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आत्माराम और केन्‍द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसन्धान संस्‍थान

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आत्माराम और केन्‍द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसन्धान संस्‍थान के बीच अंतर

आत्माराम vs. केन्‍द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसन्धान संस्‍थान

डॉ आत्माराम (१२ अक्टुबर, १९०८ - ६ फ़रवरी १९८३) भारत के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। उनकी स्मृति में केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा 'आत्माराम पुरस्कार' दिया जाता है। चश्मे के काँच के निर्माण में उनका उल्लेखनीय योगदान था। वे केन्‍द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसन्धान संस्‍थान के निदेशक रहे तथा २१ अगस्त १९६६ को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक का पद संभाला। . केन्‍द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसंधान संस्‍थान (सीजीसीआरआई) भारत की कांच एवं सिरामिक से सम्बन्धित अनुसंधान की प्रमुख प्रयोगशाला है। यह पश्चिम बंगाल के यादवपुर (जादवपुर) में स्थित है। यह वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के अन्तर्गत है। इसका उद्देश्य कांच, सिरामिकी एवं संबन्धित पदार्थों के क्षेत्र में वैज्ञानिक-औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास करना है ताकि देश की जनता को अधिकतम आर्थिक, पर्यावरणीय एवं सामाजिक लाभ मिल सके। आरंभिक चरण में देश में उपलब्‍ध खनिज संसाधनों का पता लगाना एवं विशेष उत्पादों के विकास में उनका उपयोग करना ही मुख्‍य उद्देश्‍य था। इस संस्‍थान ने सन् 1944 में सीमित रूप में काम करना आरंभ तो कर दिया था परंतु औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन 26 अगस्‍त 1950 को किया गया। आरंभिक समय में यह सेन्‍ट्रल ग्‍लास एण्‍ड सिलिकेट रिसर्च इंस्‍टट्यूट के नाम से बना था और यह संस्‍थान वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुससंधान परिषद के अंतर्गत आरंभ की गई सबसे पहली चार प्रस्‍तावित प्रयोगशालाओंमें से एक है। अन्‍य तीन प्रयोगशालाएं हैं एन.सी.एल.-पुणे, एन.पी.एल-नई दिल्‍ली एवं सीएफआरआई-धनबाद। .

आत्माराम और केन्‍द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसन्धान संस्‍थान के बीच समानता

आत्माराम और केन्‍द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसन्धान संस्‍थान आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): भारत, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद, कांच

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद भारत का सबसे बड़ा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान एवं विकास संबंधी संस्थान है। इसकी स्थापना १९४२ में हुई थी। इसकी ३९ प्रयोगशालाएं एवं ५० फील्ड स्टेशन भारत पर्यन्त फैले हुए हैं। इसमें १७,००० से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। आधिकारिक जालस्थल हालांकि इसकी वित्त प्रबंध भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा होता है, फिर भी ये एक स्वायत्त संस्था है। इसका पंजीकरण भारतीय सोसायटी पंजीकरण धारा १८६० के अंतर्गत हुआ है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं/संस्थानों का एक बहुस्थानिक नेटवर्क है जिसका मैंडेट विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अनुप्रयुक्त अनुसंधान तथा उसके परिणामों के उपयोग पर बल देते हुए अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं प्रारंभ करना है। वतर्मान में ३९ अनुसंधान संस्थान हैं जिनमें पाँच क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाएं शामिल हैं। इनमें से कुछेक संस्थानों ने अपने अनुसंधान क्रियाकलापों को और गति प्रदान करने के लिए प्रायोगिक, सर्वेक्षण क्षेत्रीय केन्द्रों की भी स्थापना की है तथा वतर्मान में 16 प्रयोगशालाओं से सम्बद्ध ऐसे 39 केन्द्र कायर्रत हैं। सीएसआईआर की गिनती विश्‍व में इस प्रकार के 2740 संस्‍थानों में 81वें स्‍थान पर होती है।(सितंबर २०१४) .

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कांच

स्वच्छ पारदर्शी कांच का बना प्रकाश बल्ब काच, काँच या कांच (glass) एक अक्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है। कांच आमतौर भंगुर और अक्सर प्रकाशीय रूप से पारदर्शी होते हैं। काच अथव शीशा अकार्बनिक पदार्थों से बना हुआ वह पारदर्शक अथवा अपारदर्शक पदार्थ है जिससे शीशी बोतल आदि बनती हैं। काच का आविष्कार संसार के लिए बहुत बड़ी घटना थी और आज की वैज्ञानिक उन्नति में काच का बहुत अधिक महत्व है। किन्तु विज्ञान की दृष्टि से 'कांच' की परिभाषा बहुत व्यापक है। इस दृष्टि से उन सभी ठोसों को कांच कहते हैं जो द्रव अवस्था से ठण्डा होकर ठोस अवस्था में आने पर क्रिस्टलीय संरचना नहीं प्राप्त करते। सबसे आम काच सोडा-लाइम काच है जो शताब्दियों से खिड़कियाँ और गिलास आदि बनाने के काम में आ रहा है। सोडा-लाइम कांच में लगभग 75% सिलिका (SiO2), सोडियम आक्साइड (Na2O) और चूना (CaO) और अनेकों अन्य चीजें कम मात्रा में मिली होती हैं। काँच यानी SiO2 जो कि रेत का अभिन्न अंग है। रेत और कुछ अन्य सामग्री को एक भट्टी में लगभग 1500 डिग्री सैल्सियस पर पिघलाया जाता है और फिर इस पिघले काँच को उन खाँचों में बूंद-बूंद करके उंडेला जाता है जिससे मनचाही चीज़ बनाई जा सके। मान लीजिए, बोतल बनाई जा रही है तो खाँचे में पिघला काँच डालने के बाद बोतल की सतह पर और काम किया जाता है और उसे फिर एक भट्टी से गुज़ारा जाता है। .

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आत्माराम और केन्‍द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसन्धान संस्‍थान के बीच तुलना

आत्माराम 14 संबंध है और केन्‍द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसन्धान संस्‍थान 13 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 11.11% है = 3 / (14 + 13)।

संदर्भ

यह लेख आत्माराम और केन्‍द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसन्धान संस्‍थान के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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