लगाते हैं कि जीव आपस में और पर्यावरण के साथ किस तरह क्रिया करते हैं और वह पृथ्वी पर जीवन की जटिल संरचना का पता लगाते हैं।। हिन्दुस्तान लाइव। २ मई २०१०। पारिस्थितिकी को एन्वायरनमेंटल बायोलॉजी भी कहा जाता है। इस विषय में व्यक्ति, जनसंख्या, समुदायों और इकोसिस्टम का अध्ययन होता है। इकोलॉजी अर्थात पारिस्थितिकी (जर्मन: Oekologie) शब्द का प्रथम प्रयोग १८६६ में जर्मन जीववैज्ञानिक अर्नेस्ट हैकल ने अपनी पुस्तक "जनरेल मोर्पोलॉजी देर ऑर्गैनिज़्मेन" में किया था। बीसवीं सदी के आरम्भ में मनुष्य और उसके पर्यावरण के बीच संबंधों पर अध्ययन प्रारंभ हुआ और एक साथ कई विषयों में इस ओर ध्यान दिया गया। परिणामस्वरूप मानव पारिस्थितिकी की संकलपना आयी। प्राकृतिक वातावरण बेहद जटिल है इसलिए शोधकर्ता अधिकांशत: किसी एक किस्म के प्राणियों की नस्ल या पौधों पर शोध करते हैं। उदाहरण के लिए मानवजाति धरती पर निर्माण करती है और वनस्पति पर भी असर डालती है। मनुष्य वनस्पति का कुछ भाग सेवन करते हैं और कुछ भाग बिल्कुल ही अनोपयोगी छोड़ देते हैं। वे पौधे लगातार अपना फैलाव करते रहते हैं। बीसवीं शताब्दी सदी में ये ज्ञात हुआ कि मनुष्यों की गतिविधियों का प्रभाव पृथ्वी और प्रकृति पर सर्वदा सकारात्मक ही नहीं पड़ता रहा है। तब मनुष्य पर्यावरण पर पड़ने वाले गंभीर प्रभाव के प्रति जागरूक हुए। नदियों में विषाक्त औद्योगिक कचरे का निकास उन्हें प्रदूषित कर रहा है, उसी तरह जंगल काटने से जानवरों के रहने का स्थान खत्म हो रहा है। पृथ्वी के प्रत्येक इकोसिस्टम में अनेक तरह के पौधे और जानवरों की प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनके अध्ययन से पारिस्थितिज्ञ किसी स्थान विशेष के इकोसिस्टम के इतिहास और गठन का पता लगाते हैं। इसके अतिरिक्त पारिस्थितिकी का अध्ययन शहरी परिवेश में भी हो सकता है। वैसे इकोलॉजी का अध्ययन पृथ्वी की सतह तक ही सीमित नहीं, समुद्री जनजीवन और जलस्रोतों आदि पर भी यह अध्ययन किया जाता है। समुद्री जनजीवन पर अभी तक अध्ययन बहुत कम हो पाया है, क्योंकि बीसवीं शताब्दी में समुद्री तह के बारे में नई जानकारियों के साथ कई पुराने मिथक टूटे और गहराई में अधिक दबाव और कम ऑक्सीजन पर रहने वाले जीवों का पता चला था। .

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प्रदूषण

कारखानों द्वारा धुएँ का उत्सर्जन प्रदूषण, पर्यावरण में दूषक पदार्थों के प्रवेश के कारण प्राकृतिक संतुलन में पैदा होने वाले दोष को कहते हैं। प्रदूषक पर्यावरण को और जीव-जन्तुओं को नुकसान पहुंचाते हैं। प्रदूषण का अर्थ है - 'हवा, पानी, मिट्टी आदि का अवांछित द्रव्यों से दूषित होना', जिसका सजीवों पर प्रत्यक्ष रूप से विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान द्वारा अन्य अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ते हैं। वर्तमान समय में पर्यावरणीय अवनयन का यह एक प्रमुख कारण है।.

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प्रांगार चक्र

कार्बन चक्र आरेख. काली संख्याएं बिलियन टनों में सूचित करती हैं कि विभिन्न जलाशयों में कितना कार्बन संग्रहीत है ("GtC" से तात्पर्य कार्बन गिगाटन और आंकडे लगभग 2004 के हैं). गहरी नीली संख्याएं सूचित करती हैं कि प्रत्येक वर्ष कितना कार्बन जलाशयों के बीच संचालित होता है। इस चित्र में वर्णित रूप से अवसादों में कार्बोनेट चट्टान और किरोजेन के ~70 मिलियन GtC शामिल नहीं हैं। कार्बन चक्र जैव-भूरासायनिक चक्र है जिसके द्वारा कार्बन का जीवमंडल, मृदामंडल, भूमंडल, जलमंडल और पृथ्वी के वायुमंडल के साथ विनिमय होता है। यह पृथ्वी के सबसे महत्वपूर्ण चक्रों में एक है और जीवमंडल तथा उसके समस्त जीवों के साथ कार्बन के पुनर्नवीनीकरण और पुनरुपयोग को अनुमत करता है.

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प्रवाह

प्रवाह एक हिन्दी शब्द है। .

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प्रकाश-संश्लेषण

हरी पत्तियाँ, प्रकाश संश्लेषण के लिये प्रधान अंग हैं। सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया को प्रकाश संश्लेषण (फोटोसिन्थेसिस) कहते है। प्रकाश संश्लेषण वह क्रिया है जिसमें पौधे अपने हरे रंग वाले अंगो जैसे पत्ती, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O2) बाहर निकालते हैं। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पौधों की हरी पत्तियों की कोंशिकाओं के अन्दर कार्बन डाइआक्साइड और पानी के संयोग से पहले साधारण कार्बोहाइड्रेट और बाद में जटिल काबोहाइड्रेट का निर्माण होता है। इस प्रक्रिया में आक्सीजन एवं ऊर्जा से भरपूर कार्बोहाइड्रेट (सूक्रोज, ग्लूकोज, स्टार्च (मंड) आदि) का निर्माण होता है तथा आक्सीजन गैस बाहर निकलती है। जल, कार्बनडाइऑक्साइड, सूर्य का प्रकाश तथा क्लोरोफिल (पर्णहरित) को प्रकाश संश्लेषण का अवयव कहते हैं। इसमें से जल तथा कार्बनडाइऑक्साइड को प्रकाश संश्लेषण का कच्चा माल कहा जाता है। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण जैवरासायनिक अभिक्रियाओं में से एक है। सीधे या परोक्ष रूप से दुनिया के सभी सजीव इस पर आश्रित हैं। प्रकाश संश्वेषण करने वाले सजीवों को स्वपोषी कहते हैं। .

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पृथ्वी का वायुमण्डल

अंतरिक्ष से पृथ्वी का दृश्य: वायुमंडल नीला दिख रहा है। पृथ्वी को घेरती हुई जितने स्थान में वायु रहती है उसे वायुमंडल कहते हैं। वायुमंडल के अतिरिक्त पृथ्वी का स्थलमंडल ठोस पदार्थों से बना और जलमंडल जल से बने हैं। वायुमंडल कितनी दूर तक फैला हुआ है, इसका ठीक ठीक पता हमें नहीं है, पर यह निश्चित है कि पृथ्वी के चतुर्दिक् कई सौ मीलों तक यह फैला हुआ है। वायुमंडल के निचले भाग को (जो प्राय: चार से आठ मील तक फैला हुआ है) क्षोभमंडल, उसके ऊपर के भाग को समतापमंडल और उसके और ऊपर के भाग को मध्य मण्डलऔर उसके ऊपर के भाग को आयनमंडल कहते हैं। क्षोभमंडल और समतापमंडल के बीच के बीच के भाग को "शांतमंडल" और समतापमंडल और आयनमंडल के बीच को स्ट्रैटोपॉज़ कहते हैं। साधारणतया ऊपर के तल बिलकुल शांत रहते हैं। प्राणियों और पादपों के जीवनपोषण के लिए वायु अत्यावश्यक है। पृथ्वीतल के अपक्षय पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। नाना प्रकार की भौतिक और रासायनिक क्रियाएँ वायुमंडल की वायु के कारण ही संपन्न होती हैं। वायुमंडल के अनेक दृश्य, जैसे इंद्रधनुष, बिजली का चमकना और कड़कना, उत्तर ध्रुवीय ज्योति, दक्षिण ध्रुवीय ज्योति, प्रभामंडल, किरीट, मरीचिका इत्यादि प्रकाश या विद्युत के कारण उत्पन्न होते हैं। वायुमंडल का घनत्व एक सा नहीं रहता। समुद्रतल पर वायु का दबाव 760 मिलीमीटर पारे के स्तंभ के दाब के बराबर होता है। ऊपर उठने से दबाव में कमी होती जाती है। ताप या स्थान के परिवर्तन से भी दबाव में अंतर आ जाता है। सूर्य की लघुतरंग विकिरण ऊर्जा से पृथ्वी गरम होती है। पृथ्वी से दीर्घतरंग भौमिक ऊर्जा का विकिरण वायुमंडल में अवशोषित होता है। इससे वायुमंडल का ताप - 68 डिग्री सेल्सियस से 55 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रहता है। 100 किमी के ऊपर पराबैंगनी प्रकाश से आक्सीजन अणु आयनों में परिणत हो जाते हैं और परमाणु इलेक्ट्रॉनों में। इसी से इस मंडल को आयनमंडल कहते हैं। रात्रि में ये आयन या इलेक्ट्रॉन फिर परस्पर मिलकर अणु या परमाणु में परिणत हो जाते हैं जिससे रात्रि के प्रकाश के वर्णपट में हरी और लाल रेखाएँ दिखाई पड़ती हैं। .

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पूर्वी अफ्रीका

अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी भाग को पूर्वी अफ्रीका कहते हैं। इसमें बुरूंडीकोमोरोज़जिबूतीईरीट्रियाइथियोपियाकीनियामैडागास्करमलावीमारीशसमोजाम्बिकरवांडासेशल्ससोमालियातंजानियायुगांडाजाम्बियाज़िम्बाबवे देश आते हैं। इनके विस्तृत आंकड़े इस प्रकार से हैं:- .

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फ़िलीपीन्स

फिलीपींस के प्रमुख नगर फ़िलीपीन्स दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित एक देश है। इसका आधिकारिक नाम 'फिलीपीन्स गणतंत्र' है और राजधानी मनीला है। पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित ७१०७ द्वीपों से मिलकर यह देश बना है। फिलीपीन द्वीप-समूह पूर्व में फिलीपीन्स महासागर से, पश्चिम में दक्षिण चीन सागर से और दक्षिण में सेलेबस सागर से घिरा हुआ है। इस द्वीप-समूह से दक्षिण पश्चिम में देश बोर्नियो द्वीप के करीबन सौ किलोमीटर की दूरी पर बोर्नियो द्वीप और सीधे उत्तर की ओर ताइवान है। फिलीपींस महासागर के पूर्वी हिस्से पर पलाऊ है। पूर्वी एशिया में दक्षिण कोरिया और पूर्वी तिमोर के बाद फिलीपीन्स ही ऐसा देश है, जहां ज्यादातर लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं। ९ करोड़ से अधिक की आबादी वाला यह विश्व की 12 वीं सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। यह देश स्पेन (१५२१ - १८९८) और संयुक्त राज्य अमरीका (१८९८ - १९४६) का उपनिवेश रहा और फिलीपीन्स एशिया में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। .

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बांग्लादेश

बांग्लादेश गणतन्त्र (बांग्ला) ("गणप्रजातन्त्री बांग्लादेश") दक्षिण जंबूद्वीप का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलती है; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम “বঙ্গ” बंग या “বাংলা” बांग्ला है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया। पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किमी (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। स्वाधीनता के बाद बांग्लादेश के कुछ प्रारंभिक वर्ष राजनैतिक अस्थिरता से परिपूर्ण थे, देश में 13 राष्ट्रशासक बदले गए और 4 सैन्य बगावतें हुई। विश्व के सबसे जनबहुल देशों में बांग्लादेश का स्थान आठवां है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में 93वाँ है। फलस्वरूप बांग्लादेश विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। मुसलमान- सघन जनसंख्या वाले देशों में बांग्लादेश का स्थान 4था है, जबकि बांग्लादेश के मुसलमानों की संख्या भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या से कम है। गंगा-ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर स्थित यह देश, प्रतिवर्ष मौसमी उत्पात का शिकार होता है और चक्रवात भी बहुत सामान्य हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था, सार्क और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है।.

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ब्राज़ील

ब्रास़ील (ब्राज़ील) दक्षिण अमरीका का सबसे विशाल एवं महत्त्वपूर्ण देश है। यह देश ५० उत्तरी अक्षांश से ३३० दक्षिणी अक्षांश एवँ ३५० पश्चिमी देशान्तर से ७४० पश्चिमी देशान्तरों के मध्य विस्तृत है। दक्षिण अमरीका के मध्य से लेकर अटलांटिक महासागर तक फैले हुए इस संघीय गणराज्य की तट रेखा ७४९१ किलोमीटर की है। यहाँ की अमेज़न नदी, विश्व की सबसे बड़ी नदियों मे से एक है। इसका मुहाना (डेल्टा) क्षेत्र अत्यंत उष्ण तथा आर्द्र क्षेत्र है जो एक विषुवतीय प्रदेश है। इस क्षेत्र में जन्तुओं और वनस्पतियों की अतिविविध प्रजातियाँ वास करती हैं। ब्राज़ील का पठार विश्व के प्राचीनतम स्थलखण्ड का अंग है। अतः यहाँ पर विभिन्न भूवैज्ञानिक कालों में अनेक प्रकार के भूवैज्ञानिक संरचना सम्बंधी परिवर्तन दिखाई देते हैं। ब्राज़ील के अधिकांश पूर्वी तट एवं मध्य अमेरिका की खोज अमेरिगो वाससक्की ने की एवं इसी के नाम से नई दुनिया अमेरिका कहलाई। सन् १५०० के बाद यहाँ उपनिवेश बनने आरंभ हुए। यहाँ की अधिकांश पुर्तगाली बस्तियों का विकास १५५० से १६४० के मध्य हुआ। २४ जनवरी १९६४ को इसका नया संविधान बना। इसकी प्रमुख भाषा पुर्तगाली है। .

