लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

यूनानी अंधकार काल

सूची यूनानी अंधकार काल

ज्यामितीय रेखाचित्र दिखते हैं अंधकार काल के यूनान का एक नक़्शा यूनानी अंधकार काल ग्रीस (यूनान) के इतिहास में १२०० ईसापूर्व से ८०० ईसापूर्व के काल को कहा जाता है जिस से सम्बंधित लेख इतिहासकारों को नहीं मिल पाए हैं। इस युग से पहले के रेखीय बी लिपि में लिखी माइसीनियाई यूनानी के बहुत से नमूने मिटटी के तख़्तो और बर्तनों पर और इमारतों पर मिले हैं। इस "अंधकार" काल के बाद इस उपभाषा का प्रयोग नहीं मिलता बल्कि शास्त्रीय यूनानी कहलाई जाने वाली उत्तरी उपभाषा की लिखाइयाँ ही मिलती हैं जिनमें आधुनिक यूनानी अक्षरमाला से मिलती-जुलती लिपि का प्रयोग है। माइसीनियाई युग में बर्तनों और अन्य वस्तुओं पर बहुत विस्तृत चित्रों (डिज़ाईनों) को देखा जाता था, लेकिन अंधकार युग में मिली वस्तुओं पर सादे रेखा-चित्रों को ही पाया गया, जिस से यह लगा कि एक कला-विकसित संस्कृति किसी वजह से गिरकर अविकसित हो गई। इन तथ्यों को समझने के लिए इतिहासकारों ने घटनाक्रम इस तरह से जोड़ा कि उसमें पहले माइसीनियाई यूनानी संस्कृति फल-फूल रही थी, फिर उत्तर से डोरियाई कहलाए जाने वाले लोगों का आक्रमण हुआ जिन्होनें इस सभ्यता का अंत कर दिया। लगभग ४०० सालों तक यूनान एक बर्बरता के अंधकार में रहा और इस काल की कोई लिखाई नहीं मिलती क्योंकि लिखाइयाँ बनी ही नहीं थीं। उसके बाद सभ्यता एक नई उपभाषा के साथ फिर जन्मी। इसके विपरीत वर्तमान के कुछ विद्वानों का मानना है कि ऐसा कोई अंधकार काल कभी था ही नहीं और इस काल के लेख इसलिए नहीं मिलें क्योंकि उन्हें ठीक से खोजा नहीं गया है। मतभेद जारी है। .

14 संबंधों: प्राचीन मिस्र, प्राचीन यूनान, फ़ोनीशिया, फ़ोनीशियाई वर्णमाला, भूमध्य सागर, माइसीनियाई यूनानी, यूनान, यूनानी भाषा, यूनानी वर्णमाला, रेखीय बी लिपि, ज्यामिति, ख़, आनातोलिया, कांस्य युग

प्राचीन मिस्र

गीज़ा के पिरामिड, प्राचीन मिस्र की सभ्यता के सबसे ज़्यादा पहचाने जाने वाले प्रतीकों में से एक हैं। प्राचीन मिस्र का मानचित्र, प्रमुख शहरों और राजवंशीय अवधि के स्थलों को दर्शाता हुआ। (करीब 3150 ईसा पूर्व से 30 ई.पू.) प्राचीन मिस्र, नील नदी के निचले हिस्से के किनारे केन्द्रित पूर्व उत्तरी अफ्रीका की एक प्राचीन सभ्यता थी, जो अब आधुनिक देश मिस्र है। यह सभ्यता 3150 ई.पू.

नई!!: यूनानी अंधकार काल और प्राचीन मिस्र · और देखें »

प्राचीन यूनान

एथेंस के ऐक्रोपोलिस स्थल में स्थित पारथ़ेनोन, जो अथ़ीना नामक देवी का मंदिर है प्राचीन यूनानी सभ्यता उस संस्कृति को कहते हैं जो यूनान और उसके नज़दीकी क्षेत्रों में लगभग आठवी शताब्दी ईसा-पूर्व से लगभग छठी शताब्दी इसाई तक (यानि क़रीब 1,300 वर्षों तक) विस्तृत थी। आधुनिक पश्चिमी संस्कृतियों की सब से गहरी जड़ इसी सभ्यता को माना जाता है, इसलिए पश्चिमी इतिहासकारों के लिए यूनानी सभ्यता हमेशा बहुत महत्वपूर्ण रही है। माना जाता है के इस सभ्यता के बाद आने वाले रोमन साम्राज्य पर प्राचीन यूनान का गहरा असर था और उस साम्राज्य और संस्कृति के कई पहलुओं में यूनानी संस्कृति की छाप देखी जा सकती है। .

नई!!: यूनानी अंधकार काल और प्राचीन यूनान · और देखें »

फ़ोनीशिया

फ़ोनीशिया का प्रभाव पूरे भूमध्य सागर क्षेत्र में समुद्री व्यापार के ज़रिये फैल गया फ़ोनीशिया मध्य-पूर्व के उर्वर अर्धचंद्र के पश्चिमी भाग में भूमध्य सागर के तट के साथ-साथ स्थित एक प्राचीन सभ्यता थी। समुद्री व्यापार के ज़रिये यह 1550 से 300 ईसा-पूर्व के काल में भूमध्य सागर के दूर​-दराज़ इलाक़ों में फैल ग​ई। उन्हें प्राचीन यूनानी और रोमन लोग "जमुनी-रंग के व्यापारी" कहा करते थे क्योंकि रंगरेज़ी में इस्तेमाल होने वाले म्यूरक्स घोंघे से बनाए जाने वाले जामुनी रंग केवल इन्ही से मिला करता था। इन्होने जिस अक्षरमाला का इजाद किया उसपर विश्व की सारी प्रमुख अक्षरमालाएँ आधारित हैं। कई भाषावैज्ञानिकों का मानना है कि देवनागरी-सहित भारत की सभी वर्णमालाएँ इसी फ़ोनीशियाई वर्णमाला की संताने हैं। .

नई!!: यूनानी अंधकार काल और फ़ोनीशिया · और देखें »

फ़ोनीशियाई वर्णमाला

राजा किलामुवा द्वारा जारी किया गया फ़ोनीशियाई में एक फ़रमान एश्मुन धार्मिक स्थल पर राजा बोदशतार्त द्वारा लिखित पंक्तियाँ तूनिशिया से मिली फ़ोनीशियाई में लिखी बाल हम्मोन और तनित नामक देवताओं को प्रार्थना फ़ोनीशियाई वर्णमाला फ़ोनीशिया की सभ्यता द्वारा अविष्कृत वर्णमाला थी जिसमें हर वर्ण एक व्यंजन की ध्वनी बनता था। क्योंकि फ़ोनीशियाई लोग समुद्री सौदागर थे इसलिए उन्होंने इस अक्षरमाला को दूर-दूर तक फैला दिया और उनकी देखा-देखी और सभ्यताएँ भी अपनी भाषाओँ के लिए इसमें फेर-बदल करके इसका प्रयोग करने लगीं। माना जाता है के आधुनिक युग की सभी मुख्य अक्षरमालाएँ इसी फ़ोनीशियाई वर्णमाला की संताने हैं। देवनागरी सहित, भारत की सभी वर्णमालाएँ भी फ़ोनीशियाई वर्णमाला की वंशज हैं। इसका विकास क़रीब 1050 ईसा-पूर्व में आरम्भ हुआ था और प्राचीन यूनानी सभ्यता के उदय के साथ-साथ अंत हो गया। .

नई!!: यूनानी अंधकार काल और फ़ोनीशियाई वर्णमाला · और देखें »

भूमध्य सागर

भूमध्य सागर (Mediterranean sea) पृथ्वी का एक सागर है, जो उत्तरी अफ्रीका, यूरोप, अनातोलिया तथा मध्य पूर्व के बीच स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग २५ लाख वर्ग किलोमीटर है, जो भारत के क्षेत्रफल का लगभग तीन-चौथाई है। प्राचीन काल में यूनान, अनातोलिया, कार्थेज, स्पेन, रोम, यरुशलम, अरब तथा मिस्र जैसे प्रदेशों तथा नगरों के बीच स्थित होने की वजह से इसे भूमध्य (धरती के बीच का) सागर कहते थे। यह अटलांटिक महासागर से जिब्राल्टर द्वारा जुड़ा है, जो केवल १४ किलोमीटर चौड़ा एक जलडमरूमध्य है। भूमध्य सागर का मानचित्र .

नई!!: यूनानी अंधकार काल और भूमध्य सागर · और देखें »

माइसीनियाई यूनानी

रेखीय बी (लीनियर बी) नामक लिपि में लिखी माइसीनियाई यूनानी - यह सन् १४५० ईसापूर्व में बने अभिलेख सौभाग्य से आग में पककर सख़्त होने की वजह से आधुनिक युग तक बच गए माइसीनियाई यूनानी (यूनानी: Μυκηναϊκή διάλεκτος, मुकिनाइकी दिआलेक्तोस) यूनानी भाषा का सब से प्राचीन ज्ञात रूप है। यह यूनान के मुख्य प्रायद्वीप, क्रीत के द्वीप और साइप्रस पर १६वीं से १२वीं सदी ईसापूर्व में बोली जाती थी। बहुत से इतिहासकारों का मानना है कि इस काल के बाद यूनानी सभ्यता के दक्षिणी क्षेत्र में डोरियाई आक्रमण हुआ जिस से उत्तरी यूनान कि उपभाषाओं ने दक्षिणी यूनानी उपभाषाओं का अंत कर दिया। इस भाषा का नाम यूनान की राजधानी एथंस से ९० किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित माइसीने (Μυκῆναι, Mycenae) पुरातत्व स्थल पर रखा गया है। .

नई!!: यूनानी अंधकार काल और माइसीनियाई यूनानी · और देखें »

यूनान

यूनान यूरोप महाद्वीप में स्थित देश है। यहां के लोगों को यूनानी अथवा यवन कहते हैं। अंग्रेजी तथा अन्य पश्चिमी भाषाओं में इन्हें ग्रीक कहा जाता है। यह भूमध्य सागर के उत्तर पूर्व में स्थित द्वीपों का समूह है। प्राचीन यूनानी लोग इस द्वीप से अन्य कई क्षेत्रों में गए जहाँ वे आज भी अल्पसंख्यक के रूप में मौज़ूद है, जैसे - तुर्की, मिस्र, पश्चिमी यूरोप इत्यादि। यूनानी भाषा ने आधुनिक अंग्रेज़ी तथा अन्य यूरोपीय भाषाओं को कई शब्द दिये हैं। तकनीकी क्षेत्रों में इनकी श्रेष्ठता के कारण तकनीकी क्षेत्र के कई यूरोपीय शब्द ग्रीक भाषा के मूलों से बने हैं। इसके कारण ये अन्य भाषाओं में भी आ गए हैं।ग्रीस की महिलाएं देह व्यापार के धंधे में सबसे आगे है.

नई!!: यूनानी अंधकार काल और यूनान · और देखें »

यूनानी भाषा

यूनानी या ग्रीक (Ελληνικά या Ελληνική γλώσσα), हिन्द-यूरोपीय (भारोपीय) भाषा परिवार की स्वतंत्र शाखा है, जो ग्रीक (यूनानी) लोगों द्वारा बोली जाती है। दक्षिण बाल्कन से निकली इस भाषा का अन्य भारोपीय भाषा की तुलना में सबसे लंबा इतिहास है, जो लेखन इतिहास के 34 शताब्दियों में फैला हुआ है। अपने प्राचीन रूप में यह प्राचीन यूनानी साहित्य और ईसाईयों के बाइबल के न्यू टेस्टामेंट की भाषा है। आधुनिक स्वरूप में यह यूनान और साइप्रस की आधिकारिक भाषा है और करीबन 2 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। लेखन में यूनानी अक्षरों का उपयोग किया जाता है। यूनानी भाषा के दो ख़ास मतलब हो सकते हैं.

नई!!: यूनानी अंधकार काल और यूनानी भाषा · और देखें »

यूनानी वर्णमाला

यूनानी वर्णमाला (Greek alphabet) चौबीस अक्षरों की वर्ण व्यवस्था है जिनके प्रयोग से यूनानी भाषा को आठवीं सदी ईसा-पूर्व से लिखा जा रहा है। प्रत्येक स्वर एवं व्यंजन लिए पृथक चिन्ह वाली यह पहली एवं प्राचीनतम वर्णमाला है। यह वर्णमाला फ़ोनीशियाई वर्णमाला से उत्पन्न हुई थी और यूरोप की कई वर्ण-व्यवस्थाएँ इसी से जन्मी हैं। अंग्रेज़ी लिखने के लिये प्रयुक्त रोमन लिपि तथा रूसी भाषा लिखने के लिए प्रयोग की जाने वाली सीरिलिक वर्णमाला दोनों यूनानी लिपि से जन्मी हैं। दूसरी शताब्दी ईसापूर्व के बाद गणितज्ञों ने यूनानी अक्षरों को अंक दर्शाने के लिए भी प्रयोग करना शुरू कर दिया। यूनानी वर्णों का प्रयोग विज्ञान के कई क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे भौतिकी में तत्वों के नाम, सितारों के नाम, बिरादरी एवं साथी सम्प्रदाय के नाम, ऊष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों के नाम के लिए। .

नई!!: यूनानी अंधकार काल और यूनानी वर्णमाला · और देखें »

रेखीय बी लिपि

यह रेखीय बी लिपि मे लिखित तख़्ती एक तेली के घर से मिली जिसमें किसी ग्राहक की ऊन रंगने की बात लिखी है रेखीय बी एक अक्षरमाला पर आधारित लिपि थी जिसका प्रयोग प्राचीन यूनान में माइसीनियाई यूनानी लिखने के लिए किया जाता था। यह यूनानी वर्णमाला से कई सदियों पहले प्रचलित थी और माइसीनियाई संस्कृति के पतन के साथ-साथ इसका प्रयोग भी ख़त्म हो गया। रेखीय बी के अभिलेख नोसोस, साइडोनिया, पाएलोस, थीब्स और माइसीनाए के स्थलों पर मिली हैं। रेखीय बी की विलुप्ति के बाद कुछ अरसे तक यूनान में किसी लिखाई का सबूत नहीं मिला है और इस काल को यूनानी अंधकार काल कहा जाता है। भाषावैज्ञानिकों का मानना है कि यह लिपि रेखीय ए नामक लिपि की संतान थी जो क्रीत के द्वीप पर बोली जाने वाली मिनोआई भाषाओँ के लिए विकसित की गई थी। रेखीय बी में लगभग ८७ भिन्न ध्वनियों से सम्बंधित अक्षर थे, लेकिन साथ ही साथ कुछ भावचित्र (इडियोग्रैम) भी प्रयोग होते थे। कुल मिलकर लीनियर बी में क़रीब २०० चिह्न पाए गए हैं। यह ध्यान योग्य बात है कि इसकी पूर्वज रेखीय ए लिपि को अभी तक भाषावैज्ञानिक पढ़ने और समझने में असमर्थ रहे हैं। .

नई!!: यूनानी अंधकार काल और रेखीय बी लिपि · और देखें »

ज्यामिति

ब्रह्मगुप्त ब्रह्मगुप्त का प्रमेय, इसके अनुसार ''AF'' .

नई!!: यूनानी अंधकार काल और ज्यामिति · और देखें »

ख़

ख़ की ध्वनि सुनिए ख़ देवनागरी लिपि का एक वर्ण है। हिंदी-उर्दू के कई शब्दों में इसका प्रयोग होता है, जैसे कि ख़रगोश, ख़ुश, ख़बर, ख़ैर और ख़ून। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में इसके उच्चारण को x के चिह्न से लिखा जाता है और उर्दू में इसे خ लिखा जाता है, जिस अक्षर का नाम ख़े है। .

नई!!: यूनानी अंधकार काल और ख़ · और देखें »

आनातोलिया

आनातोलिया का भूस्वरूप आनातोलिया (तुर्की: Anadolu, यूनानी: Ανατολία) आज के तुर्की, खासकर इसके मध्य भाग को कहते हैं। इसका पूर्वी भाग ऐतिहासिक रूप से अर्मेनिया तथा कुर्दिस्तान का अंग रहा है। यह ईलाका एशिया माइनर के नाम से भी जाना जाता हैं। सामान्य रूप से माना जाता है कि काला सागर के दक्षिण का भूभाग अनातोलिया है। .

नई!!: यूनानी अंधकार काल और आनातोलिया · और देखें »

कांस्य युग

कांस्य युग उस काल को कहते हैं जिसमें मनुष्य ने तांबे (ताम्र) तथा उसकी रांगे के साथ मिश्रित धातु कांसे का इस्तेमाल किया। इतिहास में यह युग पाषाण युग तथा लौह युग के बीच में पड़ता है। पाषाण युग में मनुष्य की किसी भी धातु का खनन कर पाने की असमर्थता थी। कांस्य युग में लोहे की खोज नहीं हो पाई थी और लौह युग में तांबा, कांसा और लोहे के अलावा मनुष्य कुछ अन्य ठोस धातुओं की खोज तथा उनका उपयोग भी सीख गया था। कांस्य युग की विशेषता यह है कि मनुष्य शहरी सभ्यताओं में बसने लगा और इसी कारण से विश्व की कई जगहों में पौराणिक सभ्यताओं का विकास हुआ। इस युग की एक और ख़ास बात यह है कि विभिन्न सभ्यताओं में अलग-अलग लिपिओं का विकास हुआ जिनकी मदद से आज के पुरातत्व शास्त्रियों को उस युग के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य हासिल होते हैं। .

नई!!: यूनानी अंधकार काल और कांस्य युग · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »