4 संबंधों: स्तनधारी, वाई गुण सूत्र, गुणसूत्र, अंग्रेज़ी भाषा।
स्तनधारी
यह प्राणी जगत का एक समूह है, जो अपने नवजात को दूध पिलाते हैं जो इनकी (मादाओं के) स्तन ग्रंथियों से निकलता है। यह कशेरुकी होते हैं और इनकी विशेषताओं में इनके शरीर में बाल, कान के मध्य भाग में तीन हड्डियाँ तथा यह नियततापी प्राणी हैं। स्तनधारियों का आकार २९-३३ से.मी.
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वाई गुण सूत्र
वाई गुण सूत्र के विभिन्न हिस्सों का चित्रण वाई गुण सूत्र किसी भी स्तनधारी श्रेणी के जानवर (जिसमें मनुष्य भी शामिल हैं) में लिंग की पहचान देने वाला एक गुण सूत्र है। इन जीवों में केवल ऐसे दो लिंग-भेद करने वाले गुण सूत्र होते हैं - एक्स गुण सूत्र और वाई गुण सूत्र। इनका नाम अंग्रेज़ी के "X" और "Y" अक्षरों पर पड़ा है क्योंकि इनके आकार उनसे मिलते-जुलते हैं। नरों में एक वाई और एक एक्स गुण सूत्र होता है, जबकि मादाओं में दो एक्स गुण सूत्र होते हैं। साधारण तौर पर किसी भी पिता का यह इकलौता वाई गुण सूत्र बिना किसी बदलाव के उसके पुत्रों में जाता है। इसलिए वाई गुण सूत्र के अध्ययन से किसी भी पुरुष के पितृवंश समूह का पता लगाया जा सकता है। वाई गुण सूत्र पर एक एस॰आर॰वाई॰ (SRY) नाम की जीन मौजूद होती है जो नर की विकास-आयु में शरीर को अंडकोषों को विकसित करने का आदेश देती है।, Institute of Medicine (U.S.). Committee on Understanding the Biology of Sex and Gender Differences, Theresa M. Wizemann, Mary Lou Pardue, National Academies Press, 2001, ISBN 978-0-309-07281-6,...
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गुणसूत्र
गुण सूत्र का चित्र १ क्रोमेटिड २ सेन्ट्रोमियर ३ छोटी भुजा ४ लम्बी भुजा गुणसूत्र या क्रोमोज़ोम (Chromosome) सभी वनस्पतियों व प्राणियों की कोशिकाओं में पाये जाने वाले तंतु रूपी पिंड होते हैं, जो कि सभी आनुवांशिक गुणों को निर्धारित व संचारित करते हैं। प्रत्येक प्रजाति में गुणसूत्रों की संख्या निश्चित रहती हैं। मानव कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या ४६ होती है जो २३ के जोड़े में होते है। इनमे से २२ गुणसूत्र नर और मादा में समान और अपने-अपने जोड़े के समजात होते है। इन्हें सम्मिलित रूप से समजात गुणसूत्र (Autosomes) कहते है। २३वें जोड़े के गुणसूत्र स्त्री और पुरूष में समान नहीं होते जिन्हे विषमजात गुणसूत्र (heterosomes) कहते है। .
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अंग्रेज़ी भाषा
अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .
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