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सूची १

१ एक संख्या, संख्यांक और ग्लिफ़ है। इसको एक कहते है। अंग्रेज़ी भाषा में इसे वन (One) या 1 लिखते है। वह प्राकृतिक संख्याओं के अनंत अनुक्रम में पहला आता है, और उसके बाद २ आता है। .

13 संबंधों: परमाणु क्रमांक, प्राकृतिक संख्या, प्रोटॉन, मात्रा, संख्या, हाइड्रोजन, हिलियम, विद्युत आवेश, आवर्त सारणी, क्षार धातु, अनुक्रम, अंग्रेज़ी भाषा,

परमाणु क्रमांक

रसायन विज्ञान एवं भौतिकी में सभी तत्वों का अलग-अलग परमाणु क्रमांक (atomic number) है जो एक तत्व को दूसरे तत्व से अलग करता है। किसी तत्व का परमाणु क्रमांक उसके तत्व के नाभिक में स्थित प्रोटॉनों की संख्या के बराबर होता है। इसे Z प्रतीक से प्रदर्शित किया जाता है। किसी आवेशरहित परमाणु पर एलेक्ट्रॉनों की संख्या भी परमाणु क्रमांक के बराबर होती है। रासायनिक तत्वों को उनके बढते हुए परमाणु क्रमांक के क्रम में विशेष रीति से सजाने से आवर्त सारणी का निर्माण होता है जिससे अनेक रासायनिक एवं भौतिक गुण स्वयं स्पष्ट हो जाते हैं।, American Institute of Physics .

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प्राकृतिक संख्या

प्राकृतिक संख्याओं से गणना की सकती है। उदाहरण: (ऊपर से नीचे की ओर) एक सेब, दो सेब, तीन सेब,... गणित में 1,2,3,...

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प्रोटॉन

प्राणु संरचना प्राणु (प्रोटॉन) एक धनात्मक विध्युत आवेशयुक्त मूलभूत कण है, जो परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन के साथ पाया जाता हैं। इसे p प्रतिक चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता है। इस पर 1 दो अप-क्वार्क और एक डाउन-क्वार्क से मिलकर बना होता है। स्वतंत्र रूप से यह उदजन आयन H+ के रूप में पाया जाता है। .

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मात्रा

मात्रा एक गुण है जो बहुलता या परिमाण के रूप में अस्तित्व में हो सकता है। मात्राओं की तुलना "अधिक", "कम", या "बराबर" के संदर्भ में, या "कोई मापन के मात्रक के संदर्भ में संख्यात्मक मूल्य निर्दिष्ट करके" की जा सकती हैं। गुण, पदार्थ, परिवर्तन, और संबंध, के साथ-साथ मात्र चीज़ों के मूलभूत वर्गों में से एक हैं। कुछ मात्राएँ अपने आंतरिक स्वभाव द्वारा ऐसी हैं (जैसे संख्या), जबकि कुछ मात्राएँ चीज़ों की अवस्थाओं (गुणों, विमाओं, गुणधर्मों) के रूप में काम करती हैं, जैसे कि भारी और हल्का, लंबा और छोटा, चौड़ा और पतला, लघु और महान, या बहुत और कम। .

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संख्या

समिश्र संख्याओं के उपसमुच्चय संख्याएं हमारे जीवन के ढर्रे को निर्धरित करती हैं। जीवन के कुछ ऐसे क्षेत्रों में भी संख्याओं की अहमियत है जो इतने आम नहीं माने जाते। किसी धावक के समय में 0.001 सैकिंड का अंतर भी उसे स्वर्ण दिला सकता है या उसे इससे वंचित कर सकता है। किसी पहिए के व्यास में एक सेंटीमीटर के हजारवें हिस्से जितना फर्क उसे किसी घड़ी के लिए बेकार कर सकता है। किसी व्यक्ति की पहचान के लिए उसका टेलीफोन नंबर, राशन कार्ड पर पड़ा नंबर, बैंक खाते का नंबर या परीक्षा का रोल नंबर मददगार होते हैं। .

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हाइड्रोजन

हाइड्रोजन पानी का एक महत्वपूर्ण अंग है शुद्ध हाइड्रोजन से भरी गैस डिस्चार्ज ट्यूब हाइड्रोजन (उदजन) (अंग्रेज़ी:Hydrogen) एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी का सबसे पहला तत्व है जो सबसे हल्का भी है। ब्रह्मांड में (पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। तारों तथा सूर्य का अधिकांश द्रव्यमान हाइड्रोजन से बना है। इसके एक परमाणु में एक प्रोट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन होता है। इस प्रकार यह सबसे सरल परमाणु भी है। प्रकृति में यह द्विआण्विक गैस के रूप में पाया जाता है जो वायुमण्डल के बाह्य परत का मुख्य संघटक है। हाल में इसको वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकने के लिए शोध कार्य हो रहे हैं। यह एक गैसीय पदार्थ है जिसमें कोई गंध, स्वाद और रंग नहीं होता है। यह सबसे हल्का तत्व है (घनत्व 0.09 ग्राम प्रति लिटर)। इसकी परमाणु संख्या 1, संकेत (H) और परमाणु भार 1.008 है। यह आवर्त सारणी में प्रथम स्थान पर है। साधारणतया इससे दो परमाणु मिलकर एक अणु (H2) बनाते है। हाइड्रोजन बहुत निम्न ताप पर द्रव और ठोस होता है।।इण्डिया वॉटर पोर्टल।०८-३०-२०११।अभिगमन तिथि: १७-०६-२०१७ द्रव हाइड्रोजन - 253° से.

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हिलियम

तरलीकृत हीलियम शुद्ध हीलियम से भरी गैस डिस्चार्ज ट्यूब हिलियम (Helium) एक रासायनिक तत्त्व है जो प्रायः गैसीय अवस्था में रहता है। यह एक निष्क्रिय गैस या नोबेल गैस (Noble gas) है तथा रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, विष-हीन (नॉन-टॉक्सिक) भी है। इसका परमाणु क्रमांक २ है। सभी तत्वों में इसका क्वथनांक (boiling point) एवं गलनांक (melting point) सबसे कम है। द्रव हिलियम का प्रयोग पदार्थों को अत्यन्त कम ताप तक ठण्डा करने के लिये किया जाता है; जैसे अतिचालक तारों को १.९ डिग्री केल्विन तक ठण्डा करने के लिये। हीलियम अक्रिय गैसों का एक प्रमुख सदस्य है। इसका संकेत He, परमाणुभार ४, परमाणुसंख्या २, घनत्व ०.१७८५, क्रांतिक ताप -२६७.९०० और क्रांतिक दबाव २ २६ वायुमंडल, क्वथनांक -२६८.९० सें.

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विद्युत आवेश

विद्युत आवेश कुछ उपपरमाणवीय कणों में एक मूल गुण है जो विद्युतचुम्बकत्व का महत्व है। आवेशित पदार्थ को विद्युत क्षेत्र का असर पड़ता है और वह ख़ुद एक विद्युत क्षेत्र का स्रोत हो सकता है। आवेश पदार्थ का एक गुण है! पदार्थो को आपस में रगड़ दिया जाये तो उनमें परस्पर इलेक्ट्रोनों के आदान प्रदान के फलस्वरूप आकर्षण का गुण आ जाता है। .

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आवर्त सारणी

आवर्त सारणी (अथवा, तत्वों की आवर्त सारणी) रासायनिक तत्वों को उनकी संगत विशेषताओं के साथ एक सारणी के रूप में दर्शाने की एक व्यवस्था है। आवर्त सारणी में रासायनिक तत्त्व परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में सजाये गये हैं तथा आवर्त (पिरियड), प्राथमिक समूह, द्वितीयक समूह में वर्गीकृत किया गया है। वर्तमान आवर्त सारणी मैं ११८ ज्ञात तत्व सम्मिलित हैं। सबसे पहले रूसी रसायन-शास्त्री मेंडलीफ (सही उच्चारण- मेन्देलेयेव) ने सन १८६९ में आवर्त नियम प्रस्तुत किया और तत्वों को एक सारणी के रूप में प्रस्तुत किया। इसके कुछ महीनों बाद जर्मन वैज्ञानिक लोथर मेयर (1830-1895) ने भी स्वतन्त्र रूप से आवर्त सारणी का निर्माण किया। मेन्देलेयेव की सारणी से अल्फ्रेड वर्नर (Alfred Werner) ने आवर्त सारणी का वर्तमान स्वरूप निर्मित किया। सन १९५२ में कोस्टा रिका के वैज्ञानिक गिल चावेरी (scientist Gil Chaverri) ने आवर्त सारणी का एक नया रूप प्रस्तुत किया जो तत्वों के इलेक्ट्रानिक संरचना पर आधारित था। रसायन शास्त्रियों के लिये आवर्त सारणी अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं उपयोगी है। इसके कारण कम तत्वों के गुणधर्मों को ही याद रखने से काम चल जाता है क्योंकि आवर्त सारणी में किसी समूह (उर्ध्वाधर पंक्ति) या किसी आवर्त (क्षैतिज पंक्ति) में गुणधर्म एक निश्चित क्रम से एवं तर्कसम्मत तरीके से बदलते हैं। नीचे आवर्त सारणी का आधुनिक रूप दिखाया गया है जिसमें १८ वर्ग तथा ७ आवर्त हैं- .

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क्षार धातु

आवर्त सारणी के तत्त्व लिथियम (Li), सोडियम (Na), पोटैशियम (K), रुबिडियम (Rb), सीजियम (Cs) और फ्रांसियम (Fr) के समूह को क्षार धातुएँ (Alkali metals) कहते हैं। यह समूह आवर्त सारणी के एस-ब्लॉक में स्थित है। क्षार धातुएँ समान गुण वाली हैं। वे सभी मुलायम, चमकदार तथा मानक ताप तथा दाब पर उच्च अभिक्रियाशील होती हैं तथा कोमलता के कारण एक चाकू से आसानी से काटी जा सकती हैं। चूंकि ये शीघ्र अभिक्रिया करने वाले हैं, अत: वायु तथा इनके बीच की रासायनिक अभिक्रिया को रोकने हेतु इन्हें तेल आदि में संग्रहित रखना चाहिये। यह गैर मुक्त तत्व के रूप में प्राकृतिक रूप से लवण में पाए जाते हैं। सभी खोजे गये क्षार धातुएँ अपनी मात्रा के क्रम में प्रकृति में पाए जाते हैं जिनमें क्रमवार सोडियम जो सबसे आम हैं, तथा इसके बाद पोटैशियम, लिथियम, रुबिडियम, सिज़ियम तथा अंतिम फ्रांसियम, फ्रांसियम अपने उच्च रेडियोधर्मिता के कारण सबसे दुर्लभ है। .

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अनुक्रम

वस्तुओं की किसी क्रमित सूची को अनुक्रम (sequence) कहते हैं। अनुक्रम में 'क्रम' का महत्व है जबकि समुच्चय में क्रम का महत्व नहीं होता। अनुक्रम में एक ही सदस्य अलग-अलग स्थानों पर भी आ सकते हैं। अनुक्रम के सदस्य 'कुछ भी' हो सकते हैं, जैसे संख्याएँ, शब्द, वर्ण, रंग, नाम आदि। अनुक्रम सीमित या असीमित दोनों प्रकार के होते हैं। अनुक्रम के कुछ उदाहरण: श्रेणी और अनुक्रम अलग-अलग हैं। श्रेणी, 'संख्याओं के योग' का नाम है। इस श्रेणी में जो संख्याएँ जोड़ी जा रहीं हैं उनका एक अनुक्रम है। अर्थात .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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२ एक संख्या, संख्यांक और ग्लिफ़ है। यह एक प्राकृतिक संख्या है, जो १ के बाद आती है और ३ के पहले। श्रेणी:देवनागरी श्रेणी:संख्या als:0er#Johr 2.

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