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बीबीसी

बीबीसी या ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोंरेशन (ब्रिटिश प्रसारण निगम) विश्व का सबसे बड़ा प्रसारण संघ है, दर्शकों की संख्या में, जिसके केवल ग्रेट ब्रिटेन में ही २६,००० कार्यकर्ता और बजट जीबी£ ४ अरब यूएस$ ७.८ अरब) से अधिक है। and the motto of the BBC is Nation Shall Speak Peace Unto Nation. The BBC is a quasi-autonomous Public Corporation operating as a public service broadcaster. The Corporation is run by the BBC Trust; however, the BBC is, per its charter, to be "free from both political and commercial influence and answers only to its viewers and listeners". Its domestic programming and broadcasts are primarily funded by levying television licence fees (under the Wireless Telegraphy Act 1949), although money is also raised through commercial activities such as sale of merchandise and programming. The BBC World Service, however, is funded by the Foreign and Commonwealth Office. In order to justify the licence fee the BBC is expected to produce a number of high-rating shows in addition to programmes that commercial broadcasters would not normally broadcast. Quite often domestic audiences affectionately refer to the BBC as the Beeb (coined by Kenny Everett). Auntie was a nickname used during the early years, said to originate in the somewhat old fashioned Auntie knows best attitude back when John Reith was in charge. The two terms have been used together as Auntie Beeb.--> .

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भ्रष्टाचार

कोई विवरण नहीं।

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भूमंडलीय ऊष्मीकरण

वैश्‍विक माध्‍य सतह का ताप 1961-1990 के सापेक्ष से भिन्‍न है 1995 से 2004 के दौरान औसत धरातलीय तापमान 1940 से 1980 तक के औसत तापमान से भिन्‍न है भूमंडलीय ऊष्मीकरण (या ग्‍लोबल वॉर्मिंग) का अर्थ पृथ्वी की निकटस्‍थ-सतह वायु और महासागर के औसत तापमान में 20वीं शताब्‍दी से हो रही वृद्धि और उसकी अनुमानित निरंतरता है। पृथ्‍वी की सतह के निकट विश्व की वायु के औसत तापमान में 2005 तक 100 वर्षों के दौरान 0.74 ± 0.18 °C (1.33 ± 0.32 °F) की वृद्धि हुई है। जलवायु परिवर्तन पर बैठे अंतर-सरकार पैनल ने निष्कर्ष निकाला है कि "२० वीं शताब्दी के मध्य से संसार के औसत तापमान में जो वृद्धि हुई है उसका मुख्य कारण मनुष्य द्वारा निर्मित ग्रीनहाउस गैसें हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, धरती के वातावरण के तापमान में लगातार हो रही विश्वव्यापी बढ़ोतरी को 'ग्लोबल वार्मिंग' कहा जा रहा है। हमारी धरती सूर्य की किरणों से उष्मा प्राप्त करती है। ये किरणें वायुमंडल से गुजरती हुईं धरती की सतह से टकराती हैं और फिर वहीं से परावर्तित होकर पुन: लौट जाती हैं। धरती का वायुमंडल कई गैसों से मिलकर बना है जिनमें कुछ ग्रीनहाउस गैसें भी शामिल हैं। इनमें से अधिकांश धरती के ऊपर एक प्रकार से एक प्राकृतिक आवरण बना लेती हैं जो लौटती किरणों के एक हिस्से को रोक लेता है और इस प्रकार धरती के वातावरण को गर्म बनाए रखता है। गौरतलब है कि मनुष्यों, प्राणियों और पौधों के जीवित रहने के लिए कम से कम 16 डिग्री सेल्शियस तापमान आवश्यक होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीनहाउस गैसों में बढ़ोतरी होने पर यह आवरण और भी सघन या मोटा होता जाता है। ऐसे में यह आवरण सूर्य की अधिक किरणों को रोकने लगता है और फिर यहीं से शुरू हो जाते हैं ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव। आईपीसीसी द्वारा दिये गये जलवायु परिवर्तन के मॉडल इंगित करते हैं कि धरातल का औसत ग्लोबल तापमान 21वीं शताब्दी के दौरान और अधिक बढ़ सकता है। सारे संसार के तापमान में होने वाली इस वृद्धि से समुद्र के स्तर में वृद्धि, चरम मौसम (extreme weather) में वृद्धि तथा वर्षा की मात्रा और रचना में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। ग्लोबल वार्मिंग के अन्य प्रभावों में कृषि उपज में परिवर्तन, व्यापार मार्गों में संशोधन, ग्लेशियर का पीछे हटना, प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा आदि शामिल हैं। .

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भूस्खलन

कैल्फोर्निया में १९९७ के जनवरी माह में हुए भूस्खलन का कम्प्यूटर सिमुलेशन भूस्खलन भूस्खलन (landslide) एक भूवैज्ञानिक घटना है। धरातली हलचलों जैसे पत्थर खिसकना या गिरना, पथरीली मिटटी का बहाव, इत्यादि इसके अंतर्गत आते है। भू-स्खलन कई प्रकार के हो सकते हैं और इसमें चट्टान के छोटे-छोटे पत्थरों के गिरने से लेकर बहुत अधिक मात्रा में चट्टान के टुकड़े और मिटटी का बहाव शामिल हो सकता है तथा इसका विस्तार कई किलोमीटर की दूरी तक हो सकता है। भारी वर्षा तथा बाढ़ या भूकम्प के आने से भू-स्खलन हो सकता है। मानव गतिवधियों, जैसे कि पेड़ों आैर वनस्पति के हटाने, सड़क किनारे खड़ी चट्टान के काटने या पानी के पाइपों में रिसाव से भी भू-स्खलन हो सकता है।;भू-स्खलन से पहले भू-स्खलन से पहले की गई तैयारी से आपको अपने घर तथा व्यापार को होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी तथा आपकी जीवित बच निकलने में सहायक होगी। अपनी काउंसिल से पता लगाएं कि आपके इलाके में पहले भी कभी भू-स्खलन हुआ है तथा उनके दुबारा कहाँ होने की संभावना है। धरती के हिलने के चिन्हों की जाँच करें। इन चिन्हों में निम्नलिखित शामिल हैं.

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भूगोल

पृथ्वी का मानचित्र भूगोल (Geography) वह शास्त्र है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि) का ज्ञान होता है। प्राकृतिक विज्ञानों के निष्कर्षों के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित करते हुए पृथ्वीतल की विभिन्नताओं का मानवीय दृष्टिकोण से अध्ययन ही भूगोल का सार तत्व है। पृथ्वी की सतह पर जो स्थान विशेष हैं उनकी समताओं तथा विषमताओं का कारण और उनका स्पष्टीकरण भूगोल का निजी क्षेत्र है। भूगोल शब्द दो शब्दों भू यानि पृथ्वी और गोल से मिलकर बना है। भूगोल एक ओर अन्य शृंखलाबद्ध विज्ञानों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग उस सीमा तक करता है जहाँ तक वह घटनाओं और विश्लेषणों की समीक्षा तथा उनके संबंधों के यथासंभव समुचित समन्वय करने में सहायक होता है। दूसरी ओर अन्य विज्ञानों से प्राप्त जिस ज्ञान का उपयोग भूगोल करता है, उसमें अनेक व्युत्पत्तिक धारणाएँ एवं निर्धारित वर्गीकरण होते हैं। यदि ये धारणाएँ और वर्गीकरण भौगोलिक उद्देश्यों के लिये उपयोगी न हों, तो भूगोल को निजी व्युत्पत्तिक धारणाएँ तथा वर्गीकरण की प्रणाली विकसित करनी होती है। अत: भूगोल मानवीय ज्ञान की वृद्धि में तीन प्रकार से सहायक होता है: सर्वप्रथम प्राचीन यूनानी विद्वान इरैटोस्थनिज़ ने भूगोल को धरातल के एक विशिष्टविज्ञान के रूप में मान्यता दी। इसके बाद हिरोडोटस तथा रोमन विद्वान स्ट्रैबो तथा क्लाडियस टॉलमी ने भूगोल को सुनिइतिहासश्चित स्वरुप प्रदान किया। इस प्रकार भूगोल में 'कहाँ' 'कैसे 'कब' 'क्यों' व 'कितनें' प्रश्नों की उचित वयाख्या की जाती हैं। .

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मध्य अफ्रीका

अफ्रीका महाद्वीप के मध्य भाग को मध्य अफ्रीका कहते हैं। इसमें अंगोलाबुरुंडीकैमरुनमध्य अफ़्रीकी गणराज्यचाडकांगो लोकतान्त्रिक गणराज्यईक्वीटोरियल गिनीगैबोनकांगो गणराज्यरवांडासाओ तोमे और प्रिन्सीप देश आते हैं। इनके विस्तृत ब्यौरे इस प्रकार से हैं। .

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मध्य अमेरिका

मध्य अमेरिका Map of Central America मध्य अमेरिका अमेरिका का केंद्रीय भौगोलिक क्षेत्र है। यह उत्तर अमेरिकी महाद्वीप का सबसे दक्षिणी हिस्सा है, जो दक्षिण में दक्षिण अमेरिका के साथ जोड़ता है। श्रेणी:भौगोलिक क्षेत्र.

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मरुस्थलीकरण

चिली के नोर्टे चिको में बकरी पालन आम है, लेकिन यह गंभीर कटाव और मरुस्थलीकरण पैदा करता है। लिमारी नदी की ऊपरी छवि मरुस्थलीकरण ज़मीन का क्षरण है, जो शुष्क और अर्द्ध-नम क्षेत्रों में विभिन्न कारकों की वजह से होता है: जिनमें विविध जलवायु और मानवीय गतिविधियांनिक मिडेलटन और डेविड थॉमस, वर्ल्ड एटलस ऑफ़ डिसर्टिफिकेशन: द्वितीय संस्करण, 1997 भी शामिल है। मरुस्थलीकरण मुख्यतः मानव निर्मित गतिविधियों के परिणाम स्वरूप होता है: विशेष तौर पर ऐसा अधिक चराई, भूमिगत जल के अत्यधिक इस्तेमाल और मानवीय एवं औद्योगिक कार्यों के लिए नदियों के जल का रास्ता बदलने की वजह से है और यह सारी प्रक्रियाएं मूलतः अधिक आबादी की वजह से संचालित होती हैं। मरुस्थलीकरण का सबसे गहरा प्रभाव है जैव विविधता और उत्पादक क्षमता में कमी, उदाहरण के लिए संक्रमण से झाड़ियों से भरे ज़मीनों के गैर देशीय चरागाह में तब्दील होना.

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मर्रे नदी

मरे नदी लम्बाई के हिसाब से ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी नदी है। यह २५७५ किलोमीटर (१६०० मील) लंबी नदी ऑस्ट्रेलियन एल्पस से निकलती है। .

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मलेशिया

मलेशिया अधिनियम 1963 (दस्तावेज़) अंग्रेजी ग्रंथों में मलेशिया से संबंधित समझौते (दस्तावेज़) मलेशिया दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित एक उष्णकटिबंधीय देश है। यह दक्षिण चीन सागर से दो भागों में विभाजित है। मलय प्रायद्वीप पर स्थित मुख्य भूमि के पश्चिम तट पर मलक्का जलडमरू और इसके पूर्व तट पर दक्षिण चीन सागर है। देश का दूसरा हिस्सा, जिसे कभी-कभी पूर्व मलेशिया के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण चीन सागर में बोर्नियो द्वीप के उत्तरी भाग पर स्थित है। मलय प्रायद्वीप पर स्थित कुआलालंपुर देश की राजधानी है, लेकिन हाल ही में संघीय राजधानी को खासतौर से प्रशासन के लिए बनाए गए नए शहर पुत्रजया में स्थानांतरित कर दिया गया है। यह 13 राज्यों से बनाया गया एक एक संघीय राज्य है। मलेशिया में चीनी, मलय और भारतीय जैसे विभिन्न जातीय समूह निवास करते हैं। यहां की आधिकारिक भाषा मलय है, लेकिन शिक्षा और आर्थिक क्षेत्र में ज्यादातर अंग्रेजी का इस्तेमाल किया जाता है। मलेशिया में १३० से ज्यादा बोलियां बोली जाती हैं, इनमें से ९४ मलेशियाई बोर्नियो में और ४० प्रायद्वीप में बोली जाती हैं। यद्यपि देश सरकारी धर्म इस्लाम है, लेकिन नागरिकों को अन्य धर्मों को मानने की स्वतंत्रता है। .

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मंगोल

चंगेज़ ख़ान एक पारम्परिक मंगोल घर, जिसे यर्त कहते हैं मंगोल मध्य एशिया और पूर्वी एशिया में रहने वाली एक जाति है, जिसका विश्व इतिहास पर गहरा प्रभाव रहा है। भारतीय उपमहाद्वीप में इस जाति को मुग़ल के नाम से जाना जाता था, जिस से मुग़ल राजवंश का नाम भी पड़ा। आधुनिक युग में मंगोल लोग मंगोलिया, चीन और रूस में वास करते हैं। विश्व भर में लगभग १ करोड़ मंगोल लोग हैं। शुरु-शुरु में यह जाति अर्गुन नदी के पूर्व के इलाकों में रहा करती थी, बाद में वह वाह्य ख़िन्गन पर्वत शृंखला और अल्ताई पर्वत शृंखला के बीच स्थित मंगोलिया पठार के आर-पार फैल गई। मंगोल जाति के लोग ख़ानाबदोशों का जीवन व्यतीत करते थे और शिकार, तीरंदाजी व घुड़सवारी में बहुत कुशल थे। १२वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इसके मुखिया तेमूचीन ने तमाम मंगोल कबीलों को एक किया। .

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म्यान्मार

म्यांमार यो ब्रह्मदेश दक्षिण एशिया का एक देश है। इसका आधुनिक बर्मी नाम 'मयन्मा' (မြန်မာ .

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मृदा

पृथ्वी ऊपरी सतह पर मोटे, मध्यम और बारीक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को मृदा (मिट्टी / soil) कहते हैं। ऊपरी सतह पर से मिट्टी हटाने पर प्राय: चट्टान (शैल) पाई जाती है। कभी कभी थोड़ी गहराई पर ही चट्टान मिल जाती है। 'मृदा विज्ञान' (Pedology) भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें मृदा के निर्माण, उसकी विशेषताओं एवं धरातल पर उसके वितरण का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता हैं। पृथऽवी की ऊपरी सतह के कणों को ही (छोटे या बडे) soil कहा जाता है .

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मेडागास्कर

मेडागास्कर, या 'मेडागास्कर गणराज्य' (पुराना नाम: मालागासी गणराज्य, फ्रांसीसी: République malgache) हिन्द महासागर में अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित एक द्वीपीय देश है। मुख्य द्वीप, जिसे मेडागास्कर कहा जाता है विश्व का चौथा सबसे बड़ा द्वीप है। यहाँ विश्व की पाँच प्रतिशत पादप और जीव प्रजातियाँ मौजूद हैं। इनमें से ८० प्रतिशत केवल मेडागास्कर में ही पाई जाती हैं। इस देश की दो तिहाई जनसंख्या अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (१.२५ अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन) से नीचे निवास करती है। .

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मेक्सिको

संयुक्त राज्य मेक्सिको, सामान्यतः मेक्सिको के रूप में जाना जाता एक देश है जो की उत्तर अमेरिका में स्थित है। यह एक संघीय संवैधानिक गणतंत्र है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तर पर सीमा से लगा हुआ हैं। दक्षिण प्रशांत महासागर इसके पश्चिम में, ग्वाटेमाला, बेलीज और कैरेबियन सागर इसके दक्षिण में और मेक्सिको की खाड़ी इसके पूर्व की ओर हैं। मेक्सिको लगभग 2 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ हैं, मेक्सिको अमेरिका में पांचवा और दुनिया में 14 वा सबसे बड़ा स्वतंत्र राष्ट्र है। 11 करोड़ की अनुमानित जनसंख्या के साथ, यह 11 वीं सबसे अधिक आबादी वाला देश है। मेक्सिको एक इकतीस राज्यों और एक संघीय जिला, राजधानी शामिल फेडरेशन है। .

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युद्ध

वर्ष १९४५ में कोलोन युद्ध एक लंबे समय तक चलने वाला आक्रामक कृत्य है जो सामान्यतः राज्यों के बीच झगड़ों के आक्रामक और हथियारबंद लड़ाई में परिवर्तित होने से उत्पन्न होता है। .

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रॉयल नेवी

रॉयल नेवी का ध्वज रॉयल नेवी संयुक्त राजशाही (इंग्लॅण्ड) की नौसेना को कहा जाता है। एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ को ब्रिटेन का सबसे अत्याधुनिक युद्धपोत कहा गया.

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लाल हिरण

डेनमार्क का एक नर लाल हिरण लाल हिरण या मराल, जिसका वैज्ञानिक नाम "सॅर्वस ऍलाफस" (Cervus elaphus) है, हिरणों की एक जाती है, जिसके हिरण आकर में सबसे बड़े माने जाते हैं। यह हिरण यूरोप, कॉकस पर्वत श्रंखला, अनातोलिया, मध्य पूर्व और मध्य एशिया में पाए जाते हैं। भारत में इसकी एक कश्मीरी हंगुल नाम की जाती पायी जाती है। उत्तर अफ़्रीका में मोरक्को और ट्यूनिशिया के एटलस पर्वत में भी यह पाए जाते हैं। दुनिया के कई हिस्सों में लाल हिरणों का मांस खाया जाता है। .

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लाओस

लाओस (आधिकारिक रूप से लाओस जनवादी लोकतान्त्रिक गणतन्त्र) दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित एक देश है। इसकी सीमाएं उत्तर पश्चिम में म्यान्मार और चीन से, पूर्व में कंबोडिया, दक्षिण में वियतनाम और पश्चिम में थाईलैंड से मिलती है। इसे हजार हाथियो की भूमि भी कहा जाता है। .

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लाइबेरिया

लाइबेरिया, आधिकारिक तौर पर लाइबेरिया गणराज्य, अफ़्रीका के पश्चिमी तट पर स्थित एक देश है, जिसकी सीमाएं सियरा लिओन, गिनी, कोट द आइवोर और प्रशांत महासागर से मिलती है। लाइबेरिया का मौसम ऊष्णकटिबंधीय है, जहां ज्यादातर वर्षा ग्रीष्म ऋतु के दौरान होती है। लाइबेरिया का ज्यादा बसाहट वाला पीपर कोस्ट मेंग्रोव फारेस्ट से बना हुआ है, जबकि अंदरुनी कम बसाहट वाला क्षेत्र वनक्षेत्र है, आगे जाकर नज़र आने वाला पठारी क्षेत्र घास का मैदान है। लाइबेरिया का इतिहास संयुक्त राज्य अमेरिका से जुड़ाव की वजह से अन्य अफ्रीकी देशों से जुदा है। यह उन गिने-चुने देशों में और पश्चिमी अफ्रीका के इकलौता देश है, जिसके मूल में कोई यूरोपीय देश नहीं है। 1821-22 में अमेरिकन कालोनाइजेशन सोसायटी द्वारा स्थापित एक बस्ती के रूप में यहां संयुक्त राज्य में छुड़ाए गए दासों को लाकर रखा जाता था, इस उम्मीद से कि यहां उन्हें ज्यादा स्वतंत्रता और समानता मिलेगी। इन मुक्त दासों ने एक प्रबुद्ध समाज बनाकर 1847 में लाइबेरिया गणराज्य का गठन किया और संयुक्त राज्य अमेरिका की तर्ज पर सरकार बनाई। अमेरिका के पांचवें राष्ट्रपति जेम्स मोनरोई के नाम पर राजधानी मोनरोई बनाई। 1980 में सेना ने तख्ता पलट कर राष्ट्रपति विलियम आर.

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लकड़ी

कई विशेषताएं दर्शाती हुई लकड़ी की सतह काष्ठ या लकड़ी एक कार्बनिक पदार्थ है, जिसका उत्पादन वृक्षों(और अन्य काष्ठजन्य पादपों) के तने में परवर्धी जाइलम के रूप में होता है। एक जीवित वृक्ष में यह पत्तियों और अन्य बढ़ते ऊतकों तक पोषक तत्वों और जल की आपूर्ति करती है, साथ ही यह वृक्ष को सहारा देता है ताकि वृक्ष खुद खड़ा रह कर यथासंभव ऊँचाई और आकार ग्रहण कर सके। लकड़ी उन सभी वानस्पतिक सामग्रियों को भी कहा जाता है, जिनके गुण काष्ठ के समान होते हैं, साथ ही इससे तैयार की जाने वाली सामग्रियाँ जैसे कि तंतु और पतले टुकड़े भी काष्ठ ही कहलाते हैं। सभ्यता के आरंभ से ही मानव लकड़ी का उपयोग कई प्रयोजनों जैसे कि ईंधन (जलावन) और निर्माण सामग्री के तौर पर कर रहा है। निर्माण सामग्री के रूप में इसका उपयोग मुख्य रूप भवन, औजार, हथियार, फर्नीचर, पैकेजिंग, कलाकृतियां और कागज आदि बनाने में किया जाता है। लकड़ी का काल निर्धारण कार्बन डेटिंग और कुछ प्रजातियों में वृक्षवलय कालक्रम के द्वारा किया जाता है। वृक्ष वलयों की चौड़ाई में साल दर साल होने वाले परिवर्तन और समस्थानिक प्रचुरता उस समय प्रचलित जलवायु का सुराग देते हैं। विभिन्न प्रकार के काष्ठ .

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लोएस पठार

शन्शी प्रान्त में लोएस पठार का एक नज़ारा लोएस पठार (Loess Plateau, लोएस प्लैटो) या हुआंगतु पठार (黃土高原, हुआंगतु गाओयेन) चीन की पीली नदी के ऊपरी और मध्य भागों में ६,४०,००० किमी२ पर विस्तृत एक पठार है। 'लोएस' एक प्रकार की बारीक़ रेतीली मिटटी को कहते हैं जिसे आँधियों ने युगों के काल में इस पठार पर बिछा दिया है और इसी मिटटी से पठार का नाम आया है। इस प्रकार की मिटटी को हवा और पानी आराम से खींचकर फैला देते हैं। लोएस पठार और इसकी यह धूली मिटटी शन्शी (Shanxi) और शान्शी (Shaanxi) प्रान्तों के पूरे भोभाग पर और गांसू, निंगशिया और भीतरी मंगोलिया के कुछ भागों पर विस्तृत है। इस पठार की लोएस मिटटी बहुत उपजाऊ है और इसपर हज़ारों सालों से कृषि चलती आ रही है, लेकिन इस मिटटी की आसानी से हिल जाने की प्रकृति के कारण यहाँ आंधी और पानी से अकसर खेतों की ज़मीन खाई जाती है, जिस से किसानों को परेशानी रहती है।, Lydia Mihelic Pulsipher, Alex Pulsipher, Conrad M. Goodwin, Macmillan, 2007, ISBN 978-0-7167-7792-2,...

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शहरी क्षेत्र

वो क्षेत्र जिनका जनसंख्या घनत्व उनके आसपास के क्षेत्रों की तुलना में अधिक और जहां मानवीय सुविधाओं की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में होती है, शहरी क्षेत्र कहलाते हैं। एक शहरी क्षेत्र, शहर या कस्बा हो सकता है पर ग्रामीण क्षेत्र जैसे कि गांव और अर्ध ग्रामीण बस्तियाँ इसकी परिभाषा के अंतर्गत नहीं आते। शहरी क्षेत्रों का सृजन और विकास शहरीकरण नामक प्रक्रिया द्वारा होता है। किसी शहरी क्षेत्र का सीमा निर्धारण उस क्षेत्र के जनसंख्या घनत्व और शहरी फैलाव के विश्लेषण और शहरी और ग्रामीण जनसंख्या को निर्धारित करने में मदद करता है, (क्यूबिलास 2007)। .

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शहरीकरण

शहरी क्षेत्रों के भौतिक विस्तार (क्षेत्रफल, जनसंख्या आदि का विस्तार) शहरीकरण (urbanization) कहलाता है। यह एक वैश्विक परिवर्तन है। संयुक्त राष्ट्र संघ की परिभाषा के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का शहरों में जाकर रहना और काम करना भी 'शहरीकरण' है। .

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शुष्क

शुष्क शब्द एक विशेषण है।;अर्थ 1.(पदार्थ या वातावरण) जो आर्द्र या नम न हो। 2.(स्थान) जहाँ वर्षा न हुई हो या न होती हो। 3.(व्यक्ति) जिसमें कोमलता, ममता, मोह, सह्रदयता आदि का अभाव हो। 4.(विषय) जो संपूर्ण न हो। जिससे मनोरंजन न होता हो। नीरस। जैसे-शुष्क वाद-विवाद। 5.जिसमें साथ रहने या न रह सकनेवाली कोई दूसरी बात न हो। पुं.काला बाजार। श्रेणी:शब्दावली.

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श्रीलंका

श्रीलंका (आधिकारिक नाम श्रीलंका समाजवादी जनतांत्रिक गणराज्य) दक्षिण एशिया में हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित एक द्वीपीय देश है। भारत के दक्षिण में स्थित इस देश की दूरी भारत से मात्र ३१ किलोमीटर है। १९७२ तक इसका नाम सीलोन (अंग्रेजी:Ceylon) था, जिसे १९७२ में बदलकर लंका तथा १९७८ में इसके आगे सम्मानसूचक शब्द "श्री" जोड़कर श्रीलंका कर दिया गया। श्रीलंका का सबसे बड़ा नगर कोलम्बो समुद्री परिवहन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण बन्दरगाह है। .

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शीतयुद्ध

नाटो तथा वार्सा संधि के देश द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के काल में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत रूस के बीच उत्पन्न तनाव की स्थिति को शीत युद्ध के नाम से जाना जाता है। कुछ इतिहासकारों द्वारा इसे 'शस्त्र सज्जित शान्ति' का नाम भी दिया गया है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने कंधे से कन्धा मिलाकर धूरी राष्ट्रों- जर्मनी, इटली और जापान के विरूद्ध संघर्ष किया था। किन्तु युद्ध समाप्त होते ही, एक ओर ब्रिटेन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका तथा दूसरी ओर सोवियत संघ में तीव्र मतभेद उत्पन्न होने लगा। बहुत जल्द ही इन मतभेदों ने तनाव की भयंकर स्थिति उत्पन्न कर दी। रूस के नेतृत्व में साम्यवादी और अमेरिका के नेतृत्व में पूँजीवादी देश दो खेमों में बँट गये। इन दोनों पक्षों में आपसी टकराहट आमने सामने कभी नहीं हुई, पर ये दोनों गुट इस प्रकार का वातावरण बनाते रहे कि युद्ध का खतरा सदा सामने दिखाई पड़ता रहता था। बर्लिन संकट, कोरिया युद्ध, सोवियत रूस द्वारा आणविक परीक्षण, सैनिक संगठन, हिन्द चीन की समस्या, यू-2 विमान काण्ड, क्यूबा मिसाइल संकट कुछ ऐसी परिस्थितियाँ थीं जिन्होंने शीतयुद्ध की अग्नि को प्रज्वलित किया। सन् 1991 में सोवियत रूस के विघटन से उसकी शक्ति कम हो गयी और शीतयुद्ध की समाप्ति हो गयी। .

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साइबेरिया

साइबेरिया का नक़्शा (गाढ़े लाल रंग में साइबेरिया नाम का संघी राज्य है, लेकिन लाल और नारंगी रंग वाले सारे इलाक़े साइबेरिया का हिस्सा माने जाते हैं गर्मी के मौसम में दक्षिणी साइबेरिया में जगह-जगह पर झीलें और हरियाली नज़र आती है याकुत्स्क शहर में 17वी शताब्दी में बना एक रूसी सैनिक-गृह साइबेरिया (रूसी: Сибирь, सिबिर) एक विशाल और विस्तृत भूक्षेत्र है जिसमें लगभग समूचा उत्तर एशिया समाया हुआ है। यह रूस का मध्य और पूर्वी भाग है। सन् 1991 तक यह सोवियत संघ का भाग हुआ करता था। साइबेरिया का क्षेत्रफल 131 लाख वर्ग किमी है। तुलना के लिए पूरे भारत का क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किमी है, यानि साइबेरिया भारत से क़रीब चार गुना है। फिर भी साइबेरिया का मौसम और भूस्थिति इतनी सख़्त है के यहाँ केवल 4 करोड़ लोग रहते हैं, जो 2011 में केवल उड़ीसा राज्य की आबादी थी। यूरेशिया का अधिकतर स्टॅप (मैदानी घासवाला) इलाक़ा साइबेरिया में आता है। साइबेरिया पश्चिम में यूराल पहाड़ों से शुरू होकर पूर्व में प्रशांत महासागर तक और उत्तर में उत्तरध्रुवीय महासागर (आर्कटिक महासागर) तक फैला हुआ है। दक्षिण में इसकी सीमाएँ क़ाज़ाक़स्तान, मंगोलिया और चीन से लगती हैं। .

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संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन

एफ़.ए.ओ मुख्यालय, रोम खाद्य एवं कृषि संगठन (अंग्रेज़ी:फूड एंड एग्रीकल्चरल ऑर्गेनाइजेशन, एफ़.ए.ओ) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो कृषि उत्पादन, वानिकी और कृषि विपणन संबंधी शोध विषय का अध्ययन करता है। यह संगठन खाद्य एवं कृषि संबंधी ज्ञान और जानकारियों के आदान-प्रदान करने का मंच भी है। इसके साथ-साथ यह इन क्षेत्रों में विभिन्न देशों के अधिकारियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी करता है। विकासशील देशों में कृषि के विकास में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है। एफ़.ए.ओ विकासशील देशों को बदलती तकनीक जैसे कृषि, पर्यावरण, पोषक तत्व और खाद्य सुरक्षा के बारे में जानकारी देता है। यह संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशिष्ट संस्था है और उसी के अन्तर्गत्त कार्य करता है। इस संगठन की स्थापना १६ अक्टूबर, १९४५ को क्यूबेक शहर, कनाडा में हुई थी। १९५१ में इसका मुख्यालय वाशिंग्टन से रोम स्थानांतरित किया गया। वर्तमान में १९१ राष्ट्र इसके सदस्य हैं, जिसमें यूरोपियाई समुदाय एवं फैरो द्वीपसमूह भी सम्मिलित हैं, जो एसोसियेट सदस्य हैं।.

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सकल घरेलू उत्पाद

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) या जीडीपी या सकल घरेलू आय (GDI), एक अर्थव्यवस्था के आर्थिक प्रदर्शन का एक बुनियादी माप है, यह एक वर्ष में एक राष्ट्र की सीमा के भीतर सभी अंतिम माल और सेवाओ का बाजार मूल्य है। GDP (सकल घरेलू उत्पाद) को तीन प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है, जिनमें से सभी अवधारणात्मक रूप से समान हैं। पहला, यह एक निश्चित समय अवधि में (आम तौर पर 365 दिन का एक वर्ष) एक देश के भीतर उत्पादित सभी अंतिम माल और सेवाओ के लिए किये गए कुल व्यय के बराबर है। दूसरा, यह एक देश के भीतर एक अवधि में सभी उद्योगों के द्वारा उत्पादन की प्रत्येक अवस्था (मध्यवर्ती चरण) पर कुल वर्धित मूल्य और उत्पादों पर सब्सिडी रहित कर के योग के बराबर है। तीसरा, यह एक अवधि में देश में उत्पादन के द्वारा उत्पन्न आय के योग के बराबर है- अर्थात कर्मचारियों की क्षतिपूर्ति की राशि, उत्पादन पर कर औरसब्सिडी रहित आयात और सकल परिचालन अधिशेष (या लाभ) GDP (सकल घरेलू उत्पाद) के मापन और मात्र निर्धारण का सबसे आम तरीका है खर्च या व्यय विधि (expenditure method): "सकल" का अर्थ है सकल घरेलू उत्पाद में से पूंजी शेयर के मूल्यह्रास को घटाया नहीं गया है। यदि शुद्ध निवेश (जो सकल निवेश माइनस मूल्यह्रास है) को उपर्युक्त समीकरण में सकल निवेश के स्थान पर लगाया जाए, तो शुद्ध घरेलू उत्पाद का सूत्र प्राप्त होता है। इस समीकरण में उपभोग और निवेश अंतिम माल और सेवाओ पर किये जाने वाले व्यय हैं। समीकरण का निर्यात - आयात वाला भाग (जो अक्सर शुद्ध निर्यात कहलाता है), घरेलू रूप से उत्पन्न नहीं होने वाले व्यय के भाग को घटाकर (आयात) और इसे फिर से घरेलू क्षेत्र में जोड़ कर (निर्यात) समायोजित करता है। अर्थशास्त्री (कीनेज के बाद से) सामान्य उपभोग के पद को दो भागों में बाँटना पसंद करते हैं; निजी उपभोग और सार्वजनिक क्षेत्र का (या सरकारी) खर्च.

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सुमात्रा

सुमात्रा इंडोनिशया देश का एक द्वीप है। मलय द्वीप समूहों में यह सबसे बड़ा है और मलाया जलसंधि (मेलक्का) के ठीक पश्चिम में स्थित है। यह उन द्वीपों में सबसे बड़ा है जिस पर इंडोनेशिया का संपूर्ण राजनैतिक शासन है। इसके अतिरिक्त यह दुनिया का ६ठा सबसे बड़ा द्वीप है। अंदमान तथा जावा द्वीपों के बीच स्थित इन द्वीपों का आकार लंबाई में खिंचा हुआ और उत्तरपश्चिम से दक्षिणपूर्व की ओर है। पश्चिमी तट के निकट बरिसान पहाड़याँ हैं जिनमे कुछ ज्वालामुखी भी हैं। साल २००४ में यहाँ सुनामी की वजह से बहुत तबाही हुई थी। श्रेणी:हिन्द महासागर के द्वीप श्रेणी:बृहत्तर सुन्दा द्वीपसमूह * श्रेणी:इण्डोनेशिया के द्वीप.

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स्वतन्त्रता

स्वतंत्रता आधुनिक काल का प्रमुख राजनैतिक दर्शन है। यह उस दशा का बोध कराती है जिसमें कोई राष्ट्र, देश या राज्य द्वारा अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करने पर किसी दूसरे व्यक्ति/ समाज/ देश का किसी प्रकार का प्रतिबन्ध या मनाही नहीं होती। अर्थात स्वतंत्र देश/ राष्ट्र/ राज्य के सदस्य स्वशासन (सेल्फ-गवर्नमेन्ट) से शासित होते हैं। स्वतंत्रता का विलोम शब्द 'परतंत्रता' है। जरूरी नहीं कि 'स्वतंत्रता' का अर्थ 'आजादी' (freedom) भी हो। .

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सीरिया

सीरिया ('''سوريّة'''. or), आधिकारिक रूप से सीरियाई अरब गणराज्य (अरबी: الجمهورية العربية السورية), दक्षिण-पश्चिम एशिया का एक राष्ट्र है। इसके पश्चिम में लेबनॉन तथा भूमध्यसागर, दक्षिण-पश्चिम में इजराइल, दक्षिण में ज़ॉर्डन, पूरब में इराक़ तथा उत्तर में तुर्की है। इसराइल तथा इराक़ के बीच स्थित होने के कारण यह मध्य-पूर्व का एक महत्वपूर्ण देश है। इसकी राजधानी दमास्कस है जो उमय्यद ख़िलाफ़त तथा मामलुक साम्राज्य की राजधानी रह चुका है। अप्रैल 1946 में फ्रांस से स्वाधीनता मिलने के बाद यहाँ के शासन में बाथ पार्टी का प्रभुत्व रहा है। 1963 से यहाँ आपातकाल लागू है जिसके कारण 1970 के बाद से यहाँ के शासक असद परिवार के लोग होते हैं। .

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हाइती

हाइती या हेटी (हाइती; अयेति), आधिकारिक तौर पर 'हाइती गणराज्य' केरिबियन देश है।। यात्रा सलाह.कॉम यह ग्रेटर एल्तिलिअन द्वीपसमूह में हिस्पानिओला द्वीप पर डोमिनिकन गणराज्य के साथ स्थित है। अयेति (ऊंचे पहाड़ों की भूमि) द्वीप के पहाड़ी पश्चिमी हिस्से के लिए स्थानीय ताइनो या अमरेनियन नाम था। देश की सर्वाधिक ऊंची चोटी पिक ला सेली (२,६८० मीटर) है। हाइती का कुल क्षेत्रफल २७,७५० वर्ग किलोमीटर है (१०,७१४ वर्ग मील) है और इसकी राजधानी पोर्ट-अउ-प्रिंस है। यहाँ क्रियोल और फ्रांसीसी भाषा बोली जाती है। हाइती की क्षेत्रीय, ऐतिहासिक और जातीय-भाषाई स्थिति कई कारणों से अद्वितीय है। यह लैटिन अमेरिका का पहला स्वतंत्र देश था, उपनिवेशवाद के बाद के दौर का पहला स्वतंत्र देश था, जिसका नेतृत्व किसी काले व्यक्ति के हाथों में था और केवल ऐसा देश जिसकी आजादी एक सफल दास विद्रोह के भाग के रूप में मिली थी। हिस्पानो-कैरेबियन पड़ोसियों के साथ साझा सांस्कृतिक संबंध होने के बावजूद हाइती अमेरिका का इकलौता मुख्यतः फ्रांसीसी भाषी देश है। यह कनाडा के अतिरिक्त दूसरा ऐसा देश है, जहां फ्रांसीसी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में दर्जा दिया गया है। बाकी अन्य फ्रांसीसी भाषी देश फ्रांस के विदेशी विभाग या फिर समुदाय रहे हैं। .

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हिमानी

काराकोरम की बाल्तोरो हिमानी हिमानी या हिमनद (अंग्रेज़ी Glacier) पृथ्वी की सतह पर विशाल आकार की गतिशील बर्फराशि को कहते है जो अपने भार के कारण पर्वतीय ढालों का अनुसरण करते हुए नीचे की ओर प्रवाहमान होती है। ध्यातव्य है कि यह हिमराशि सघन होती है और इसकी उत्पत्ति ऐसे इलाकों में होती है जहाँ हिमपात की मात्रा हिम के क्षय से अधिक होती है और प्रतिवर्ष कुछ मात्रा में हिम अधिशेष के रूप में बच जाता है। वर्ष दर वर्ष हिम के एकत्रण से निचली परतों के ऊपर दबाव पड़ता है और वे सघन हिम (Ice) के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं। यही सघन हिमराशि अपने भार के कारण ढालों पर प्रवाहित होती है जिसे हिमनद कहते हैं। प्रायः यह हिमखंड नीचे आकर पिघलता है और पिघलने पर जल देता है। पृथ्वी पर ९९% हिमानियाँ ध्रुवों पर ध्रुवीय हिम चादर के रूप में हैं। इसके अलावा गैर-ध्रुवीय क्षेत्रों के हिमनदों को अल्पाइन हिमनद कहा जाता है और ये उन ऊंचे पर्वतों के सहारे पाए जाते हैं जिन पर वर्ष भर ऊपरी हिस्सा हिमाच्छादित रहता है। ये हिमानियाँ समेकित रूप से विश्व के मीठे पानी (freshwater) का सबसे बड़ा भण्डार हैं और पृथ्वी की धरातलीय सतह पर पानी के सबसे बड़े भण्डार भी हैं। हिमानियों द्वारा कई प्रकार के स्थलरूप भी निर्मित किये जाते हैं जिनमें प्लेस्टोसीन काल के व्यापक हिमाच्छादन के दौरान बने स्थलरूप प्रमुख हैं। इस काल में हिमानियों का विस्तार काफ़ी बड़े क्षेत्र में हुआ था और इस विस्तार के दौरान और बाद में इन हिमानियों के निवर्तन से बने स्थलरूप उन जगहों पर भी पाए जाते हैं जहाँ आज उष्ण या शीतोष्ण जलवायु पायी जाती है। वर्तमान समय में भी उन्नीसवी सदी के मध्य से ही हिमानियों का निवर्तन जारी है और कुछ विद्वान इसे प्लेस्टोसीन काल के हिम युग के समापन की प्रक्रिया के तौर पर भी मानते हैं। हिमानियों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ये जलवायु के दीर्घकालिक परिवर्तनों जैसे वर्षण, मेघाच्छादन, तापमान इत्यादी के प्रतिरूपों, से प्रभावित होते हैं और इसीलिए इन्हें जलवायु परिवर्तन और समुद्र तल परिवर्तन का बेहतर सूचक माना जाता है। .

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जनसंख्या वृद्धि

जनसंख्या वृद्धि किसी भी क्षेत्र में लोगों की संख्या बढ़ने को कहा जाता है। पूरे दुनिया में मनुष्य की जनसंख्या हर साल लगभग 8.3 करोड़ या 1.1% की दर से बढ़ती जा रही है। वर्ष 1800 को पूरे विश्व की जनसंख्या लगभग एक अरब थी, जो 2017 तक बढ़ कर 7.6 अरब हो गई है। आगे भी इसकी संख्या में बढ़ाव की ही उम्मीद है और ये अंदाजा लगाया गया है कि 2030 के मध्य तक ये आबादी 8.6 अरब हो जाएगी और 2050 तक 9.8 अरब तक हो जाएगी। 2100 तक इसकी आबादी 11.2 अरब तक हो सकती है। .

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जल चक्र

जल चक्र पृथ्वी पर उपलब्ध जल के एक रूप से दूसरे में परिवर्तित होने और एक भण्डार से दूसरे भण्डार या एक स्थान से दूसरे स्थान को गति करने की चक्रीय प्रक्रिया है जिसमें कुल जल की मात्रा का क्षय नहीं होता बस रूप परिवर्तन और स्थान परिवर्तन होता है। अतः यह प्रकृति में जल संरक्षण के सिद्धांत की व्याख्या है। इसके मुख्य चक्र में सर्वाधिक उपयोग में लाए जाने वाला जल रूप - पानी (द्रव) है जो वाष्प बनकर वायुमण्डल में जाता है फिर संघनित होकर बादल बनता है और फिर बादल बनकर ठोस (हिमपात) या द्रव रूप में वर्षा के रूप में बरसता है। हिम पिघलकर पुनः द्रव में परिवर्तित हो जाता है। इस तरह जल की कुल मात्रा स्थिर रहती है। यह पृथ्वी के सम्पूर्ण पर्यावरण रुपी पारिस्थितिक तंत्र में एक भूजैवरसायन चक्र (Geobiochemical cycle) का उदाहरण है।उन सभी घटनाओं का एक पूर्ण चक्र जिसमें होकर पानी, वायुमंडलीय जलवाष्प के रूप में आरंभ होकर द्रव्य या ठोस रूप में बरसता है और उसके पष्चात् वह भू-पृष्ठ के ऊपर या उसके भीतर बहने लगता है एवं अन्ततः वाष्पन तथा वाष्पोत्सर्जन द्वारा पुनः वायुमंडलीय जल-वाष्प के रूप में बल जाता है। जल के समुद्र से वायुमण्डल में तथा फिर भूमि पर बहुत सी अवस्थाओं जैसे अवक्षेपण अंतरोधन अपवाह, अन्त: स्यन्दन अन्त: स्त्रवण भौमजल संचयन वाष्पन तथा वाष्पोत्सर्जन इत्यादि प्रक्रियाओं के बाद पुन: समुद्र में वापिस जाने का घटना चक्र। जलीय परिसंचरण (circulation) द्वारा निर्मित एक चक्र जिसके अंतर्गत जल महासागर से वायुमंडल में, वायुमंडल से भूमि (भूतल) पर और भूमि से पुनः महासागर में पहुँच जाता है। महासागर से वाष्पीकरण द्वारा जलवाष्प के रूप में जल वायुमंडल में ऊपर उठता है जहाँ जलवाष्प के संघनन से बादल बनते हैं तथा वर्षण (precipitation) द्वारा जलवर्षा अथवा हिमवर्षा के रूप में जल नीचे भूतल पर आता है और नदियों से होता हुआ पुनः महासागर में पहुँच जाता है। इस प्रकार एक जल-चक्र पूरा हो जाता है। सागर से वायुमंडल तथा थल पर से होता हुआ वापस सागर तक जाने वाला जल का परिसंचरण चक्र। जल वापस सागर तक थल पर से बहता हुआ अथवा भूमिगत मार्गों से पहुंचता है। इस निरंतर चलते रहने वाले चक्र में जल अस्थायी रूप से जीवों में तथा ताजे पानी बर्फिली जमावटों अथवा भूमिगत भंडारों के रूप में जमा होता रहता है। .

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जल दुर्लभता

भौतिक जल दुर्लभता एवं आर्थिक जल दुर्लभता का मानचित्र तंजानिया के एक क्षेत्र में पानी की दुर्लभता। यहाँ नदियों के किनारे स्थित सूखे बालू में गड्ढे खोदकर जल प्राप्त किया जाता है जो प्रायः दूषित होता है। किसी क्षेत्र में उस क्षेत्र के जल की आवश्यकता को पूरा करने के लिये पर्याप्त स्रोत न होना '''जल दुर्लभता''' कहलाता है। सभी महाद्वीपों में जल की दुर्लभता है। पूरे विश्व में लगभग २ अरब ८० करोड़ लोग पूरे वर्ष में कम से कम १ माह के लिये जल की दुर्लभता से प्रभावित होते हैं। १ अरब २० करोड़ लोगों को स्वच्छ पेय जल उपलब्ध नहीं है। श्रेणी:जल.

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जलवायु

जलवायु प्रदेशों का वितरण जलवायु किसी स्थान के वातावरण की दशा को व्पक्त करने के लिये प्रयोग किया जाता है। यह शब्द मौसम के काफी करीब है। पर जलवायु और मौसम में कुछ अन्तर है। जलवायु बड़े भूखंडो के लिये बड़े कालखंड के लिये ही प्रयुक्त होता है जबकि मौसम अपेक्षाकृत छोटे कालखंड के लिये छोटे स्थान के लिये प्रयुक्त होता है। उदाहरणार्थ - आज से तीस हजार साल पहले पृथ्वी की जलवायु आज का अपेक्षा गर्म थी। पर, आज से तीस हजार साल पहले पृथ्वी का मौसम आज की अपेक्षा गर्म था कहना ग़लत होगा। .

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जंगली सुअर

जंगली सुअर (Sus scrofa) या वाराह, सुअर की एक प्रजाति है। यह मध्य यूरोप, भूमध्य सागर क्षेत्र (उत्तरी अफ्रीका, एटलस पर्वत) सहित एशिया में इंडोनेशिया तक के क्षेत्रों का मूल निवासी है। मूल निवास दशावतार में से एक अवतार वराहावतार हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु ने दशावतार में से एक अवतार वराहावतार में इस पशु के रूप में ही अवतरण कर पृथ्वी को पाताल से बाहर निकाला था। .

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जकार्ता

जकार्ता इंडोनेशिया की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। जकार्ता जावा के उत्तर-पश्चिमी तट पर स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल ६६१कि.मी.

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ज्वालामुखी

तवुर्वुर का एक सक्रिय ज्वालामुखी फटते हुए, राबाउल, पापुआ न्यू गिनिया ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते हैं। वस्तुतः यह पृथ्वी की ऊपरी परत में एक विभंग (rupture) होता है जिसके द्वारा अन्दर के पदार्थ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी द्वारा निःसृत इन पदार्थों के जमा हो जाने से निर्मित शंक्वाकार स्थलरूप को ज्वालामुखी पर्वत कहा जाता है। ज्वालामुखी का सम्बंध प्लेट विवर्तनिकी से है क्योंकि यह पाया गया है कि बहुधा ये प्लेटों की सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं क्योंकि प्लेट सीमाएँ पृथ्वी की ऊपरी परत में विभंग उत्पन्न होने हेतु कमजोर स्थल उपलब्ध करा देती हैं। इसके अलावा कुछ अन्य स्थलों पर भी ज्वालामुखी पाए जाते हैं जिनकी उत्पत्ति मैंटल प्लूम से मानी जाती है और ऐसे स्थलों को हॉटस्पॉट की संज्ञा दी जाती है। भू-आकृति विज्ञान में ज्वालामुखी को आकस्मिक घटना के रूप में देखा जाता है और पृथ्वी की सतह पर परिवर्तन लाने वाले बलों में इसे रचनात्मक बल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि इनसे कई स्थलरूपों का निर्माण होता है। वहीं, दूसरी ओर पर्यावरण भूगोल इनका अध्ययन एक प्राकृतिक आपदा के रूप में करता है क्योंकि इससे पारितंत्र और जान-माल का नुकसान होता है। .

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जैव विविधता

--> वर्षावन जैव विविधता जीवन और विविधता के संयोग से निर्मित शब्द है जो आम तौर पर पृथ्वी पर मौजूद जीवन की विविधता और परिवर्तनशीलता को संदर्भित करता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (युएनईपी), के अनुसार जैवविविधता biodiversity विशिष्टतया अनुवांशिक, प्रजाति, तथा पारिस्थितिकि तंत्र के विविधता का स्तर मापता है। जैव विविधता किसी जैविक तंत्र के स्वास्थ्य का द्योतक है। पृथ्वी पर जीवन आज लाखों विशिष्ट जैविक प्रजातियों के रूप में उपस्थित हैं। सन् 2010 को जैव विविधता का अंतरराष्ट्रीय वर्ष, घोषित किया गया है। .

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जीवन स्तर

जीवन स्तर (Standard of living) एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में एक निश्चित सामाजिक-आर्थिक वर्ग के लिए उपलब्ध धन, सुख, भौतिक वस्तुओं और आवश्यकताओं के स्तर को दर्शाता हैं। जीवन स्तर में आय, रोजगार की गुणवत्ता और उपलब्धता, वर्ग असमानता, गरीबी दर, आवास की गुणवत्ता औरखरीदने की क्षमता, आवश्यकताएँ खरीद करने के लिए आवश्यक काम के घंटे, सकल घरेलू उत्पाद, मुद्रास्फीति दर, वार्षिक अवकाश, स्वास्थ्य सेवाओं की सस्ती (या मुफ्त) सुलभता, शिक्षा की गुणवत्ता और उपलब्धता, जीवन प्रत्याशा, रोग की घटनाएँ, वस्तुओं और सेवाओं की लागत, बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के लिए उपयोग, राष्ट्रीय आर्थिक विकास, आर्थिक और राजनैतिक स्थिरता, राजनैतिक और धार्मिक स्वतंत्रता, पर्यावरण की गुणवत्ता, जलवायु और सुरक्षा, जैसे कारक शामिल हैं। जीवन स्तर जीवन की गुणवत्ता से बारीकी से संबंधित हैं। २०१३ में, मानव विकास सूचकांक ने जीवन की गुणवत्ता के लिए निम्न रूप से शीर्ष छह देशों को श्रेणीबद्ध किया - नॉर्वे, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्ज़रलैंड, नीदरलैण्ड, संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी मनुष्य की अधिकांश आर्थिक क्रियाएँ आवश्कताओं को संतुष्ट करने के लिये होती हैं। ये आवश्यकताएँ दैनिक जीवन में उपभोग की जानेवाली विभिन्न वस्तुओं की होती हैं। इनकी पूर्ति सामान्यत: मनुष्य की आय के अनुसार होती है। यदि आय अधिक हुई तो न केवल अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। वरन् आराम और विलासिता संबंधी वस्तुओं का भी उपभोग किया जाता है जीवन का स्तर उन्हीं आवश्यकताओं की पूर्ति का द्योतक होता है जो मनुष्य अपनी आय के अनुसार प्राप्त करता है। ये आवश्यकताएँ जलवायु, सामाजिक स्तर तथा सांस्कृतिक परंपराओं के अनुसार भिन्न भिन्न स्थानों में बदलती रहती है। जीवन के स्तर का कोई दृढ़ मापदंड नहीं है। इसका अनुमान हम आय-व्यय के लेखा द्वारा ही कर सकते हैं और जीवन-स्तर को तुलनात्मक शब्दों में ही व्यक्त किया जा सकता है, जैसे ऊँचे जीवन का स्तर अथवा नीचे जीवन का स्तर। जो मनुष्य अच्छा भोजन करता हो, हवादार मकान में रहता हो, स्वच्छ कपड़े पहनता हो तथा स्वास्थ्य और मनोरंजन इत्यादि के लिये समुचित प्रबंध रखता हो, उसके रहन-सहन को हम जीवन का ऊँचा स्तर मानते हैं। इसके विपरीत जीवन का नीचा स्तर उन लोगों का माना जाता है जो इन बातों की व्यवस्था ठीक से न कर सकें तथा स्वास्थ्य, कार्यक्षमता एवं मनोरंजन के लिए सुविधाएँ प्राप्त न कर सकें। जीवन का ऊँचा स्तर मनुष्य की कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक होता है। आवश्यकताओं की पूर्ति के अतिरिक्त मनुष्य अपनी आय के अनुसार स्वास्थ्य तथा शिक्षा के लिये खर्च करता है। इसके बाद मनोरंजन तथा विलासिता संबंधी व्यय किया जाता है जो परोक्ष रूप से कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं। इस प्रकार किए गए व्यय के लिये यह आवश्यक है कि प्रत्येक कार्य के लिये धन का व्यय उचित अनुपात में तथा विवेकपूर्ण ढंग से हो ताकि उपभोग की गई वस्तुओं से अधिकतम मात्रा में उपयोगिता प्राप्त की जा सके। समाज के विभिन्न वर्गों का जीवनस्तर उनके व्यवसाय पर भी निर्भर होता है जैसे समान आय वाले एक डाक्टर और एक दुकानदार के जीवनस्तर में पर्याप्त अंतर पाया जाता है। डाक्टर अपने तथा परिवार के लोगों के लिये कपड़ा, मकान, शिक्षा तथा मनोरंजनादि पर दुकानदार के अनुपात में अधिक व्यय करेगा, जबकि दुकानदार अपनी आमदनी का एक बड़ा भाग अपने व्यवसाय की उन्नति में लगाना चाहेगा। किसी देश के निवासियों का जीवनस्तर उस देश की राष्ट्रीय आय द्वारा भी जाना जा सकता है। पाश्चात्य देशों के अनुपात में भारत की राष्ट्रीय आय बहुत कम है अत: जीवन का स्तर भारत में नीचा माना जाता है। नीचे जीवनस्तर के मुख्य कारण जनसंख्या की तीव्र वृद्धि, निर्धनता, उत्पादन के साधनों की कमी तथा अशिक्षा हैं। इसके अतिरिक्त भारत की धार्मिक तथा सामाजिक परंपराएँ भी ऊँचे जीवनस्तर को प्रोत्साहन नहीं देतीं। सादा जीवन, उच्च विचार ही यहाँ की विचारधारा रही है परंतु स्वतंत्रता के उपरांत पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा आर्थिक उन्नति के निरंतर प्रयास हुए हैं जिससे राष्ट्रीय आय पर्याप्त मात्रा में बढ़ गई है और हमारी कार्यक्षमता तथा स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ा है। परिणाम स्वरूप उत्पादन और उपभोग की मात्रा में भी वृद्धि हुई है। .

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ईस्टर द्वीप

ईस्टर द्वीप (रापा नुई:Rapa Nui); (स्पैनिश: Isla de Pascua), दक्षिणपूर्व प्रशांत महासागर में पोलिनेशियाई त्रिकोण के सबसे दक्षिणपूर्व बिंदु पर स्थित एक पोलिनेशियाई द्वीप है। चिली के इस विशेष क्षेत्र का 1888 में चिली में विलय किया गया। ईस्टर द्वीप अपनी 887 मोवाई बड़ी मूर्तियां के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें प्राचीन रापानुई लोगों ने बनाया था। यह एक विश्व धरोहर स्थल है और द्वीप का अधिकतर भाग रापा नुई राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आता है। आधुनिक समय में द्वीप को संसाधनों के आवश्यकता से अधिक दोहन से होने वाली सांस्कृतिक और पर्यावरणीय हानि के एक जीवंत उदाहरण के तौर पर देखा जाता है, हालाँकि अब इस सिद्धांत को नृवंशविज्ञानियों और पुरातत्वविदों से कड़ी चुनौती मिल रही है, उनके मतानुसार यूरोपीय उपनिवेशकों द्वारा लाई गयी बीमारियां और दासव्यापार द्वारा सन 1800 के शतक दौरान मूलनिवासियों की संख्या में आई भयंकर कमी का, पर्यावरणीय गिरावट की तुलना में बहुत अधिक सामाजिक प्रभाव पड़ा और यूरोपीय उपनिवेशकों द्वारा अपने साथ लाये गये जानवरों, पहले चूहे और फिर भेड़ों की वजह से द्वीप की मूल वनस्पति को बहुत अधिक नुकसान हुआ और द्वीप 1930-1960 के बीच लगभग वनविहीन हो चला था। अंतर्निहित द्वीप का भूविज्ञान, विलुप्त ज्वालामुखियों में से एक है। चित्र:Easter island and south america.jpg|ईस्टर द्वीप चित्र:Orthographic projection centred over Easter Island.png | ग्लोब पर ईस्टर द्वीप File:AhuTongariki.JPG | ईस्टर द्वीप की मूर्तियां File:Baile de Isla de Pascua.jpg|पंख वेशभूषा के साथ ईस्टर द्वीप की पॉलीनेशिअन नतर्कियाँ .

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घाना

घाना गणराज्य पश्चिम अफ्रीका में स्थित एक देश है। इसकी सीमा पश्चिम में कोट द' आईवोर (आइवरी कोस्ट), उत्तर में बुर्किना फासो, पूर्व में टोगो और दक्षिण में गिनी की खाड़ी से मिलती है। घाना शब्द का अर्थ "लड़ाकू राजा" है। औपनिवेशिक समय से पूर्व घाना पर अनेक प्राचीन राजवंशों का प्रभुत्व था, जिनमें पूर्वी तट पर गा-दामेस और अंदरुनी क्षेत्र में अशांति साम्राज्य के अलावा तटीय और अंदरुनी क्षेत्रों में अनेक फान्ते और इवे राज्य शामिल थे। १५ वीं सदी में पुर्तगालियों के साथ संपर्क में आने के बाद यूरोपिय देशों के साथ व्यापार की बढ़ोतरी हुई और ब्रिटेन ने १८७४ में गोल्ड कोस्ट, के नाम से राजशाही उपनिवेश की स्थापना की। गोल्ड कोस्ट १९५७ में यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्रता हासिल करने वाला पहला उप सहारा अफ्रीकी राष्ट्र बना। प्राचीन साम्राज्य घाना, जिसका विस्तार एक समय पूरे पश्चिम अफ्रीका में था, के नाम पर नए देश का नाम घाना रखा गया। घाना अनेक अंतरराष्ट्रीय संगठनों का सदस्य है, जिनमें राष्ट्रमंडल, पश्चिम अफ्रीकी राज्यों का आर्थिक सामुदायिक, अफ्रीकी संघ और संयुक्त राष्ट्र शामिल हैं। .

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वन

National Park)). एक क्षेत्र जहाँ वृक्षों का घनत्व अत्यधिक रहता है उसे वन कहते हैं। पेड़ जंगल के कई परिभाषाएँ, है जो कि विभिन्न मानदंडों पर आधारित हैं। वनों ने पृथ्वी के लगभग ९.४% भाग को घेर रखा है और कुल भूमि क्षेत्र का लगभग 30% भाग घेर रखा है। कभी वन कुल भूमि क्षेत्र के ५०% भाग में फैल हुए थे। वन जीव जन्तुओं के लिए आवास स्थल, जल-चक्र को प्रभावित करते हैं और मृदा संरक्षण के काम आते हैं इसी कारण यह पृथ्वी के जैवमण्डल का अहम हिस्सा कहलाते हैं। इतिहास बताता है, कि "वन" एक बीहड़ क्षेत्र जिसका मतलब कानूनी तौर पर बाजू के लिए निर्धारित शिकार के द्वारा सामंती कुलीनता है और इन शिकार जंगलों जरूरी ज्यादा अगर में सभी (देखें जंगली नहीं थे रॉयल वन। हालांकि, शिकार के जंगलों अक्सर वुडलैंड के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया जबकि, शब्द वन अंततः जंगली भूमि अधिक सामान्यतः मतलब करने के लिए आया था। एक वुडलैंड जो की एक जंगल से भिन्न है। .

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वर्षावन

ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में डैनट्री वर्षावन. क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में केर्न्स के पास डैनट्री वर्षावन. न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया में इल्लावारा ब्रश के भाग। वर्षावन वे जंगल हैं, जिनमें प्रचुर मात्रा में वर्षा होती है अर्थात जहां न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 1750-2000 मि॰मी॰ (68-78 इंच) के बीच है। मानसूनी कम दबाव का क्षेत्र जिसे वैकल्पिक रूप से अंतर-उष्णकटिबंधीय संसृति क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, की पृथ्वी पर वर्षावनों के निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका है। विश्व के पशु-पौधों की सभी प्रजातियों का कुल 40 से 75% इन्हीं वर्षावनों का मूल प्रवासी है। यह अनुमान लगाया गया है कि पौधों, कीटों और सूक्ष्मजीवों की कई लाख प्रजातियां अभी तक खोजी नहीं गई हैं। उष्णकटिबंधीय वर्षावनों को पृथ्वी के आभूषण और संसार की सबसे बड़ी औषधशाला कहा गया है, क्योंकि एक चौथाई प्राकृतिक औषधियों की खोज यहीं हुई है। विश्व के कुल ऑक्सीजन प्राप्ति का 28% वर्षावनों से ही मिलता है, इसे अक्सर कार्बन डाई ऑक्साइड से प्रकाश संष्लेषण के द्वारा प्रसंस्करण कर जैविक अधिग्रहण के माध्यम से कार्बन के रूप में भंडारण करने वाले ऑक्सीजन उत्पादन के रूप में गलत समझ लिया जाता है। भूमि स्तर पर सूर्य का प्रकाश न पहुंच पाने के कारण वर्षावनों के कई क्षेत्रों में बड़े वृक्षों के नीचे छोटे पौधे और झाड़ियां बहुत कम उग पाती हैं। इस से जंगल में चल पाना संभव हो जाता है। यदि पत्तों के वितानावरण को काट दिया जाए या हलका कर दिया जाए, तो नीचे की जमीन जल्दी ही घनी उलझी हुई बेलों, झाड़ियों और छोटे-छोटे पेड़ों से भर जाएगी, जिसे जंगल कहा जाता है। दो प्रकार के वर्षावन होते हैं, उष्णकटिबंधीय वर्षावन तथा समशीतोष्ण वर्षावन। .

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वस्तु

वस्तु एकनिर्जीव पदार्थ या उत्पाद है जिसे मुद्रा अथवा सेवाओं के बदले प्राप्त किया जा सकता है। श्रेणी:प्रारंभिक लेख.

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वानिकी

आस्ट्रिया में वानिकी वनों का सृजन, प्रबन्धन, उपयोग एवं संरक्षण की विधा को वानिकी (Forestry) कहा जाता है। यह विज्ञान, कला और कारीगरी (क्राफ्ट) का मिश्रण है। .

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वियतनाम

वियतनाम (आधिकारिक तौर पर वियतनाम समाजवादी गणराज्य) दक्षिणपूर्व एशिया के हिन्दचीन प्रायद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित एक देश है। इसके उत्तर में चीन, उत्तर पश्चिम में लाओस, दक्षिण पश्चिम में कंबोडिया और पूर्व में दक्षिण चीन सागर स्थित है। २००८ में ८ करोड़ ६१ लाख की जनसंख्या के साथ वियतनाम दुनिया में १३वाँ सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। बौद्ध धर्म यहां का प्रमुख धर्म है जो देश जनसंख्या का ८५% हिस्सा है। और बौद्ध जनसंख्या में ये दुनिया का तीसरा बड़ा देश है (चीन और जापान के बाद)। वियतनाम में आज करीब ७.५ करोड़ बौद्ध धर्म के अनुयायी है। .

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वियतनाम युद्ध

वियतनाम युद्ध के भयंकर दृष्य वियतनाम युद्ध (1 नवम्बर 1955 - 30 अप्रैल 1975.) शीतयुद्ध काल में वियतनाम, लाओस तथा कंबोडिया की धरती पर लड़ी गयी एक भयंकर लड़ाई का नाम है। प्रथम हिन्दचीन युद्ध के बाद आरम्भ हुआ यह युद्ध उत्तरी वियतनाम (कम्युनिस्ट मित्रों द्वारा समर्थित) तथा दक्षिण वियतनाम की सरकार (यूएसए और अन्य साम्यवादविरोधी देशों द्वारा समर्थित) के बीच में लड़ा गया। इसे "द्वितीय हिन्दचीन युद्ध" भी कहते हैं। इसे शीतयुद्ध के दौरान साम्यवादी और—विचारधारा के मध्य एक प्रतीकात्मक युद्ध के रूप में देखा जाता है। लाओस ओर कम्बोडिया के साथ वियतनाम हिन्दचीन का एक देश है जो फ्रांस के औपनिवेशिक शासन मॅ था। फ्रांसीसी सरकार प्रथम हिन्दचीन युद्ध और फ्रांस से स्वतंत्रता के संघर्ष में वियतनामी राष्ट्रवादियों को दक्षिणी वियतनाम में मिली असफलता इस युद्ध का प्रमुख कारण था। .

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विलोपन सिद्धान्त

बीजगणित तथा बीजीय ज्यामिति में उन कलनविधियों को विलोपन सिद्धान्त (elimination theory) या केवल 'विलोपन' कहते हैं जो अनेकों चरों से युक्त समीकरणों में से एक या अधिक चरों को हटाने (विलुप्त करने) के लिए प्रयुक्त होती हैं। आजकल रैखिक युगपत समीकरणों से चरों के विलोपन के लिए प्रायः गाउस का विलोपन प्रयुक्त होता है। इसी के उपयोग से इन समीकरणों का हल निकाला जाता है न कि क्रैमर के नियम द्वारा। .

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विश्व बैंक

कोई विवरण नहीं।

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विक्टोरिया (ऑस्ट्रेलिया)

SUBPAGENAME राज्य का ध्वज SUBPAGENAME, ऑस्ट्रेलिया का एक राज्य है। इसकी राजधानी मेलबॉर्न नगर है। .

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वृक्षारोपण

वृक्षारोपण किया जा रहा है। नवोद्भिद (छोटे पौधों / seedlings) को एक स्थान से खोदकर दूसरे स्थान पर लगाने की प्रक्रिया को वृक्षारोपण (Tree planting) कहते हैं। वृक्षारोपण की प्रक्रिया एक तरफ बड़े वृक्षो के रोपण की प्रक्रिया से अलग है तो दूसरी तरफ बीज बोकर पेड़ उगाने की प्रक्रिया से भी भिन्न है। .

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वैश्वीकरण

Puxi) शंघाई के बगल में, चीन. टाटा समूहहै। वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ स्थानीय या क्षेत्रीय वस्तुओं या घटनाओं के विश्व स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया है। इसे एक ऐसी प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए भी प्रयुक्त किया जा सकता है जिसके द्वारा पूरे विश्व के लोग मिलकर एक समाज बनाते हैं तथा एक साथ कार्य करते हैं। यह प्रक्रिया आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक और राजनीतिक ताकतों का एक संयोजन है।वैश्वीकरण का उपयोग अक्सर आर्थिक वैश्वीकरण के सन्दर्भ में किया जाता है, अर्थात, व्यापार, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, पूंजी प्रवाह, प्रवास और प्रौद्योगिकी के प्रसार के माध्यम से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में एकीकरण.

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खाद्य सुरक्षा

खाद्य सुरक्षा (food security) से तात्पर्य खाद्य पदार्थों की सुनिश्चित आपूर्ति एवं एवं जनसामान्य के लिये भोज्य पदार्थों की उपलब्धता से है। पूरे इतिहास में खाद्य सुरक्षा सदा से एक चिन्ता का विषय रहा है। सन १९७४ में विश्व खाद्य सम्मेलन में 'खाद्य सुरक्षा' की परिभाषा दी गयी जिसमें खाद्य आपूर्ति पर बल दिया गया। .

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गरीबी

गरीबी या निर्धनता जीवन जीने के साधनों या इस हेतु धन के अभाव की स्थिति है। .

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गिनी

गिनी, आधिकारिक तौर पर गिनी गणराज्य, पश्चिम अफ़्रीका में स्थित एक देश है, जिसे पूर्व में फ्रेंच गिनी के नाम से जाना जाता था। अर्द्ध चंद्राकार आकार का यह देश पूर्व से दक्षिण की ओर फैला हुआ है, जहां इसकी पश्चिमी सीमा अंध महासागर से मिलती है। अंध महासागर के अलावा गिनी-बिसाऊ भी देश के पश्चिम में स्थित है। अंदरूनी हिस्सों में उत्तरी सीमा पर सेनेगल और उत्तर और उत्तर-पूर्व में माली स्थित है। दक्षिण पूर्व की ओर कोट द' आईवोर है, दक्षिण में लाइबेरिया और दक्षिण पश्चिम में सियेरा लियोन स्थित हैं। देश के मध्य से बहने वाली नाइजर नदी पानी के साथ-साथ जल परिवहन की सुविधा मुहैय्या कराती है। कोनाक्री देश का सबसे बड़ा शहर और राजधानी होने के साथ-साथ राष्ट्रीय सरकार का मुख्यालय भी है। देश को कभी-कभी पड़ोसी देश गिनी-बिसाउ से अलग बताने के लिए गिनी-कोनाक्री भी कहा जाता है। गिनी में चौबीस जातीय समूहों का वास है, जिनमें से तीन सबसे बड़े और सबसे प्रभावी समूह फुला, मंदिनका और सुसु हैं। .

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ग्रीनपीस

ग्रीनपीस (Greenpeace) (शाब्दिक अर्थ - हरित शान्ति) पर्यावरण चेतना का विश्वव्यापी आन्दोलन है। इसकी स्थापना सन १९७१ में कनाडा के वैनकूवर (Vancouver) में हुई थी। तात्कालिक रूप से यह अमेरिका (USA) द्वारा अलास्का में नाभीकीय हथियारों के परीक्षण का विरोध करने के लिये बनी थी किन्तु बाद में इसका उद्देश्य व्यापक रूप से पर्यावरण की सुरक्षा होता गया। .

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ग्रीनहाउस

रूस के सेंट पीटर्सबर्ग वानस्पतिक उद्यान स्थित विक्टोरिया अमेज़ोनिका (विशाल आमेज़न वॉटर लिली). बेल्जियम, ब्रसेल्स, लेकेन के रॉयल ग्रीनहॉउसेस.19 वीं शताब्दी के ग्रीनहॉउस वास्तुकला का एक उदाहरण कॉर्नवॉल, इंग्लैंड में इडेन परियोजना, युनाइटेड किंगडम का सबसे बड़ा ग्रीनहॉउस ला मोजोनेरा, अल्मेरिया, अंडालुसिया, स्पेन. अल्मेरिया के तट पर स्थित ग्रीन हॉउसेस हरितगृह या ग्रीनहाउस (ग्लासहाउस भी कहा जाता है) एक इमारत है, जहां पौधे उगाये जाते हैं। ग्रीनहाउस विभिन्न तरह की आवरण सामग्रियों जैसे कांच या प्लास्टिक की छत और अक्सर कांच या प्लास्टिक की दीवारों के साथ बनी एक संरचना है; यह गर्म होता है, क्योंकि सूर्य द्वारा भेजे जा रहे दृश्य सौर विकिरण को पौधों, मिट्टी और भवन के भीतर स्थित अन्य चीजों द्वारा अवशोषित किया जाता है। कांच इस विकिरण के लिए पारदर्शी है। ग्रीनहाउस के भीतर गरम संरचनाएं और पौधे इस ऊर्जा को फिर से अवरक्त में विकीर्ण करते हैं, जिससे कांच आंशिक रूप से अपारदर्शी हो जाता है और वह ऊर्जा ग्रीनहाउस के भीतर कैद हो जाती है। हालांकि, प्रवाह के कारण उष्मा का कुछ नुकसान होता है, लेकिन इससे ग्रीन हाउस के अंदर ऊर्जा (और इस तरह तापमान) में विशुद्ध वृद्धि होती है। गर्म आंतरिक सतहों के ताप से गरम हुई हवा को छत और दीवार द्वारा ईमारत के अन्दर बरकरार रखा जाता है। इन संरचनाओं का आकार छोटे से शेड से लेकर बहुत बड़ी इमारतों तक हो सकता हैं। ग्रीनहाउस को कांच के ग्रीनहाउस और प्लास्टिक ग्रीनहाउस के रूप में विभाजित किया जा सकता है। प्लास्टिक में ज्यादातर पीई (PE) फिल्म और पीसी (PC) या पीएमएमए (PMMA) की कई दीवारों वाली चादरें प्रयुक्त की जाती है। कांच के व्यावसायिक ग्रीनहाउस में अक्सर सब्जियों या फूलों के लिए उच्च तकनीक वाली उत्पादन सुविधाएं होती हैं। कांच के ग्रीनहाउस स्क्रीनिंग स्थापना, गर्म करने, ठंडा करने, प्रकाशमान करने जैसे उपकरणों से परिपुर्ण होते हैं और यह एक कंप्यूटर द्वारा स्वचालित रूप से नियंत्रित हो सकता है। ग्रीनहाउस के लिए इस्तेमाल किया कांच हवा के प्रवाह के लिए एक बाधा के रूप में काम करता है और इसका प्रभाव ग्रीनहाउस के भीतर ऊर्जा को बांधकर रखने के रूप में पड़ता है, जो पौधों और इसके अंदर की जमीन दोनों को गर्म करता है। यह जमीन के पास की हवा को गर्म करता है और इस हवा को उपर उठने और बहकर दूर चले जाने से रोका जाता है। एक ग्रीनहाउस की छत के पास एक छोटी सी खिड़की खोलकर इसका प्रदर्शन किया जा सकता है: क्योंकि तापमान उल्लेखनीय रूप से काफी नीचे आ जाता है। यह सिद्धांत ठंडा करने की ऑटोवेंट स्वचालित प्रणाली पर आधारित है। एक अति लघु ग्रीनहाउस एक ठंडे फ्रेम के रूप में जाना जाता है। .

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ग्रीनहाउस प्रभाव

ग्रीनहाउस प्रभाव या हरितगृह प्रभाव (greenhouse effect) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी ग्रह या उपग्रह के वातावरण में मौजूद कुछ गैसें वातावरण के तापमान को अपेक्षाकृत अधिक बनाने में मदद करतीं हैं। इन ग्रीनहाउस गैसों में कार्बन डाई आक्साइड, जल-वाष्प, मिथेन आदि शामिल हैं। यदि ग्रीनहाउस प्रभाव नहीं होता तो शायद ही पृथ्वी पर जीवन होता, क्योंकि तब पृथ्वी का औसत तापमान -18° सेल्सियस होता न कि वर्तमान 15° सेल्सियस। धरती के वातावरण के तापमान को प्रभावित करने वाले अनेक कारक हैं जिसमें से ग्रीनहाउस प्रभाव एक है। .

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गूगल धरती

गूगल अर्थ वास्तविक भूमंडल (virtual globe) चित्रण का एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे प्रारम्भ में अर्थ व्यूअर नाम दिया गया, तथा इसे कीहोल, इंक (Keyhole, Inc) द्वारा तैयार किया गया है, जो 2004 में गूगल द्वारा अधिगृहीत की गई एक कंपनी है। यह कार्यक्रम उपग्रह चित्रावली (satellite imagery), हवाई छायांकन (aerial photography) तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) त्रि आयामी (3D) भूमंडल से प्राप्त चित्रों का अध्यारोपण (superimposition) करते हुए धरती का चित्रण करता है। यह तीन विभिन्न अनुज्ञप्तियों के अधीन उपलब्ध है: गूगल अर्थ, सीमित कार्यात्मकता के साथ एक मुक्त संस्करण; गूगल अर्थ प्लस ($ २० प्रति वर्ष), जो अतिरिक्त विशेषताओं से युक्त है तथा गूगल अर्थ प्रो ($ ४०० प्रति वर्ष), जो कि वाणिज्यिक कार्यों में उपयोग हेतु तैयार किया गया है। २००६ में इस उत्पाद का नाम बदलकर गूगल अर्थ कर दिया गया, जो कि वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट विन्डोज़ (Microsoft Windows) २००० (2000), एक्स पी अथवा विस्ता, मैक ओएस एक्स (Mac OS X) १०.३.९ तथा उससे अधिक, लिनुक्स(१२ जून, २००६ को जारी) तथा फ्री BSD (FreeBSD) से युक्त निजी कंप्यूटरों (personal computer) पर उपयोग के लिए उपलब्ध है। गूगल अर्थ फायरफॉक्स, आई ई 6 (IE6) अथवा आई ई 7 (IE7) के लिए एक ब्राउज़र प्लगइन (02 जून, 2008 को जारी) के रूप में भी उपलब्ध है। एक अद्यतन कीहोल आधारित क्लाइंट को जारी करने के साथ, गूगल ने अपने वेब आधारित प्रतिचित्रण सॉफ़्टवेयर में अर्थ डेटाबेस की चित्रावली भी शामिल की है। वर्ष २००६ के मध्य जनता के लिए गूगल अर्थ जारी होने के साथ २००६ तथा २००७ के बीच आभासी भूमंडल (virtual globes) पर मीडिया कवरेज में दस गुना से भी अधिक की वृद्धि हुई तथा भूस्थानिक (geospatial) तकनीकों तथा अनुप्रयोगों में जनता की रूचि बढ़ गई। .

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ऑक्सीजन

ऑक्सीजन या प्राणवायु या जारक (Oxygen) रंगहीन, स्वादहीन तथा गंधरहित गैस है। इसकी खोज, प्राप्ति अथवा प्रारंभिक अध्ययन में जे.

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ओण्टारियो

अधिक विकल्पों के लिए यहां जाएं - ओण्टारियो (बहुविकल्पी) ओण्टारियो कनाडा के दस प्रान्तों में सबसे अधिक क्षेत्रफल और जनसंख्या वाला राज्य है। श्रेणी:ओण्टारियो.

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ओक

ओक (Oak) एक पेड़ को कहते हैं। .

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आनातोलिया

आनातोलिया का भूस्वरूप आनातोलिया (तुर्की: Anadolu, यूनानी: Ανατολία) आज के तुर्की, खासकर इसके मध्य भाग को कहते हैं। इसका पूर्वी भाग ऐतिहासिक रूप से अर्मेनिया तथा कुर्दिस्तान का अंग रहा है। यह ईलाका एशिया माइनर के नाम से भी जाना जाता हैं। सामान्य रूप से माना जाता है कि काला सागर के दक्षिण का भूभाग अनातोलिया है। .

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आनुवंशिकी

पैतृक गुणसूत्रों के पुनर्संयोजन के फलस्वरूप एक ही पीढी की संतानें भी भिन्न हो सकती हैं। आनुवंशिकी (जेनेटिक्स) जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत आनुवंशिकता (हेरेडिटी) तथा जीवों की विभिन्नताओं (वैरिएशन) का अध्ययन किया जाता है। आनुवंशिकता के अध्ययन में ग्रेगर जॉन मेंडेल की मूलभूत उपलब्धियों को आजकल आनुवंशिकी के अंतर्गत समाहित कर लिया गया है। प्रत्येक सजीव प्राणी का निर्माण मूल रूप से कोशिकाओं द्वारा ही हुआ होता है। इन कोशिकाओं में कुछ गुणसूत्र (क्रोमोसोम) पाए जाते हैं। इनकी संख्या प्रत्येक जाति (स्पीशीज) में निश्चित होती है। इन गुणसूत्रों के अंदर माला की मोतियों की भाँति कुछ डी एन ए की रासायनिक इकाइयाँ पाई जाती हैं जिन्हें जीन कहते हैं। ये जीन गुणसूत्र के लक्षणों अथवा गुणों के प्रकट होने, कार्य करने और अर्जित करने के लिए जिम्मेवार होते हैं। इस विज्ञान का मूल उद्देश्य आनुवंशिकता के ढंगों (पैटर्न) का अध्ययन करना है अर्थात्‌ संतति अपने जनकों से किस प्रकार मिलती जुलती अथवा भिन्न होती है। .

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आर्द्रता

वायुमण्डल में विद्यमान अदृष्य जलवाष्प की मात्रा आर्द्रता (humidity) कहलाती हैं। यह आर्द्रता पृथ्वी से वाष्पीकरण के विभिन्न रुपों द्वारा वायुमण्डल में पहुंचती हैं। आर्द्रता का जलवायु विज्ञान में सर्वाधिक महत्व होता हैं, क्योंकि इसी पर वर्षा, तथा वर्षण के विभिन्न रूप जैसे वायुमण्डलीय तूफान तथा विक्षोभ (चक्रवात आदि) आधारित होते हैं। वर्षा, बादल, कुहरा, ओस, ओला, पाला आदि से ज्ञात होता है कि पृथ्वी को घेरे हुए वायुमंडल में जलवाष्प सदा न्यूनाधिक मात्रा में विद्यमान रहता है। प्रति घन सेंटीमीटर हवा में जितना मिलीग्राम जलवाष्प विद्यमान है, उसका मान हम रासायनिक आर्द्रतामापी से निकालते है, किंतु अधिकतर वाष्प की मात्रा को वाष्पदाव द्वारा व्यक्त किया जाता है। वायु-दाब-मापी से जब हम वायुदाब ज्ञात करते हैं तब उसी में जलवाष्प का भी दाब सम्मिलित रहता है। आर्द्रतामापी - हवा में आर्द्रता की मात्रा को नापने का उपकरण .

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आवास

आवास (Housing) मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। हर समाज को अपने सदस्यों को रहने के लिये स्थान व सुविधाएँ दिलवाने के लिये व्यवस्था करनी पड़ती है। कई राष्ट्रों, राज्यों, ज़िलों, नगरों और अन्य मानवीय बस्तियों की प्रशासनिक संस्थाओं में आवास-सम्बन्धी प्राधिकरण होते हैं। .

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इथियोपिया

इथियोपिया (गिइज़: ኢትዮጵያ, इत्योप्प्या) अफ्रीका के सींग में स्थित एक स्थल-रुद्ध देश है जो सरकारी तौर पर इथियोपिया संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में जाना जाता है। यह अफ़्रीका का दूसरा सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला देश है और इसमें 85.2 लाख से अधिक लोग बसे हुए हैं। क्षेत्रफल के हिसाब से यह अफ़्रीका का दसवाँ सबसे बड़ा देश है। इसकी राजधानी अदीस अबाबा है। इथियोपिया सूडान से दक्षिणपूर्व में, इरिट्रिया से दक्षिण में, जिबूती और सोमालिया से पश्चिम में, केन्या से उत्तर में और दक्षिण सूडान से पूर्व में स्थित है। यह दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला स्थल-रुद्ध देश है। .

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इंडोनेशिया

इंडोनेशिया गणराज्य (दीपान्तर गणराज्य) दक्षिण पूर्व एशिया और ओशिनिया में स्थित एक देश है। १७५०८ द्वीपों वाले इस देश की जनसंख्या लगभग 26 करोड़ है, यह दुनिया का तीसरा सबसे अधिक आबादी और दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी बौद्ध आबादी वाला देश है। देश की राजधानी जकार्ता है। देश की जमीनी सीमा पापुआ न्यू गिनी, पूर्वी तिमोर और मलेशिया के साथ मिलती है, जबकि अन्य पड़ोसी देशों सिंगापुर, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया और भारत का अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र शामिल है। .

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कार्बन

कार्बन का एक बहुरूप हीरा। कार्बन का एक अन्य बहुरूप ग्रेफाइट। पृथ्वी पर पाए जाने वाले तत्वों में कार्बन या प्रांगार एक प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। इस रासायनिक तत्त्व का संकेत C तथा परमाणु संख्या ६, मात्रा संख्या १२ एवं परमाणु भार १२.००० है। कार्बन के तीन प्राकृतिक समस्थानिक 6C12, 6C13 एवं 6C14 होते हैं। कार्बन के समस्थानिकों के अनुपात को मापकर प्राचीन तथा पुरातात्विक अवशेषों की आयु मापी जाती है। कार्बन के परमाणुओं में कैटिनेशन नामक एक विशेष गुण पाया जाता है जिसके कारण कार्बन के बहुत से परमाणु आपस में संयोग करके एक लम्बी शृंखला का निर्माण कर लेते हैं। इसके इस गुण के कारण पृथ्वी पर कार्बनिक पदार्थों की संख्या सबसे अधिक है। यह मुक्त एवं संयुक्त दोनों ही अवस्थाओं में पाया जाता है। इसके विविध गुणों वाले कई बहुरूप हैं जिनमें हीरा, ग्रेफाइट काजल, कोयला प्रमुख हैं। इसका एक अपरूप हीरा जहाँ अत्यन्त कठोर होता है वहीं दूसरा अपरूप ग्रेफाइट इतना मुलायम होता है कि इससे कागज पर निशान तक बना सकते हैं। हीरा विद्युत का कुचालक होता है एवं ग्रेफाइट सुचालक होता है। इसके सभी अपरूप सामान्य तापमान पर ठोस होते हैं एवं वायु में जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड गैस बनाते हैं। हाइड्रोजन, हीलियम एवं आक्सीजन के बाद विश्व में सबसे अधिक पाया जाने वाला यह तत्व विभिन्न रूपों में संसार के समस्त प्राणियों एवं पेड़-पौधों में उपस्थित है। यह सभी सजीवों का एक महत्त्वपूर्ण अवयव होता है, मनुष्य के शरीर में इसकी मात्रा १८.५ प्रतिशत होती है और इसको जीवन का रासायनिक आधार कहते हैं। कार्बन शब्द लैटिन भाषा के कार्बो शब्द से आया है जिसका अर्थ कोयला या चारकोल होता है। कार्बन की खोज प्रागैतिहासिक युग में हुई थी। कार्बन तत्व का ज्ञान विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं को भी था। चीन के लोग ५००० वर्षों पहले हीरे के बारे में जानते थे और रोम के लोग लकड़ी को मिट्टी के पिरामिड से ढककर चारकोल बनाते थे। लेवोजियर ने १७७२ में अपने प्रयोगो द्वारा यह प्रमाणित किया कि हीरा कार्बन का ही एक अपरूप है एवं कोयले की ही तरह यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड गैस उत्पन्न करता है। कार्बन का बहुत ही उपयोगी बहुरूप फुलेरेन की खोज १९९५ ई. में राइस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर इ स्मैली तथा उनके सहकर्मियों ने की। इस खोज के लिए उन्हें वर्ष १९९६ ई. का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। .

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कार्बन डाईऑक्साइड

कार्बन डाइआक्साइड (Carbon dioxide) (रासायनिक सूत्र CO2) एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है जो पृथ्वी पर जीवन के लिये अत्यावश्यक है। धरती पर यह प्राकृतिक रूप से पायी जाती है। धरती के वायुमण्डल में यह गैस आयतन के हिसाब से लगभग 0.03 प्रतिशत होती है। कार्बन डाईऑक्साइड कार्बन डाइआक्साइड का निर्माण आक्सीजन के दो परमाणु तथा कार्बन के एक परमाणु से मिलकर हुआ है। सामान्य तापमान तथा दबाव पर यह गैसीय अवस्था में रहती है। वायुमंडल में यह गैस 0.03% 0.04% तक पाई जाती है, परन्तु मौसम में परिवर्तन के साथ वायु में इसकी सान्द्रता भी थोड़ी परिवर्तित होती रहती है। यह एक ग्रीनहाउस गैस है, क्योंकि सूर्य से आने वाली किरणों को तो यह पृथ्वी के धरातल पर पहुंचने देती है परन्तु पृथ्वी की गर्मी जब वापस अंतरिक्ष में जाना चाहती है तो यह उसे रोकती है। पृथ्वी के सभी सजीव अपनी श्वसन की क्रिया में कार्बन डाइआक्साइड का त्याग करते है। जबकि हरे पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करते समय इस गैस को ग्रहण करके कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं। इस प्रकार कार्बन डाइआक्साइड कार्बन चक्र का प्रमुख अवयव है। कार्बन के रासायनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ हाइड्रोजन भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इनमें कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड प्रमुख हैं। सभी जैव अणु जैसे कार्बोहाइड्रेट, अमीनो अम्ल, प्रोटीन, आरएनए तथा डीएनए कार्बनिक यौगिक ही हैं। कार्बन और हाइड्रोजन के यौगिको को हाइड्रोकार्बन कहते हैं। मेथेन (CH4) सबसे छोटे अणुसूत्र का हाइड्रोकार्बन है। ईथेन (C2H6), प्रोपेन (C3H8) आदि इसके बाद आते हैं, जिनमें क्रमश: एक एक कार्बन जुड़ता जाता है। हाइड्रोकार्बन तीन श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं: ईथेन श्रेणी, एथिलीन श्रेणी और ऐसीटिलीन श्रेणी। ईथेन श्रेणी के हाइड्रोकार्बन संतृप्त हैं, अर्थात्‌ इनमें हाइड्रोजन की मात्रा और बढ़ाई नहीं जा सकती। एथिलीन में दो कार्बनों के बीच में एक द्विबंध (.

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काग़ज़

कागज का पुलिन्दा चीन में कागज का निर्माण कागज एक पतला पदार्थ है जिस पर लिखा या प्रिन्ट किया जाता है। कागज मुख्य रूप से लिखने और छपाई के लिए प्रयुक्त होता है। यह वस्तुओं की पैकेजिंग करने के काम भी आता है। मानव सभ्यता के विकास में कागज का बहुत बड़ा योगदान है। गीले तन्तुओं (फाइबर्स्) को दबाकर एवं तत्पश्चात सुखाकर कागज बनाया जाता है। ये तन्तु प्राय: सेलुलोज की लुगदी (पल्प) होते हैं जो लकड़ी, घास, बांस, या चिथड़ों से बनाये जाते हैं। पौधों में सेल्यूलोस नामक एक कार्बोहाइड्रेट होता है। पौधों की कोशिकाओं की भित्ति सेल्यूलोज की ही बनी होतीं है। अत: सेल्यूलोस पौधों के पंजर का मुख्य पदार्थ है। सेल्यूलोस के रेशों को परस्पर जुटाकर एकसम पतली चद्दर के रूप में जो वस्तु बनाई जाती है उसे कागज कहते हैं। कोई भी पौधा या पदार्थ, जिसमें सेल्यूलोस अच्छी मात्रा में हो, कागज बनाने के लिए उपयुक्त हो सकता है। रुई लगभग शुद्ध सेल्यूलोस है, किंतु कागज बनाने में इसका उपयोग नहीं किया जाता क्योंकि यह महँगी होती है और मुख्य रूप से कपड़ा बनाने के काम में आती है। परस्पर जुटकर चद्दर के रूप में हो सकने का गुण सेल्यूलोस के रेशों में ही होता है, इस कारण कागज केवल इसी से बनाया जा सकता है। रेशम और ऊन के रेशों में इस प्रकार परस्पर जुटने का गुण न होने के कारण ये कागज बनाने के काम में नहीं आ सकते। जितना अधिक शुद्ध सेल्यूलोस होता है, कागज भी उतना ही स्वच्छ और सुंदर बनता है। कपड़ों के चिथड़े तथा कागज की रद्दी में लगभग शतप्रतिशत सेल्यूलोस होता है, अत: इनसे कागज सरलता से और अच्छा बनता है। इतिहासज्ञों का ऐसा अनुमान है कि पहला कागज कपड़ों के चिथड़ों से ही चीन में बना था। पौधों में सेल्यूलोस के साथ अन्य कई पदार्थ मिले रहते हैं, जिनमें लिग्निन और पेक्टिन पर्याप्त मात्रा में तथा खनिज लवण, वसा और रंग पदार्थ सूक्ष्म मात्राओं में रहते हैं। इन पदार्थों को जब तक पर्याप्त अंशतक निकालकर सूल्यूलोस को पृथक रूप में नहीं प्राप्त किया जाता तब तक सेल्यूलोस से अच्छा कागज नहीं बनाया जा सकता। लिग्निन का निकालना विशेष आवश्यक होता है। यदि लिग्निन की पर्याप्त मात्रा में सेल्यूलोस में विद्यमान रहती है तो सेल्यूलोस के रेशे परस्पर प्राप्त करना कठिन होता है। आरंभ में जब तक सेल्यूलोस को पौधों से शुद्ध रूप में प्राप्त करने की कोई अच्छी विधि ज्ञात नहीं हो सकी थी, कागज मुख्य रूप से फटे सूती कपड़ों से ही बनाया जाता था। चिथड़ों तथा कागज की रद्दी से यद्यपि कागज बहुत सरलता से और उत्तम कोटि का बनता है, तथापि इनकी इतनी मात्रा का मिल सकना संभव नहीं है कि कागज़ की हामरी पूरी आवश्यकता इनसे बनाए गए कागज से पूरी हो सके। आजकल कागज बनाने के लिए निम्नलिखित वस्तुओं का उपयोग मुख्य रूप से होता है: चिथड़े, कागज की रद्दी, बाँस, विभिन्न पेड़ों की लकड़ी, जैसे स्प्रूस और चीड़, तथा विविध घासें जैसे सबई और एस्पार्टो। भारत में बाँस और सबई घास का उपयोग कागज बनाने में मुख्य रूप से होता है। .

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कांस्य युग

कांस्य युग उस काल को कहते हैं जिसमें मनुष्य ने तांबे (ताम्र) तथा उसकी रांगे के साथ मिश्रित धातु कांसे का इस्तेमाल किया। इतिहास में यह युग पाषाण युग तथा लौह युग के बीच में पड़ता है। पाषाण युग में मनुष्य की किसी भी धातु का खनन कर पाने की असमर्थता थी। कांस्य युग में लोहे की खोज नहीं हो पाई थी और लौह युग में तांबा, कांसा और लोहे के अलावा मनुष्य कुछ अन्य ठोस धातुओं की खोज तथा उनका उपयोग भी सीख गया था। कांस्य युग की विशेषता यह है कि मनुष्य शहरी सभ्यताओं में बसने लगा और इसी कारण से विश्व की कई जगहों में पौराणिक सभ्यताओं का विकास हुआ। इस युग की एक और ख़ास बात यह है कि विभिन्न सभ्यताओं में अलग-अलग लिपिओं का विकास हुआ जिनकी मदद से आज के पुरातत्व शास्त्रियों को उस युग के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य हासिल होते हैं। .

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कृषि

कॉफी की खेती कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से संबंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कृषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है तथा इसी से संबंधित विषय बागवानी का अध्ययन बागवानी (हॉर्टिकल्चर) में किया जाता है। तकनीकों और विशेषताओं की बहुत सी किस्में कृषि के अन्तर्गत आती है, इसमें वे तरीके शामिल हैं जिनसे पौधे उगाने के लिए उपयुक्त भूमि का विस्तार किया जाता है, इसके लिए पानी के चैनल खोदे जाते हैं और सिंचाई के अन्य रूपों का उपयोग किया जाता है। कृषि योग्य भूमि पर फसलों को उगाना और चारागाहों और रेंजलैंड पर पशुधन को गड़रियों के द्वारा चराया जाना, मुख्यतः कृषि से सम्बंधित रहा है। कृषि के भिन्न रूपों की पहचान करना व उनकी मात्रात्मक वृद्धि, पिछली शताब्दी में विचार के मुख्य मुद्दे बन गए। विकसित दुनिया में यह क्षेत्र जैविक खेती (उदाहरण पर्माकल्चर या कार्बनिक कृषि) से लेकर गहन कृषि (उदाहरण औद्योगिक कृषि) तक फैली है। आधुनिक एग्रोनोमी, पौधों में संकरण, कीटनाशकों और उर्वरकों और तकनीकी सुधारों ने फसलों से होने वाले उत्पादन को तेजी से बढ़ाया है और साथ ही यह व्यापक रूप से पारिस्थितिक क्षति का कारण भी बना है और इसने मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। चयनात्मक प्रजनन और पशुपालन की आधुनिक प्रथाओं जैसे गहन सूअर खेती (और इसी प्रकार के अभ्यासों को मुर्गी पर भी लागू किया जाता है) ने मांस के उत्पादन में वृद्धि की है, लेकिन इससे पशु क्रूरता, प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक) दवाओं के स्वास्थ्य प्रभाव, वृद्धि हॉर्मोन और मांस के औद्योगिक उत्पादन में सामान्य रूप से काम में लिए जाने वाले रसायनों के बारे में मुद्दे सामने आये हैं। प्रमुख कृषि उत्पादों को मोटे तौर पर भोजन, रेशा, ईंधन, कच्चा माल, फार्मास्यूटिकल्स और उद्दीपकों में समूहित किया जा सकता है। साथ ही सजावटी या विदेशी उत्पादों की भी एक श्रेणी है। वर्ष 2000 से पौधों का उपयोग जैविक ईंधन, जैवफार्मास्यूटिकल्स, जैवप्लास्टिक, और फार्मास्यूटिकल्स के उत्पादन में किया जा रहा है। विशेष खाद्यों में शामिल हैं अनाज, सब्जियां, फल और मांस। रेशे में कपास, ऊन, सन, रेशम और सन (फ्लैक्स) शामिल हैं। कच्चे माल में लकड़ी और बाँस शामिल हैं। उद्दीपकों में तम्बाकू, शराब, अफ़ीम, कोकीन और डिजिटेलिस शामिल हैं। पौधों से अन्य उपयोगी पदार्थ भी उत्पन्न होते हैं, जैसे रेजिन। जैव ईंधनों में शामिल हैं मिथेन, जैवभार (बायोमास), इथेनॉल और बायोडीजल। कटे हुए फूल, नर्सरी के पौधे, उष्णकटिबंधीय मछलियाँ और व्यापार के लिए पालतू पक्षी, कुछ सजावटी उत्पाद हैं। 2007 में, दुनिया के लगभग एक तिहाई श्रमिक कृषि क्षेत्र में कार्यरत थे। हालांकि, औद्योगिकीकरण की शुरुआत के बाद से कृषि से सम्बंधित महत्त्व कम हो गया है और 2003 में-इतिहास में पहली बार-सेवा क्षेत्र ने एक आर्थिक क्षेत्र के रूप में कृषि को पछाड़ दिया क्योंकि इसने दुनिया भर में अधिकतम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया। इस तथ्य के बावजूद कि कृषि दुनिया के आबादी के एक तिहाई से अधिक लोगों की रोजगार उपलब्ध कराती है, कृषि उत्पादन, सकल विश्व उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद का एक समुच्चय) का पांच प्रतिशत से भी कम हिस्सा बनता है। .

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अपरदन

गेहूँ के एक खेत में अत्यधिक भूक्षरण का दृष्य अपरदन (Erosion) या वह प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें चट्टानों का विखंडन और परिणामस्वरूप निकले ढीले पदार्थ के जल, पवन, इत्यादि प्रक्रमों द्वारा स्थानांतरण होता है। अपरदन के प्रक्रमों में वायु, जल तथा हिमनद और सागरीय लहरें प्रमुख हैं। .

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अफ़ग़ानिस्तान

अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी गणराज्य दक्षिणी मध्य एशिया में अवस्थित देश है, जो चारो ओर से जमीन से घिरा हुआ है। प्रायः इसकी गिनती मध्य एशिया के देशों में होती है पर देश में लगातार चल रहे संघर्षों ने इसे कभी मध्य पूर्व तो कभी दक्षिण एशिया से जोड़ दिया है। इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, कज़ाकस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है। अफ़ग़ानिस्तान रेशम मार्ग और मानव प्रवास का8 एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य पाषाण काल ​​के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3000 से 2,000 ई.पू.

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अमेज़न नदी

आमेजन या अमेजॉन या आमेजॉन (पुर्तगाली: Rio Amazonas; स्पेनी: Río Amazonas; अंग्रेजी: Amazon River) दक्षिण अमेरिका से होकर बहने वाली एक नदी है। आयतन के हिसाब से यह विश्व की सबसे बड़ी और लम्बाई के हिसाब से दूसरी नदी है। यह ब्राजील, पेरु, बोलविया, कोलम्बिया तथा इक्वाडोर से होकर बहती है। यह पेरु के एंडीज़ पर्वतमाला से निकलकर पूर्व की ओर बहती है, और अटलांटिक महासागर में मिलती है। इसकी प्रवाह-घाटी विश्व में वृहत्तम है, तथा इसमें जल की प्रवाह दर इसके बाद की आठ नदियों के योग से भी अधिक है। इसके लम्बे-चौडे पाट के कारण इस नदी पर पुलों का अभाव है। .

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अवसादन

अवसादन किसी तरल (द्रव या गैस) में उपस्थित कणों का जमीन पर आकर बैठ जाना अवसादन (सेडिमेन्टेशन) या तलछटीकरण कहलाता हैं। अवसादन, तरल में निलम्बित कणों पर लगने वाले गुरुत्व बल या अपकेन्द्री बल के कारण होता है। भूविज्ञान में अवसादन को प्रायः अपरदन की विपरीत क्रिया माना जाता है। श्रेणी:भूविज्ञान.

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उपनिवेशवाद

उपनिवेशवाद के विरुद्ध संघर्ष के महान योद्धा '''महात्मा गाँधी''' किसी एक भौगोलिक क्षेत्र के लोगों द्वारा किसी दूसरे भौगोलिक क्षेत्र में उपनिवेश (कॉलोनी) स्थापित करना और यह मान्यता रखना कि यह एक अच्छा काम है, उपनिवेशवाद (Colonialism) कहलाता है। इतिहास में प्राय: पन्द्रहवीं शताब्दी से लेकर बीसवीं शताब्दी तक उपनिवेशवाद का काल रहा। इस काल में यूरोप के लोगों ने विश्व के विभिन्न भागों में उपनिवेश बनाये। इस काल में उपनिवेशवाद में विश्वास के मुख्य कारण थे -.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

Deforestation, निर्वनीकरण

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