6 संबंधों: डेबिट कार्ड, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर, यूनिकोड, कंप्यूटर, केंद्रीय बैंक।
डेबिट कार्ड
डेबिट कार्ड (बैंक कार्ड या चेक कार्ड वा विकलन पत्रक के नाम से भी जाना जाता है), एक प्लास्टिक कार्ड है, जो खरीददारी करते समय भुगतान की वैकल्पिक पद्धति प्रदान करता है। कार्यात्मक रूप से, इसे इलेक्ट्रॉनिक चेक कहा जा सकता है, क्योंकि पैसे बैंक खाते से या तो सीधे निकाले जा सकते हैं या शेष राशि कार्ड के ज़रिए भी निकाली जा सकती है। कुछ मामलों में, कार्ड को खास तरह से केवल इंटरनेट के लिए इस तरह डिजाइन किया जाता है कि भौतिक रूप से कोई कार्ड होता ही नहीं है। डेबिट कार्ड का उपयोग कुछ देशों में व्यापक हो चुका है और इसने चेक की जगह ले ली है और कुछ मामलों में बड़ी मात्रा में नकदी का लेनदेन भी होता है। क्रेडिट कार्ड की तरह डेबिट कार्ड का उपयोग टेलीफोन और इंटरनेट के ज़रिये खरीददारी के लिए भी होता है, लेकिन क्रेडिट कार्ड की राशि वाहक के द्वारा बाद की तरीख में भुगतान करने के बजाए वाहक के बैंक खाते से स्थानांतरित होते हैं। डेबिट कार्ड की सहायता से आप तुरंत नकदी निकाल सकते हैं, क्योंकि यह एटीएम (ATM) कार्ड और चेक गारंटी कार्ड की तरह प्रयुक्त होता है। जहां ग्राहक खरीददारी के साथ साथ नकदी भी निकाल सकते हैं, वहां व्यापारी अपने ग्राहक को "कैशबैक"/"कैश आउट" की सुविधाएं देने की पेशकश कर सकता है। .
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भारतीय रिज़र्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिजर्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है। इसकी स्थापना १ अप्रैल सन १९३५ को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट १९३४ के अनुसार हुई। बाबासाहेब डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धांत के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक बनाई गई थी। बैंक कि कार्यपद्धती या काम करने शैली और उसका दृष्टिकोण बाबासाहेब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था, जब 1926 में ये कमीशन भारत में रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फिनांस के नाम से आया था तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब ने लिखे हुए ग्रंथ दी प्राब्लम ऑफ दी रुपी - इट्स ओरीजन एंड इट्स सोल्यूशन (रुपया की समस्या - इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की, उसकी पृष्टि की। ब्रिटिशों की वैधानिक सभा (लेसिजलेटिव असेम्बली) ने इसे कानून का स्वरूप देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया। प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन १९३७ में मुम्बई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन १९४९ से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है। उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने ४ सितम्बर २०१६ को पदभार ग्रहण किया। पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 22 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं। मुद्रा परिचालन एवं काले धन की दोषपूर्ण अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने के लिये रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया ने ३१ मार्च २०१४ तक सन् २००५ से पूर्व जारी किये गये सभी सरकारी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। .
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मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर
'मुक्ति' के विविध पक्ष मुक्त स्रोत अथवा ओपन सोर्स ऐसे सॉफ्टवेयर को कहा जाता है जिसका स्रोत कूट (सोर्स कोड) सभी के लिये खुला हो। ऐसे सॉफ्टवेयर का कोड कोई भी व्यक्ति संशोधित कर उसके विकास में योगदान दे सकता है या स्वयं अपने काम में इसका निःशुल्क उपयोग कर सकता है। इक्कीसवीं शताब्दी में बौधिक सम्पदा अधिकारों की महत्वपूण भूमिका रहेगी। ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर का बौद्धिक सम्पदा अधिकार से अलग तरह का रिश्ता है इसीलिये इसके महत्व को नकारा नहीं जा सकता। हो सकता है कि आने वाले कल में, सूचना प्रोद्योगिकी की दिशा इसी पर निर्भर करे। इसीलिये ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर को जानना, इसके महत्व को समझना, तथा इसके एवं बौधिक सम्पदा अधिकार के साथ रिश्ते को आत्मसात करना नितान्त आवश्यक है। .
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यूनिकोड
यूनिकोड का प्रतीक-चिह्न यूनिकोड (Unicode), प्रत्येक अक्षर के लिए एक विशेष संख्या प्रदान करता है, चाहे कोई भी कम्प्यूटर प्लेटफॉर्म, प्रोग्राम अथवा कोई भी भाषा हो। यूनिकोड स्टैंडर्ड को एपल, एच.पी., आई.बी.एम., जस्ट सिस्टम, माइक्रोसॉफ्ट, ऑरेकल, सैप, सन, साईबेस, यूनिसिस जैसी उद्योग की प्रमुख कम्पनियों और कई अन्य ने अपनाया है। यूनिकोड की आवश्यकता आधुनिक मानदंडों, जैसे एक्स.एम.एल, जावा, एकमा स्क्रिप्ट (जावास्क्रिप्ट), एल.डी.ए.पी., कोर्बा 3.0, डब्ल्यू.एम.एल के लिए होती है और यह आई.एस.ओ/आई.ई.सी. 10646 को लागू करने का अधिकारिक तरीका है। यह कई संचालन प्रणालियों, सभी आधुनिक ब्राउजरों और कई अन्य उत्पादों में होता है। यूनिकोड स्टैंडर्ड की उत्पति और इसके सहायक उपकरणों की उपलब्धता, हाल ही के अति महत्वपूर्ण विश्वव्यापी सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी रुझानों में से हैं। यूनिकोड को ग्राहक-सर्वर अथवा बहु-आयामी उपकरणों और वेबसाइटों में शामिल करने से, परंपरागत उपकरणों के प्रयोग की अपेक्षा खर्च में अत्यधिक बचत होती है। यूनिकोड से एक ऐसा अकेला सॉफ्टवेयर उत्पाद अथवा अकेला वेबसाइट मिल जाता है, जिसे री-इंजीनियरिंग के बिना विभिन्न प्लेटफॉर्मों, भाषाओं और देशों में उपयोग किया जा सकता है। इससे आँकड़ों को बिना किसी बाधा के विभिन्न प्रणालियों से होकर ले जाया जा सकता है। .
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कंप्यूटर
निजी संगणक कंप्यूटर (अन्य नाम - संगणक, कंप्यूटर, परिकलक) वस्तुतः एक अभिकलक यंत्र (programmable machine) है जो दिये गये गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में सक्षम है। इसे अंक गणितीय, तार्किक क्रियाओं व अन्य विभिन्न प्रकार की गणनाओं को सटीकता से पूर्ण करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से निर्देशित किया जा सकता है। चूंकि किसी भी कार्य योजना को पूर्ण करने के लिए निर्देशो का क्रम बदला जा सकता है इसलिए संगणक एक से ज्यादा तरह की कार्यवाही को अंजाम दे सकता है। इस निर्देशन को ही कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कहते है और संगणक कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा की मदद से उपयोगकर्ता के निर्देशो को समझता है। यांत्रिक संगणक कई सदियों से मौजूद थे किंतु आजकल अभिकलित्र से आशय मुख्यतः बीसवीं सदी के मध्य में विकसित हुए विद्दुत चालित अभिकलित्र से है। तब से अबतक यह आकार में क्रमशः छोटा और संक्रिया की दृष्टि से अत्यधिक समर्थ होता गया हैं। अब अभिकलक घड़ी के अन्दर समा सकते हैं और विद्युत कोष (बैटरी) से चलाये जा सकते हैं। निजी अभिकलक के विभिन्न रूप जैसे कि सुवाह्य संगणक, टैबलेट आदि रोजमर्रा की जरूरत बन गए हैं। परंपरागत संगणकों में एक केंद्रीय संचालन इकाई (सीपीयू) और सूचना भन्डारण के लिए स्मृति होती है। संचालन इकाई अंकगणित व तार्किक गणनाओ को अंजाम देती है और एक अनुक्रमण व नियंत्रण इकाई स्मृति में रखे निर्देशो के आधार पर संचालन का क्रम बदल सकती है। परिधीय या सतह पे लगे उपकरण किसी बाहरी स्रोत से सूचना ले सकते है व कार्यवाही के फल को स्मृति में सुरक्षित रख सकते है व जरूरत पड़ने पर पुन: प्राप्त कर सकते हैं। एकीकृत परिपथ पर आधारित आधुनिक संगणक पुराने जमाने के संगणकों के मुकबले करोड़ो अरबो गुना ज्यादा समर्थ है और बहुत ही कम जगह लेते है। सामान्य संगणक इतने छोटे होते है कि मोबाइल फ़ोन में भी समा सकते है और मोबाइल संगणक एक छोटी सी विद्युत कोष (बैटरी) से मिली ऊर्जा से भी काम कर सकते है। ज्यादातर लोग “संगणकों” के बारे में यही राय रखते है कि अपने विभिन्न स्वरूपों में व्यक्तिगत संगणक सूचना प्रौद्योगिकी युग के नायक है। हालाँकि embedded system|सन्निहित संगणक जो कि ज्यादातर उपकरणों जैसे कि आंकिक श्रव्य वादक|एम.पी.३ वादक, वायुयान व खिलौनो से लेकर औद्योगिक मानव यन्त्र में पाये जाते है लोगो के बीच ज्यादा प्रचलित है। .
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केंद्रीय बैंक
अंगूठाकार एक केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक, या मौद्रिक प्राधिकरण एक सफल हुआ है कि एक संस्था है कि राज्य की मुद्रा, पैसे की आपूर्ति, और ब्याज दरों। सेंट्रल बैंक भी आम तौर पर निगरानी वाणिज्यिक बैंकिंग प्रणाली अपने-अपने देशों की। एक वाणिज्यिक बैंक के विपरीत, एक केंद्रीय बैंक एक के पास एकाधिकार बढ़ाने पर मौद्रिक आधार राज्य में, और आमतौर पर यह भी राष्ट्रीय मुद्रा प्रिंट आम तौर पर राज्य के रूप में कार्य करता है जो कानूनी निविदा। एक केंद्रीय बैंक का प्राथमिक कार्य देश की मुद्रा आपूर्ति, ब्याज दरों, सेटिंग आरक्षित आवश्यकता है, और एक के रूप में अभिनय अंतिम उपाय के ऋणदाता के लिए बैंकिंग क्षेत्र बैंक दिवालियेपन के समय के दौरान या वित्तीय संकट। सेंट्रल बैंक आम तौर पर भी रोकने का इरादा पर्यवेक्षी शक्तियों है, बैंक रन और वाणिज्यिक बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों लापरवाह या धोखाधड़ी के व्यवहार में संलग्न है कि जोखिम को कम करने के लिए। सबसे विकसित देशों में केंद्रीय बैंकों संस्थागत राजनीतिक हस्तक्षेप से स्वतंत्र होने के लिए तैयार कर रहे हैं। फिर भी, कार्यकारी और विधायी निकायों द्वारा सीमित नियंत्रण आम तौर पर मौजूद है। एक राष्ट्र (या राष्ट्रों के समूह) के लिए मौद्रिक प्रणाली की देखरेख के लिए जिम्मेदार इकाई। केंद्रीय बैंकों की देखरेख से, जिम्मेदारियों की एक विस्तृत श्रृंखला है कि मौद्रिक नीति में इस तरह के मुद्रा स्थिरता, कम मुद्रास्फीति और के रूप में विशिष्ट लक्ष्यों को लागू करने के लिए पूर्ण रोजगार। केंद्रीय बैंकों ने भी आम तौर पर, सरकार के बैंक के रूप में मुद्रा, समारोह मुद्दा क्रेडिट प्रणाली को विनियमित, देखरेख वाणिज्यिक बैंकों, एक के रूप में मुद्रा भंडार और अभिनय का प्रबंधन अंतिम उपाय के ऋणदाता। केंद्रीय बैंक ने यह वाणिज्यिक बैंकों एक आपूर्ति की कमी को कवर नहीं कर सकते हैं जब धन के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार है जिसका मतलब है कि "अंतिम उपाय के ऋणदाता" के रूप में वर्णित किया गया है। दूसरे शब्दों में, केंद्रीय बैंक में नाकाम रहने से देश की बैंकिंग प्रणाली को रोकता है। हालांकि, केंद्रीय बैंकों का प्राथमिक लक्ष्य अपने देशों के प्रदान करने के लिए है मुद्राओं को नियंत्रित करने से कीमतों में स्थिरता के साथ मुद्रास्फीति। एक केंद्रीय बैंक ने देश के नियामक प्राधिकारी के रूप में कार्य करता है मौद्रिक नीति और संचलन में नोटों और सिक्कों की एकमात्र प्रदाता और प्रिंटर है। केंद्रीय बैंक ने यह भी पूरी तरह से किसी भी व्यावसायिक बैंकिंग हितों का विनिवेश किया जाना चाहिए। .
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