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डाक टिकट

सूची डाक टिकट

पेनी ब्लैक, विश्व की पहली डाक टिकटडाक टिकट चिपकने वाले कागज से बना एक साक्ष्य है जो यह दर्शाता है कि, डाक सेवाओं के शुल्क का भुगतान हो चुका है। आम तौर पर यह एक छोटा आयताकार कागज का टुकड़ा होता है जो एक लिफाफे पर चिपका रहता है, यह यह दर्शाता है कि प्रेषक ने प्राप्तकर्ता को सुपुर्दगी के लिए डाक सेवाओं का पूरी तरह से या आंशिक रूप से भुगतान किया है। डाक टिकट, डाक भुगतान करने का सबसे लोकप्रिय तरीका है; इसके अलावा इसके विकल्प हैं, पूर्व प्रदत्त-डाक लिफाफे, पोस्टकार्ड, हवाई पत्र आदि। डाक टिकटों को डाक घर से खरीदा जा सकता है। डाक टिकटों के संग्रह को डाक टिकट संग्रह या फिलेटली कहा जाता है। डाक टिकट इकट्ठा करना एक शौक है। .

3 संबंधों: पोस्टकार्ड, लिफाफा, हवाई पत्र

पोस्टकार्ड

१८९० में प्रयुक्त एक ब्रिटिश पोस्टल कार्डपोस्टकार्ड एक मोटे कागज या पतले गत्ते से बना एक आयताकार टुकड़ा होता है जिसे संदेश लिखने के लिए प्रयोग किया जाता है, साथ ही इसे बिना किसी लिफाफे में बंद किये, डाक द्वारा भेजा भी जा सकता है। अधिकतर देशों में इसका शुल्क एक लिफाफे के (जिस पर डाक टिकट चिपकाई गयी हो) द्वारा भेजे गये एक पत्र की तुलना में कम होता है। पोस्टकार्ड का आविष्कार ऑस्ट्रिया में १८६९ को हुआ था। आस्ट्रिया में यह इतना लोकप्रिय हुआ कि इसकी देखा देखी अन्य देशों ने भी इसे अपनाने में देरी नहीं की। ब्रिटेन ने १८७२ में अपना पहला पोस्टकार्ड जारी किया तो भारत का पहला पोस्टकार्ड 1879 में जारी किया गया। भारत के पहले पोस्टकार्ड की कीमत तीन पैसे रखी गयी थी। साल की पहली तीन तिमाही में ही लगभग 7.5 लाख रुपए के पोस्टकार्ड बेचे गए थे। पहला चित्रित पोस्टकार्ड फ्रांस ने 1889 में जारी किया था और इस पर एफिल टॉवर अंकित था। पोस्टकार्डों के संग्रहण और अध्ययन को अंग्रेजी में डेल्टियोलॉजी कहते हैं। .

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लिफाफा

लिफाफा लिफाफा पते की खिड़की के साथलिफाफा एक संवेष्ठ (पैकेजिंग) उत्पाद है, जिसको आमतौर पर कागज या गत्ते जैसी सामग्री से बनाया जाता है। इसका प्रयोग चपटी या सपाट वस्तु के संवेष्ठन के लिए किया जाता है, डाक सेवा के संदर्भ में यह वस्तु, एक पत्र, कार्ड या बिल हो सकती है। पारंपरिक प्रकार के लिफाफे एक कागज की चादर को निम्न तीन आकारों में से किसी एक में काट कर बनाया जा सकता है: समचतुर्भुज (इसे विषमकोण या हीरे का आकार भी कहा जाता है) शॉर्ट-आर्म क्रास और पतंग। यह डिजाइन सुनिश्चित करते हैं कि लिफाफा को बनाते समय जब कटाई के पश्चात कागज को चारों ओर से मोड़ा जाता है तब सामने की ओर एक आयताकार पक्ष तथा दूसरी ओर चार त्रिभुजाकार (या आयताकार) बाहु प्राप्त होती हैं। आमने सामने की बाहु सममित होती हैं। इनमें से तीन बाहुओं को आपस में चिपका कर लिफाफा बनाया जाता है। चौथी बाहु लिफाफे मे पत्र या कार्ड आदि डालने के पश्चात बाकी तीन बाहुओं के ऊपर चिपका दी जाती है या उसे यूं ही छोड़ दिया जाता है। 1876 में विलियम इरविन मार्टिन ने लेखन सामग्री विक्रेता की पुस्तिका प्रकाशित की। वो न्यूयॉर्क में सैमुएल रेनर एंड कंपनी के लिए काम किया करते थे। उन्होने लिफाफों के लिए पहली बार वाणिज्यिक आकारों का सृजन किया और उन्हें 0 से 12 क्रमांक के आधार पर वर्गीकृत किया। .

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हवाई पत्र

हवाई पत्र या ऐरोग्राम पतले कागज से बने उस कागज के टुकड़े को कहते है जिसका प्रयोग पत्र लिखने और फिर उसे हवाईडाक द्वारा भेजने में किया जाता है। इसके किनारों पर गोंद लगा रहता है ताकि पत्र लिखने के बाद इसे निश्चित मोड़ों से मोड़ कर चिपकाया जा सके। यह एक पत्र और लिफाफे का संगम है और इसके लिए किसी अतिरिक्त लिफाफे की आवश्यकता नहीं होती। इन पत्रों पर डाक टिकट अंकित होती हैं और अलग से टिकट चिपकाने की आवश्यकता नहीं होती। अधिकतर डाक सेवायें इन हल्के भार के पत्रों में किसी भी प्रकार की अन्य सामग्री रख कर भेजने की अनुमति नहीं देतीं, क्योंकि इन्हें अक्सर विदेश में एक विशेष दर पर भेजा जाता है। .

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