लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

B − L

सूची B − L

उच्च ऊर्जा भौतिकी में B − L (उच्चारण "बी माइनस एल" या "बी ऋण एल") बेरिऑन संख्या (B) और लेप्टॉन संख्या (L) का अन्तर है। .

11 संबंधों: दुर्बल हाइपर आवेश, न्यूट्रिनो, पाइआन, प्रोटॉन, पोजीट्रॉन, बेरिऑन संख्या, लेप्टॉन संख्या, संरक्षण नियम, कण भौतिकी, X (आवेश), X और Y बोसॉन

दुर्बल हाइपर आवेश

दुर्बल हाइपर कण भौतिकी में दुर्बल हाइपर आवेश एक संरक्षित क्वांटम संख्या है जो विद्युत आवेश और दुर्बल समभारिक प्रचक्रण के तृतीय घटक में संबंध स्थापित करता है तथा प्रबल अन्योन्य क्रियाओं के समभारिक प्रचक्रण के लिए गेल-मान-निशिजमा सूत्र (Gell-Mann–Nishijima formula) के समान होता है (जो संरक्षित नहीं रहता)। इसे अक्सर YW द्वारा निरूपित किया जाता है और यह गेज सममिति (gauge symmetry) U(1) के समान होत है। .

नई!!: B − L और दुर्बल हाइपर आवेश · और देखें »

न्यूट्रिनो

न्यूट्रिनो (Neutrino) यह एक नया कण (Particle) है जिसका सर्वप्रथम आविष्कार सन्‌ १९३० में पौली ने किया था। इस कण का प्रथम सैद्धांतिक आधार प्रसिद्ध भौतिकीविद फर्मी ने सन्‌ १९३४ में बतलाया। .

नई!!: B − L और न्यूट्रिनो · और देखें »

पाइआन

कण भौतिकी में पाइआन अथवा पाइमेसॉन एक संयुक्त हैड्रॉन कण है। दो भिन्न क्वार्क के संयोजन से यह कण प्राप्त होता है। प्रकृति में तीन प्रकार के पाइआन, और पाये जाते हैं। पाइआन सबसे कम द्रव्यमान वाले मेसॉन कण होते हैं जो निम्न ऊर्जा पर प्रबल अन्योन्य क्रियाओं को साझने में सहायक है। .

नई!!: B − L और पाइआन · और देखें »

प्रोटॉन

प्राणु संरचना प्राणु (प्रोटॉन) एक धनात्मक विध्युत आवेशयुक्त मूलभूत कण है, जो परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन के साथ पाया जाता हैं। इसे p प्रतिक चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता है। इस पर 1 दो अप-क्वार्क और एक डाउन-क्वार्क से मिलकर बना होता है। स्वतंत्र रूप से यह उदजन आयन H+ के रूप में पाया जाता है। .

नई!!: B − L और प्रोटॉन · और देखें »

पोजीट्रॉन

पाजीट्रोन (e+) या पोजीटिव इलेक्ट्रोन (धन आवेश युक्त इलेक्ट्रोन) परमाणु में पाया जाने वाला एक मौलिक कण है। यह धन आवेश युक्त इलेक्ट्रोन है। इसके गुण इलेक्ट्रोन के समान होते किन्तु दोनो में अंतर यह है कि इलेक्ट्रोन ऋण आवेश युक्त कण है तथा पोजीट्रोन धन आवेश युक्त कण है। इसका द्रव्यमान इलेक्ट्रोन के द्रव्यमान के समान होता है। इसकी खोज सन १९३२ में कार्ल डी एंडरसन ने की थी। इसका विद्युत आवेश +1.602176487(40)×10−19 कूलाम्ब होता है। इसकी घूर्णन गति आधी होती है। पोजिट्रोन को β+ चिन्ह से भी दर्शाते है। जब पोजिट्रोन तथा इलेक्ट्रोन की टक्कर होती है तो दोनो नष्ट हो जाते हैं और दो गामा किरण फोटान उत्पन्न होती है। चिकित्सालय में उपयोग होने वाले एक्स किरण में न्यूट्रोन, गामा किरण, प्रोटोन, न्यूट्रिनो, के साथ पोजिट्रोन भी शामिल रहता है। .

नई!!: B − L और पोजीट्रॉन · और देखें »

बेरिऑन संख्या

कण भौतिकी में बेरिऑन संख्या निकाय की लगभग संरक्षित क्वान्टम संख्या है। जहाँ nq क्वार्क की एक संख्या है और n प्रतिक्वार्क की एक संख्या है। बेरिऑनों (तीन क्वार्क) की बेरिऑन संख्या +1, मेसॉनों (एक क्वार्क, एक प्रतिक्वार्क) की बेरिऑन संख्या 0 (शून्य) और प्रतिबेरिऑनों (तीन प्रतिक्वार्क) की बेरिऑन संख्या −1 होती है। इतर हैड्रॉन जैसे पेन्टाक्वार्क (चार क्वार्क, एक प्रति क्वार्क) और चतुष्क्वार्क (दो क्वार्क, दो प्रतिक्वार्क) को भी उनकी बेरिऑन संख्या के आधार पर बेरिऑनों एवं मेसॉनों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। .

नई!!: B − L और बेरिऑन संख्या · और देखें »

लेप्टॉन संख्या

लेप्टॉन संख्या कण भौतिकी में लेप्टॉन संख्या लेप्टॉन में से प्रतिलेप्टॉनों की संख्या को घटाने अर प्ताप्त संख्या है। समीकरण रूप में, इस प्रकार सभी लेप्टॉनों को +1 आवंटित किया जाता है, सभी प्रतिलेप्टॉनों को −1 और जो लेप्टॉन नहीं हैं उनकी लेप्टॉन संख्या 0 मानी जाती है। लेप्टॉन संख्या (कभी-कभी लेप्टॉन आवेश भी कहा जाता है) एक योगज क्वांटम संख्या है, अर्थात किसी भी अन्योन्य क्रिया में कुल लेप्टॉन संख्या संरक्षित रहती है। लेप्टॉनीय संख्या की तुलना में, लेप्टॉनिक परिवार संख्या भी परिभाषित की जाती है.

नई!!: B − L और लेप्टॉन संख्या · और देखें »

संरक्षण नियम

भौतिक विज्ञान में संरक्षण नियम किसी विलगीत भौतिक निकाय का विशिष्ट मापन योग्य गुणधर्म निकाय में विकास अथवा समय के साथ परिवर्तित नहीं होता। .

नई!!: B − L और संरक्षण नियम · और देखें »

कण भौतिकी

कण भौतिकी, भौतिकी की एक शाखा है जिसमें मूलभूत उप परमाणविक कणो के पारस्परिक संबन्धो तथा उनके अस्तित्व का अध्ययन किया जाता है, जिनसे पदार्थ तथा विकिरण निर्मित हैं। हमारी अब तक कि समझ के अनुसार कण क्वांटम क्षेत्रों के उत्तेजन (excitations) हैं। दूसरे कणों के साथ इनकी अन्तःक्रिया की अपनी गतिकी है। कण भौतिकी के क्षेत्र में अधिकांश रुचि मूलभूत क्षेत्रों (fundamental fields) में है। मौलिक क्षेत्रों और उनकी गतिशीलताओ के सार को सिद्धान्त के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसिलिये कण भौतिकी में अधिकतर स्टैंडर्ड मॉडल (Standard Model) के मूल कणों तथा उनके सम्भावित विस्तार के बारे में अध्यन किया जाता है। .

नई!!: B − L और कण भौतिकी · और देखें »

X (आवेश)

कण भौतिकी में, X-आवेश (अथवा साधारणतया X) SO(10) महा एकीकृत सिद्धांत से सम्बध एक संरक्षित क्वान्टम संख्या है। X बेरिऑन संख्या B और लेप्टॉन संख्या L के अन्तर (''B'' − ''L'') से सम्बंधित है और दुर्बल हाइपर आवेश YW से निम्न संबंध है: .

नई!!: B − L और X (आवेश) · और देखें »

X और Y बोसॉन

कण भौतिकी में X और Y बोसॉन (अथवा कभी-कभी संयुक्त रूप से केवल X बोसॉन भी कहा जाता है) W और Z बोसॉनों के सदृश परिकल्पित मूलकण हैं, लेकिन यहाँ कार्यरत बल भिन्न है जिसे ग्रांड यूनिफाइड सिद्धान्त में जॉर्जी-ग्लेशो मॉडल ने प्रागुक्त किया है। .

नई!!: B − L और X और Y बोसॉन · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

बेरिऑन संख्या - लेप्टॉन संख्या

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »