लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

नवगोपाल मित्र

सूची नवगोपाल मित्र

नवगोपाल मित्र (1840–1894) भारतीय नाटककार, कवि, निबन्धकार तथा देशभक्त थे। हिन्दू राष्ट्रीयता के संस्थापकों में उनका महत्वपूर्ण स्थान है। ऋषि राजनारायण बसु आदि के साथ मिलकर उन्होने हिन्दू मेले की स्थापना की थी। उन्होने नेशनल प्रेस, नेशनल पेपर, नेशनल सोसायटी, नेशनल थिएटर, नेशनल जिम्नेजियम (राष्ट्रीय व्यायामशाला), नेशनल सर्कस आदि की स्थापना की जिनसे उनका नाम ही 'नेशनल मित्र' पड़ गया। .

7 संबंधों: देशभक्ति, नाटक, निबन्ध, भारत, राजनारायण बसु, हिन्दू मेला, कवि

देशभक्ति

अपने देश और मातृभूमि के प्रति सम्मान रखना, स्वाभिमान प्रकट करना और उसके प्रति वफ़ादार रहना, देशभक्ति की भावना का सूचक है। साहित्य में इस भावना का एक विश्वसनीय स्थान है। .

नई!!: नवगोपाल मित्र और देशभक्ति · और देखें »

नाटक

नाटक, काव्य का एक रूप है। जो रचना श्रवण द्वारा ही नहीं अपितु दृष्टि द्वारा भी दर्शकों के हृदय में रसानुभूति कराती है उसे नाटक या दृश्य-काव्य कहते हैं। नाटक में श्रव्य काव्य से अधिक रमणीयता होती है। श्रव्य काव्य होने के कारण यह लोक चेतना से अपेक्षाकृत अधिक घनिष्ठ रूप से संबद्ध है। नाट्यशास्त्र में लोक चेतना को नाटक के लेखन और मंचन की मूल प्रेरणा माना गया है। .

नई!!: नवगोपाल मित्र और नाटक · और देखें »

निबन्ध

निबन्ध (Essay) गद्य लेखन की एक विधा है। लेकिन इस शब्द का प्रयोग किसी विषय की तार्किक और बौद्धिक विवेचना करने वाले लेखों के लिए भी किया जाता है। निबंध के पर्याय रूप में सन्दर्भ, रचना और प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जाता है। लेकिन साहित्यिक आलोचना में सर्वाधिक प्रचलित शब्द निबंध ही है। इसे अंग्रेजी के कम्पोज़ीशन और एस्से के अर्थ में ग्रहण किया जाता है। आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के अनुसार संस्कृत में भी निबंध का साहित्य है। प्राचीन संस्कृत साहित्य के उन निबंधों में धर्मशास्त्रीय सिद्धांतों की तार्किक व्याख्या की जाती थी। उनमें व्यक्तित्व की विशेषता नहीं होती थी। किन्तु वर्तमान काल के निबंध संस्कृत के निबंधों से ठीक उलटे हैं। उनमें व्यक्तित्व या वैयक्तिकता का गुण सर्वप्रधान है। इतिहास-बोध परम्परा की रूढ़ियों से मनुष्य के व्यक्तित्व को मुक्त करता है। निबंध की विधा का संबंध इसी इतिहास-बोध से है। यही कारण है कि निबंध की प्रधान विशेषता व्यक्तित्व का प्रकाशन है। निबंध की सबसे अच्छी परिभाषा है- इस परिभाषा में अतिव्याप्ति दोष है। लेकिन निबंध का रूप साहित्य की अन्य विधाओं की अपेक्षा इतना स्वतंत्र है कि उसकी सटीक परिभाषा करना अत्यंत कठिन है। .

नई!!: नवगोपाल मित्र और निबन्ध · और देखें »

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

नई!!: नवगोपाल मित्र और भारत · और देखें »

राजनारायण बसु

राजनारायण बसु राजनारायण बसु (1826 – 1899) बांग्ला लेखक एवं बंगाली पुनर्जागरण के चिन्तक थे। उनका जन्म २४ परगना स्थित बोरल में हुआ था। .

नई!!: नवगोपाल मित्र और राजनारायण बसु · और देखें »

हिन्दू मेला

हिन्दु मेला एक सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था थी जिसकी स्थापना 1867 में गणेन्द्रनाथ ठाकुर ने द्विजेन्द्र नाथ ठाकुर, राजनारायण बसु और नवगोपाल मित्र के साथ मिलकर की थी। इसे 'चैत्र मेला' भी कहते थे क्योंकि इसकी स्थापना चैत्र संक्रान्ति (बंगाली वर्ष का अन्तिम दिन) के दिन हुई थी। गगेन्द्रनाथ ठाकुर इसके संस्थापक सचिव थे। हिन्दु मेला ने बंगाल के पढे लिखे वर्ग में देश के लिये सोचने, उसके प्रति देशवासियों को तैयार करने की कोशिश की। यह किसी धार्मिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए नहीं बनी थी। यह देशभक्ति का विकास और स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने का कार्य करती थी। इसका उद्देश्य भारत की सभ्यता की कीर्ति को पुनर्जीवित करना, देशवासियों को जागृत करना, राष्ट्रभाषा का विकास करना, उनके विचारों को उन्नत बनाना था ताकि अंग्रेजों द्वारा किये जा रहे सांस्कृतिक उपनिवेशीकरण का प्रतिकार किया जा सके। यह मेला प्रतिवर्ष चैत्र संक्रान्ति को आयोजित किया जाता था। इसमें देशभक्ति के गीत, कविताएँ और व्याख्यान होते थे। इसमें भारत के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक दशा की विस्तृत समीक्षा की जाती थी। स्वदेशी कला, स्वदेशी हस्तशिल्प, स्वदेशी व्यायाम और पहलवानी की प्रदर्शनी लगती थी। इसमें अखिल भारतीयता का भी ध्यान रखा जाता था तथा बनारस, जयपुर, लखनऊ, पटना और कश्मीर आदि की कलात्मक वस्तुएं, हस्तशिल्प आदि का प्रदर्शन न्ही किया जाता था। 'लज्जय भारत-यश गाइबो की कोरे?' नामक गाना इसमें कई बार गाया गया। इसके रचयिता गगेन्द्रनाथ थे। १८९० के दशक में इस संस्था का प्रभाव कम हो गया किन्तु इसने स्वदेशी आन्दोलन के लिए जमीन तैयार कर दी थी। .

नई!!: नवगोपाल मित्र और हिन्दू मेला · और देखें »

कवि

कवि वह है जो भावों को रसाभिषिक्त अभिव्यक्ति देता है और सामान्य अथवा स्पष्ट के परे गहन यथार्थ का वर्णन करता है। इसीलिये वैदिक काल में ऋषय: मन्त्रदृष्टार: कवय: क्रान्तदर्शिन: अर्थात् ऋषि को मन्त्रदृष्टा और कवि को क्रान्तदर्शी कहा गया है। "जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि" इस लोकोक्ति को एक दोहे के माध्यम से अभिव्यक्ति दी गयी है: "जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ, कवि पहुँचे तत्काल। दिन में कवि का काम क्या, निशि में करे कमाल।।" ('क्रान्त' कृत मुक्तकी से साभार) .

नई!!: नवगोपाल मित्र और कवि · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »